नागपुर में आर्थिक तंगी ने रोक दिए 150 ग्रीन बसों के पहिए

150 green buses have not provided by nagpur Metropolitan municipality
नागपुर में आर्थिक तंगी ने रोक दिए 150 ग्रीन बसों के पहिए
नागपुर में आर्थिक तंगी ने रोक दिए 150 ग्रीन बसों के पहिए

डिजिटल डेस्क, नागपुर। उपराजधानी की सड़कों पर दौड़ रहीं ग्रीन बसों का निर्माण स्कैनिया कमर्शियल व्हीकल लि. की बेंगलुरु यूनिट द्वारा किया गया है। कंपनी मनपा को 20, 34 और 54 सीटर बसें उपलब्ध कराने वाली थी। इस कंपनी द्वारा 50-50 बसों की खेप 3 चरणों में उपलब्ध करायी जानी थी। शहर में ग्रीन बसें संचालित करने की शुरुआत अगस्त 2014 में हुई। तीन वर्ष पूर्ण होने को हैं लेकिन अब तक न तो बस उत्पादक कंपनी द्वारा अपेक्षित बसों की आपूर्ति की गई और न ही नागपुर महानगर पालिका ने किसी अन्य कंपनी से बस आपूर्ति के संदर्भ में अनुबंध किया। स्कैनिया कंपनी द्वारा इन तीन सालों में पहली खेप का आंकड़ा भी पार नहीं किया जा सका है। इस मामले में नागपुर महानगर पालिका की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। दूसरी ओर स्टार बसों (आपली बस) की संख्या पहले जहां 470 थी वह भी सिर्फ 292 रह गई है। सप्ताह भर पहले शहर की सड़कों पर मात्र 263 आपली बसें दौड़ रही थीं, जिनमें 5 ग्रीन बसें भी शामिल हैं। 29 नई बसें हाल ही में शामिल की गई हैं।

129 बसों में लगा है GPS
नागपुर महानगर पालिका द्वारा शहर बस व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त करने के लिए हाल ही में VNIL से 129 नई बसें खरीदी गई हैं। हाईटेक इन बसों में GPS सिस्टम और सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। इन बसों  को प्रायोगिक तौर पर शहर में दौड़ाकर यह जानने का प्रयास किया जा रहा है कि शहर बस व्यवस्था के निर्बाध संचालन में क्या-क्या खामियां व परेशानियां हो सकती हैं। फिलहाल इन बसों का नियंत्रण रेलवे स्टेशन के पूर्व द्वारा के पास स्थिति नागपुर महानगर पालिका की नाका क्र. 13 की इमारत से हो रहा है।

आगामी दिनों में इसी इमारत को शहर बस सेवा का कंट्रोल रूम बनाया जाना है। इसके लिए व्यापक पैमाने पर तैयारी शुरू है। वर्तमान में शहर में दौड़ रहीं ग्रीन बसों तथा अन्य 287 बसों पर नियंत्रण की अलग-अलग स्तरों पर जांच की जा रही है। इसके लिए इस कंट्रोल रूम में एक वृहत आकार का एलसीडी लगाया जाएगा जिस पर कंप्यूटर के जरिए किसी भी बस का लोकेशन, स्पीड, स्टापेज, आदि का पता चल सकेगा। यही नहीं बस दुर्घटना की शिकार होने, बंद पड़ने, सड़क पर किसी प्रकार का हंगामा होने आदि की भी जानकारी GPS सिस्टम के जरिए कंट्रोल रूम को प्राप्त हो सकेगी।

प्रदूषण होगा कम

नागपुर में ग्रीन बस की संख्या बढ़ाने को लेकर भी विचार हो रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य शहर में फैलते प्रदूषण को कम करना है। ग्रीन बसों में इंधन के रूप में एथेनॉल का प्रयोग किया जा रहा है। वातानुकूलित ग्रीन बस में 34 यात्रियों के बैठने की व्यवस्था है। साथ ही दिव्यांग यात्रियों को सवार करने के लिए इन बसों में रैम्प की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा बस चालक द्वारा कंट्रोल रूम को आवश्यक सूचना देने अथवा निर्देश प्राप्त करने के लिए बस में ही मोबाइल मुहैया कराया गया है।

इस बस में यात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए सीट के पास लगे खंभों में स्विच दिए गए हैं। इन स्विच को दबाकर यात्री बस चालक को बस रोकने का इशारा कर सकते हैं। एथेनॉल से संचालित इन बसों को पर्यावरण के प्रति अनुकूल माना गया है। यही कारण है कि शहर में ग्रीन बसों की संख्या बढ़ाई जा सकती है। आगामी दिनों में यात्रियों की सुविधा के लिए कॉमन मोबाइल कोड की भी  व्यवस्था की जानी है।

Created On :   24 Aug 2017 3:48 AM GMT

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