नागपुर में लगेंगे 171 टॉवर , BSNL की कनेक्टिविटी होगी तेज

171 towers will in Nagpur for connectivity of BSNL
नागपुर में लगेंगे 171 टॉवर , BSNL की कनेक्टिविटी होगी तेज
नागपुर में लगेंगे 171 टॉवर , BSNL की कनेक्टिविटी होगी तेज

डिजिटल डेस्क,नागपुर। उपराजधानी में बीएसएनएल कनेक्टीविटी तेज करने के लिए मोबाइल 8.5 प्रोजेक्ट पर  विचार हो रहा है। ब्राडबैंड कनेक्शन में बीएसएनएल को महारथ है आैर अब मोबाइल की संख्या तेजी से बढ़ाने की दिशा में भी कदम उठाए जा रहे हैं। अप्रैल 2018 तक 171 बीटीएस टाॅवर लगाने की बीएसएनएल की योजना है। 

पदोंं भी बदले
साल 2000 में दूरसंचार से अलग होकर बीएसएनएल बना। उस वक्त नागपुर जिले में बीएसएनएल के पास 2 लाख से ज्यादा लैंडलाइन कनेक्शन थे। उस वक्त बीएसएनएल नागपुर के मुखिया के पद पर वरिष्ठ महाप्रबंधक स्तर के अधिकारी बैठते थे। नागपुर के महत्व व जनसंख्या को देखते हुए ग्रेड बढ़ाकर यहां प्रधान महाप्रबंधक स्तर के अधिकारी की नियुक्ति की गई थी। 2015 में तत्कालीन प्रधान महाप्रबंधक आर. एन. पटेल छत्तीसगढ़ में मुख्य महाप्रबंधक पद पर पदोन्नति पर गए आैर यहां यहां पीजीएम का पद जीएम का बना दिया गया था। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस व केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी के गृहनगर के लिए यह किसी झटके से कम नहीं था। दो साल बाद सरकार ने पुन: यहां का पद अपग्रेड कर पीजीएम स्तर का बनाया आैर ए. के. वाजपेयी को यहां का पीजीएम बनाया। 

मोबाइल यूजर्स की संख्या पर नजर
वर्तमान में बीएसएनएल के पास 40 हजार लैंडलाइन व 60 हजार ब्राडबैंड कनेक्शन हैं। मोबाइल यूजर्स की संख्या 2 लाख 50 हजार है। नागपुर में जिस तेजी से मोबाइल यूजर्स की संख्या बढ़ रही है, उसे देखा जाए तो बीएसएनएल के पास मोबाइल यूजर्स की संख्या कम है। जिले के दूरदराज इलाके में मोबाइल की कनेक्टिविटी के बारे में अक्सर सवाल उठते रहे हैं। मोबाइल कनेक्टिविटी आैर मजबूत करने के लिए बीएसएनएल मोबाइल 8.5 प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। इसी तरह शहर व ग्रामीण में 171 बीटीएस टाॅवर लगाए जाएंगे। इसके लिए एरिया भी चिह्नित किए जा रहे हैं। यह सिस्टम लगने के बाद शहर व ग्रामीण में सबसे मजबूत कनेक्टिविटी बीएसएनएल की होगी। बीटीएस टाॅवर लगने के बाद बीएसएनल का वायरलेस नेट सिस्टम भी मजबूत होगा।  

प्रोजेक्ट पर हो सकेंगे निर्णय
प्रोजेक्ट के संबंध में यहीं हो सकेंगे निर्णय  बीएसएनएल का अधिकांश काम आउटसोर्सिंग से होता है। ठेकेदारों के माध्यम से ही अधिकांश काम किए जाते हैं। नागपुर में पीजीएम आने से अब अधिकार में भी वृद्धि होगी। निधि की मंजूरी के लिए सीजीएम आफिस पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। जीएम की अपेक्षा पीजीएम के अधिकार ज्यादा होते है। कई बार प्रोजेक्ट मंजूरी व निधि के कारण अटक जाते हैं। एक स्तर के प्रोजेक्ट अब यहीं से मंजूरी मिल जाएगी। निधि से संबंधित मामलों का भी यहीं हल निकल सकेगा। 

बीटीएस टाॅवर पहली प्राथमिकता 
शहर व ग्रामीण इलाके में कुल 171 बीटीएस टाॅवर लगाना है। यह काम प्राथमिकता के साथ पूरा करना है। मार्च में काम शुरू होकर अप्रैल के अंत तक इस काम को पूरा करना है। 8.5 मोबाइल प्रोजेक्ट पर भी काम होगा। जिले में बीएसएनएल का अच्छा नेटवर्क है। आनेवाले समय में नई योजना के साथ इसे आैर फैलाना है।  
-ए. के. वाजपेयी, प्रधान महाप्रबंधक बीएसएनएल नागपुर.  
 

Created On :   6 Feb 2018 2:53 PM IST

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