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नागपुर में कोरोना के 1550 नए मरीज और 50 की मौत, पुणे- मुंबई के बाद उपराजधानी में सबसे ज्यादा टेस्ट
डिजिटल डेस्क, नागपुर। उपराजधानी में कोरोना संक्रमितों की संख्या अब 41 हजार पार पहुंच गई है। प्रतिदिन लगभग 2 हजार का अंतर संक्रमितों के आंकडों में देखने को मिल रहा है। सोमवार को शाम 5 बजे तक जिले में 1550 नमूने पॉजिटिव पाए गए। इसके साथ ही 50 लोगों की मौत हो चुकी है। 1550 नए केस में मेयो से 371, मेडिकल से 44, एम्स से 5, माफसू से 74, नीरी से 72, निजी लैब से 331 और एंटीजन से 653 नमूने पाॅजिटिव आए हैं। इन मरीजों में 294 ग्रामीण के, 1250 शहर के और 6 जिले के बाहर के हैं। कुल संक्रमितों की संख्या 41032 पहुंच गई है। पिछले 24 घंटे में 50 लोगों की मौत हुई है। इसमें 7 ग्रामीण के, 37 शहर के और 6 जिले के बाहर के हैं। कुल मृतकाें की संख्या 1365 हो गई है।
डिस्चार्ज : 1390 मरीज स्वस्थ हो कर घर गए। इन्हें मिलाकर कुल 28658 मरीज अब तक स्वस्थ हो चुके हैं। इसमें 15377 होम आइसोलेशन में ठीक हो चुके मरीज भी शामिल हैं।
100 एंबुलेंस की व्यवस्था जल्द
कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच बेड और एंबुलेंस उपलब्ध नहीं होने की लगातार शिकायतें आ रही हैं। अनेक मरीज हॉस्पिटल के गेट से वापस लौट रहे हैं तो कई हॉस्पिटल पहुंच भी नहीं पा रहे हैं और कई लोग उपचार के अभाव में ही दम तोड़ रहे हैं। इसे लेकर शहर में असंतोष और घबराहट की स्थिति बनी हुई है। इस स्थिति से निपटने में प्रशासनिक स्तर पर रोजाना युद्धस्तर पर बैठकें हो रहीं है। मनपा आयुक्त राधाकृष्णन बी. ने स्थिति को सामान्य बनाने के लिए पद संभालते ही कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। फिलहाल मरीजों को अस्पतालों तक पहुंचाने को प्राथमिकता देने का दावा किया गया है।
एक्सपर्ट टीम के सुझाव पर अमल
दैनिक भास्कर से विशेष बातचीत करते हुए आयुक्त राधाकृष्णन बी. ने कहा कि मुंबई की एक्सपर्ट टीम के सुझाव अनुसार एंबुलेंस बढ़ाने पर जोर है। कुछ दिन पहले तक शहर में सिर्फ 15 एंबुलेंस थी। इसे बढ़ाकर 45 तक किया गया है। अगले 3-4 दिनों में और 50 एंबुलेंस शहर में होगी। प्रादेशिक परिवहन विभाग को आदेश दिए गए हैं। तीन-चार दिन में शहर में 100 एंबुलेंस होगी। एंबुलेंस की कमी या कोई असुविधा न हो, इसके लिए हर जोन स्तर पर कम से कम 5-5 एंबुलेंस उपलब्ध कराई जाएगी। अब जोन स्तर पर कॉल सेंटर भी होंगे। जल्द ही इसके नंबर भी जारी किए जाएंगे ऐसे में अब सभी सुविधाएं जरूरतमंदों को जोन स्तर पर उपलब्ध होगी। मरीज या रिश्तेदार ज्यादा से ज्यादा कॉल सेंटर का इस्तेमाल करें।
शहर में बेड उपलब्ध नहीं होने की स्थिति पर बोलते हुए आयुक्त राधाकृष्णन बी. ने कहा कि ऐसी स्थिति नहीं है। बेड उपलब्ध है। नए निजी अस्पतालों की संख्या भी बढ़ाई गई है। और बेड बढ़ाने के प्रयास हो रहे हैं, लेकिन मरीज के रिश्तेदार पसंदीदा अस्पतालों को प्राथमिकता दे रहे हैं। भर्ती होने के पहले ही सभी वेंटिलेटर है या नहीं? जैसे सवाल कर रहे हैं। जिस वजह से बेड नहीं मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि अस्पतालों को प्राथमिकता न दी जाए। जो अस्पताल मिल रहे हैं, सबसे पहले वहां मरीजों को भर्ती किया जाए। लोग देर से जांच कराने पहुंच रहे हैं, जिसकी वजह से समस्या आ रही है। एक उदाहरण देते हुए आयुक्त ने बताया कि एक बुजुर्ग महिला रविवार को जांच कराने पहुंची। उसका अॉक्सीजन लेवल 82 था। यह देरी फिर घातक बनती है।
ज्यादा चार्ज लेने पर कहा- अस्पताल का नाम बताएं : निजी अस्पतालों द्वारा बेड नहीं देने या शुल्क ज्यादा लेने की शिकायत पर आयुक्त ने कहा कि फिलहाल स्पेसिफिक अस्पताल की शिकायत दी जाए, हम उस पर कार्रवाई करेंगे। फिलहाल अस्पतालों में मुंबई की तर्ज पर डैश बोर्ड लगाए जाएंगे। इसके लिए एक टीम भी मुंबई भेजी जा रही है। यह टीम वहां की व्यवस्थाओं का जायजा लेगी। 7 दिन में डैश बोर्ड अस्पतालों पर दिखेंगे।
पुणे, मुंबई के बाद नागपुर में सबसे ज्यादा टेस्ट
आयुक्त राधाकृष्णन बी. ने कहा कि मामले बढ़ने का एक कारण टेस्ट बढ़ना भी है। पुणे, मुंबई के बाद सबसे ज्यादा नागपुर में टेस्ट किए जा रहे हैं। रविवार को 6700 टेस्ट किए गए। रोजाना टेस्ट की संख्या बढ़ रही है। बेड की संख्या बढ़ाने के साथ ऑक्सीजन और वेंटिलेटर्स की भी संख्या बढ़ाई गई है। अभी शहर में 3 हजार ऑक्सीजन बेड और 900 के करीब वेंटिलेटर बेड हैं। अॉक्सीजन सप्लाई को लेकर समीक्षा भी की गई है। सोमवार को भी सभी की बैठक बुलाई गई है। लगातार प्रयास जारी है। आरटीपीसीआर टेस्ट रिपोर्ट भी अब 24 घंटे में देने की तैयारी की जा रही है।
Created On :   7 Sept 2020 5:18 PM IST