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विदर्भ का 1 लाख हेक्टेयर क्षेत्र सिंचाई से वंचित, करोड़ों का नुकसान, सरकार को नोटिस

डिजिटल डेस्क,नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच में लोकनायक बापूजी अणे स्मारक समिति सदस्य अमृत दीवान ने जनहित याचिका दायर कर विदर्भ के अधूरे 53 सिंचाई प्रकल्पों का मुद्दा उठाया है। याचिकाकर्ता की पिछली याचिका पर विदर्भ सिंचाई महामंडल ने हाईकोर्ट में शपथपत्र देकर प्रकल्पों को पूरा करने का समयबद्ध शेड्यूल दिया गया था। निर्धारित समय पर प्रकल्प पूरे नहीं हुए जिससे विदर्भ का 1 लाख हेक्टेयर का क्षेत्र सिंचाई से वंचित रह गया। इससे विदर्भ को 1 हजार करोड़ रुपए का प्रतिवर्ष नुकसान हो रहा है।
मामले में याचिकाकर्ता का पक्ष सुनकर केंद्रीय शहर विकास विभाग, प्रदेश सामान्य प्रशासन विभाग, शहर विकास विभाग, वन मंत्रालय, विदर्भ सिंचाई महामंडल (वीआईडीसी) और प्रदेश सिंचाई विभाग को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता की ओर से एड. भारती दाभाडकर काले ने पक्ष रखा।
यह है मामला
उल्लेखनीय है कि याचिकाकर्ता संस्था ने वर्ष 2012 में हाईकोर्ट में सिंचाई की समस्या पर केंद्रित जनहित याचिका दायर की थी। जिस पर कोर्ट ने वीआईडीसी को विविध सिंचाई प्रकल्पों की मौजूदा स्थिति और उन्हें पूरा करने के लिए समयबद्ध शेड्यूल देने के आदेश दिए थे। वीआईडीसी ने कोर्ट में इससे जुड़ा शपथपत्र भी प्रस्तुत कर दिया था।
याचिकाकर्ता संस्था ने अन्य सामाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर कई बार विदर्भ के विविध सिंचाई प्रकल्पों का दौरा किया। इसमें यह बात सामने आई कि हाईकोर्ट के आदेश को 4 साल से अधिक का वक्त बीच चुका है, मगर अब तक प्रकल्पों का 10 प्रतिशत कार्य भी पूरा नहीं हो पाया जिससे सिंचाई के कार्य बुरी तरह प्रभावित हुए। वीआईडीसी ने कोर्ट को दिया आश्वासन समय रहते पूरा नहीं किया। तय समय पर सिंचाई प्रकल्पों के पूरा नहीं होने से विदर्भ का 1 लाख हेक्टेयर क्षेत्र सिंचाई से वंचित रह गया। याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से वीआईडीसी को जल्द से जल्द निर्माणकार्य पूरा करने के आदेश जारी करने की प्रार्थना की है।
Created On :   28 Jun 2018 3:55 PM IST