168 करोड़ कर दिए खर्च, फिर भी संभाग के 2348 आंगनबाड़ी केंद्रों में पानी नहीं

168 crores are spent, still no water in 2348 Anganwadi centres
168 करोड़ कर दिए खर्च, फिर भी संभाग के 2348 आंगनबाड़ी केंद्रों में पानी नहीं
168 करोड़ कर दिए खर्च, फिर भी संभाग के 2348 आंगनबाड़ी केंद्रों में पानी नहीं

डिजिटल डेस्क, नागपुर। आंगनबाड़ी छोटे बच्चों की पोषण, स्वास्थ्य और शिक्षा संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति करने के लिए एकीकृत बाल विकास सेवाएं कार्यक्रम के रूप में ग्राम स्तर पर सरकार द्वारा समर्थित एक केंद्र हैं। आंगनबाड़ी 6 वर्ष तक की आयु के बच्चों, किशोर युवतियों, गर्भवती महिलाओं, शिशुओं की देख-रेख तथा माताओं की आवश्यकताओं की पूर्ति करती है। सफाई, जल और स्वच्छता सुविधाओं के अलावा शौचालय यहां की अपरिहार्यता में शामिल है। अगर संभाग की बात करें तो 11944 आंगनबाड़ी और मिनी आंगनबाड़ी केंद्र हैं, लेकिन अमूमन सभी अपना ही रोना रो रहे हैं। संभाग में 2 हजार 348 ऐसे केंद्र हैं, जहां पेयजल की सुविधा तक नहीं और लगभग 3 हजार 373 केंद्रों में शौचालय की सुविधा का अभाव बना हुआ है।  वह भी तब, जब  इन आंगनबाड़ियों को नए इमारतों के लिए 203 करोड़ रुपए दिए थे और उसमें से 168 करोड़ की निधि खर्च भी की जा चुकी है। दरअसल, संभाग के हजारों आंगनबाड़ी एवं मिनी आंगनबाड़ी केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों को कठोरता से अमल करने में नाकाम साबित हो रही हैं।

लड़कियों को स्कूल में भेजना बंद कर देते हैं अभिभावक

सर्वोच्च न्यायालय ने अपने एक आदेश में शिक्षा के अधिकार कानून के संदर्भ में कहा था कि, ‘‘6 से 14 साल तक के बच्चों को मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा की गारंटी भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 (क) के तहत मौलिक अधिकार के रूप में दी गई है। यह अधिकार तब तक पूरा नहीं हो सकता है, जब तक कि शालाओं में मूलभूत सुविधा के रूप में सुरक्षित पेयजल एवं शौचालय उपलब्ध नहीं करा देते। अनुभवों एवं सर्वेक्षण से यह पता चलता है कि अभिभावक खासतौर से लड़कियों को स्कूल में भेजना बंद कर देते हैं, जहां शौचालय का अभाव होता है। ऐसे में शिक्षा का प्रथम स्थल कहे जाने वाले आंगनबाड़ियों एवं मिनी आंगनबाड़ियों की बद-से-बदतर स्थिति को लेकर प्रशासन के आला अधिकारी तथा सरकार अधिक गंभीर नजर नहीं आती। केवल निधि उपलब्ध करा देने के बाद उन आंगनबाड़ियों में मुहैया कराई जा रही सुविधाओं को लेकर गंभीरता न बरते जाने के कारण हालात चिंताजनक है। 

निर्माण व विकास कार्य जारी

एम. डी. बोरखेडे, विभागीय उपायुक्त, महिला व बाल कल्याण विभाग के मुताबिक आंगनबाड़ियों एवं मिनी आंगनबाड़ियों में पेयजल की समस्या नहीं है। गांवों में मौजूद आंगनबाड़ियां पानी की पहुंच से दूर नहीं हैं। बच्चों को आसानी से पानी उपलब्ध हो जाता है। आंगनबाड़ियों का निर्माण कार्य जारी है। सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं।


नागपुर संभाग में आंगनबाड़ी व मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों की मौजूदा स्थिति


जिला          केंद्र         स्वतंत्र        शौचालय       पेयजल
                               इमारत        नहीं              नहीं
नागपुर        2423     1594          643             278
वर्धा            1468     1071          424             759
भंडारा         1305     1233           112              49
गोंदिया       1755     1595           399              18
चंद्रपुर         2684     2224           647            376
गड़चिरोली   2289     1466          1148           868
कुल           11944     9183         3373         2348


नागपुर संभाग में आंगनबाड़ी इमारतों का निर्माण (निधि-लाखों में) 

वर्ष              प्राप्त निधि       खर्च      लक्ष्य        पूर्ति
2009-10     2011.67     1958.26     545        536
2010-11     7103.16     6012.66     1764     1572
2011-12     4747.78     3314.11      908        681
2012-13     1520.07     1410.09     297        160
2013-14     1831.60     1589.61     329        218
2014-15     1888.10     1568.95     280        106
2015-16     707.22        559.17      286          67
2016-17     522.00        439.52       97           60
कुल          20301.60     16852.37     4488     3400

Created On :   4 March 2018 2:39 PM IST

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