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न्यायिक प्रक्रिया के दुरुपयोग के लिए कंपनी पर 10 हजार की कॉस्ट
डिजिटल डेस्क, नागपुर । नागपुर के अतिरिक्त जिला उपभोक्ता शिकायत निवारण आयोग ने मुथुुट फायनांस प्रा. लिमिटेड की अर्जी खारिज करते हुए 10 हजार रुपए की कॉस्ट भी लगाई है। दरअसल जिला शिकायत निवारण आयोग के समक्ष विचाराधीन एक अन्य मामले को लेकर कंपनी ने जिला उपभोक्ता शिकायत निवारण आयोग के कर्मचारियों पर आरोप लगाया था कि कर्मचारी प्रकरण से संबंधित जानकारी नहीं देते और कंपनी द्वारा दिया गया जवाब भी रिकॉर्ड पर नहीं लिया गया।
यह था आरोप
दरअसल 13 जुलाई 2022 को आयोग ने कंपनी के खिलाफ एक शिकायत मंजूर करते हुए आदेश जारी किया था। इस मामले में कंपनी के जवाब पेश नहीं करने पर कंपनी ने पुनर्विचार अर्जी दायर करते हुए आयोग से अपने फैसले पर फिर से विचार करने की प्रार्थना की थी। इस अर्जी के अनुसार प्रकरण से जुड़ी कई सुनवाई की जानकारी मांगने के बाद भी कर्मचारियों ने जानकारी नहीं दी। साथ ही प्रकरण का कोई ऑनलाइन अपडेट भी नहीं था। सितंबर 2019 में कंपनी द्वारा पेश किए गए एक जवाब काे भी आयोग ने रिकॉर्ड पर नहीं लिया। ऐसे में इस मामले में पूर्णत: आयोग के कर्मचारियों की गलती बता कर कंपनी ने आयोग को अपने आदेश पर पुनर्विचार करने की प्रार्थना की थी।
अर्जी खारिज की
इस मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद आयोग ने माना कि मूल प्रकरण में कई बार मौका देने के बावजूद कंपनी ने अपना उत्तर दाखिल नहीं किया। जिसके कारण आयोग को बगैर कंपनी का पक्ष सुने कार्रवाई आगे बढ़ानी पड़ी। लेकिन अपनी गलती को कंपनी आयोग के कर्मचारियों के सिर डालने का प्रयास कर रही है। यह सरासर न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग है। इस निरीक्षण के साथ आयोग ने कंपनी की अर्जी खारिज की। साथ की कंपनी पर 10 हजार रुपए की कॉस्ट लगा कर यह रकम 15 दिन के भीतर ग्राहक कल्याण निधि में जमा करने का आदेश दिया।
Created On :   2 Nov 2022 6:10 PM IST