जलयुक्त शिवार में डूबे 10 हजार करोड़, कांग्रेस ने मांगा फडणवीस का इस्तीफा  

10 thousand crores immersed in Jalyukt Shivar, Congress demands Fadnaviss resignation
जलयुक्त शिवार में डूबे 10 हजार करोड़, कांग्रेस ने मांगा फडणवीस का इस्तीफा  
जलयुक्त शिवार में डूबे 10 हजार करोड़, कांग्रेस ने मांगा फडणवीस का इस्तीफा  

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव व प्रवक्ता सचिन सावंत ने पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के कार्यकाल में शुरु की गई जलयुक्त शिवार योजना को झोलयुक्त शिवार योजना बताया है। इसके साथ ही सावंत ने कहा है कि योजना के नाम पर 10 हजार करोड़ रुपए डुबाने वाले विधानसभा में विपक्ष के नेता फडणवीस को इस्तीफा दे देना चाहिए। सावंत ने जलयुक्त शिवार योजना को लेकर कैग की रिपोर्ट में प्रतिकूल टिप्पणी किए जाने के बाद यह बात कही है। उन्होंने कहा कि इस योजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। कांग्रेस ने पहले ही इसका जानता के सामने खुलासा किया था। अब कैग की रिपोर्ट ने भी इस योजना में हुई गड़बड़ी की पोल खोल दी है। उन्होंने कहा कि इस योजना में हुए भ्रष्टाचार की जांच न्यायालय से कराई जानी चाहिए। यह योजना पूरी तरह से अपने उद्देश्य को पूरा करने में विफल रही है। क्योंकि इस योजना से  न तो भूजल स्तर बढ़ा है और न ही सिंचन क्षेत्र बढ़ा है। 
 
सावंत ने कहा कि साल 2018 की भूजल सर्वेक्षण से जुड़ी रिपोर्ट में भी राज्य के 31 हजार 15 गांवों के भूजल स्तर में गिरावट होने की बात कही गई थी। उस वक्त कांग्रेस ने तब की भाजपा सरकार का ध्यान इस ओर आकर्षित कराया था। पर इसे गंभीरता से नहीं लिया गया । इसके बाद उन गांवों को सूखा ग्रस्त घोषित किया गया, जिन्हें पहले सूखा मुक्त बताया गया था। उन्होंने कहा कि इस योजना पर हजारों करोड़ रुपए खर्च किए जाने के बावजूद टैंकर से पानी पहुचाने पर निधि खर्च की जाती रही। साल 2019 के मई महीने में सात हजार से अधिक पानी के टैंकर की आपूर्ति जारी रही। इसके बावजूद तत्कालीन फडणवीस सरकार इस योजना का गुणगान करती रही। 
उन्होंने दावा किया कि मी लाभार्थी योजना के विज्ञापन के नाम पर सैकड़ों करोड़ रुपए खर्च किए गए। इसकी वसूली भाजपा से की जानी चाहिए। लाभार्थी के रुप में दिखाया गया किसान दंपति भाजपा से जुड़ा हुआ पाया गया था। राज्य के कई इलाकों में भाजपा सरकार की योजना की पोल खोली गई। कई तथ्य दर्शाते है कि जलयुक्त शिवार योजना में भ्रष्टाचार हुआ है। इस योजना में हुई गड़बड़ी की न्यायिक जांच जरूरी है। इस विषय पर हम जल्द ही मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात करेंगे। 
 
व्यापक स्तर पर नहीं हुआ योजना का मूल्यांकनः शेलार

भारतीय जनता पार्टी के नेता व विधायक आशिष शेलार के मुताबिक जलयुक्त शिवार योजना का मूल्यांकन व्यापक स्तर पर नहीं किया गया है। जलयुक्त शिवार योजना के तहत हुए कार्य में सिर्फ 0.17 प्रतिशत कार्य का ही मूल्यांकन  किया गया है। सिर्फ 120 गांवों को देखकर ही जलयुक्त शिवार योजना को लेकर निष्कर्ष निकलना क्या उचित व सही है। इस पर विचार होना चाहिए। क्योंकि इस योजना से बड़ी संख्या में गांवों को पानी की किल्लत से राहत मिली है। सही अर्थों में व गंभीरता से देखा जाए तो कैग की रिपोर्ट ठाकरे सरकार को इस योजना को जारी रखने के लिए कह रही है। 

Created On :   9 Sep 2020 3:31 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story