- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- नागपुर
- /
- 174 शिक्षकों को हटाकर अन्य विभागों...
174 शिक्षकों को हटाकर अन्य विभागों में भेजा जाएगा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। एक तरफ प्रशासन कोरोना वायरस से निपटने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहा है। इसके लिए दूसरे विभागों की भी मदद ली जा रही है, दूसरी ओर मनपा प्रशासन ने अपने 174 शिक्षकों को अतिरिक्त बताकर उन्हें अलग-अलग विभागों में भेजने का निर्णय लिया है। इसमें से किसी को संपत्ति कर विभाग, जनगणना विभाग, विज्ञापन विभाग और बाजार विभाग में भेजने का निर्णय लिया गया है। शिक्षण विभाग द्वारा 20 मार्च को सभी जोन के शाला निरीक्षकों को भेजा गया है। अब शाला निरीक्षक यह आदेश संबंधित शिक्षकों को भेजकर उन्हें अन्य विभागों में जाने को कहेंगे।
रिजल्ट की है जिम्मेदारी
निर्णय को लेकर शिक्षकों में भारी रोष है। रोष इसलिए भी है कि अभी शैक्षणिक वर्ष शुरू है। कोरोना के कारण परीक्षाएं रद्द कर दी गई हैं। 31 मार्च तक सभी स्कूलें बंद हैं। जब स्कूल शुरू होंगे, तो विद्यार्थियों के रिजल्ट तैयार करने की जिम्मेदारी है। जिन शिक्षकों को अतिरिक्त बताकर दूसरे िवभागों में भेजा जा रहा है, उनके पास इन विद्यार्थियों की जिम्मेदारियां हैं। नाराजगी का दूसरा बड़ा कारण यह है कि जब केंद्र से लेकर राज्य और मनपा से लेकर जिला प्रशासन संपूर्ण मशीनरी कोरोना वायरस से निपटने के लिए युद्धस्तर पर काम कर रही है, तो ऐसे समय में शिक्षकों को अतिरिक्त बताकर दूसरे विभागों में भेजने से सवाल उठाए जा रहे हैं।
शिक्षक संघ ने किया विरोध
मनपा शिक्षक संघ ने इस आदेश का विरोध किया है। संघ के अध्यक्ष राजेश गवरे ने कहा कि सभी शिक्षकों ने 26 जून 2019 से लेकर अब तक विद्यार्थियों को पढ़ाने व उनकी जिम्मेदारी पूरी करने का काम किया है। जब वार्षिक परीक्षा का समय था और पूरे विश्व में कोरोना का कहर बरपा है, तो एेसी स्थिति में शिक्षणाधिकारी और मनपा प्रशासन ने आदेश निर्गमित कर क्या साध्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मनपा प्रशासन ने इसके लिए शिक्षक संगठनों को विश्वास में नहीं लिया है। जब तक शिक्षक संगठनों को विश्वास में नहीं लिया जाता, तब तक यह आदेश वापस लेने की मांग शिक्षक संघ ने की है।
Created On :   24 March 2020 3:41 PM IST