प्रदेश के 17 मेडिकल कॉलेजों में 1800 छात्र-छात्राएँ हुए थे परीक्षा में शामिल, 625 हुए फेल

1800 students appeared in the examination in 17 medical colleges of the state, 625 failed
प्रदेश के 17 मेडिकल कॉलेजों में 1800 छात्र-छात्राएँ हुए थे परीक्षा में शामिल, 625 हुए फेल
एमबीबीएस प्रथम वर्ष के एक तिहाई स्टूडेंट्स फेल, एमयू में छात्रों का हंगामा प्रदेश के 17 मेडिकल कॉलेजों में 1800 छात्र-छात्राएँ हुए थे परीक्षा में शामिल, 625 हुए फेल

डिजिटल डेस्क जबलपुर । मप्र मेडिकल यूनिवर्सिटी में परीक्षा परिणामों को लेकर फिर हंगामा हुआ। इस बार छात्रों ने घोषित रिजल्ट को लेकर नाराजगी जताई और उत्तर पुस्तिकाओं की जाँच दोबारा कराने की माँग की। दरअसल मेडिकल यूनिवर्सिटी ने एमबीबीएस प्रथम वर्ष 2019 बैच के परीक्षा परिणाम घोषित किए हैं, जिसमें एक तिहाई छात्र-छात्राएँ फेल हो गए हैं। अधिकतर स्टूडेंट्स 1-2 अंकों से परीक्षा पास नहीं कर सके। जिसके बाद स्टूडेंट्स परीक्षा परिणामों को लेकर असंतुष्ट नजर आए और शुक्रवार को मेडिकल यूनिवर्सिटी पहुँचकर हंगामा किया। स्टूडेंट्स ने कोविड काल का हवाला देते हुए ग्रेस नंबर बढ़ाने और उत्तर पुस्तिकाओं के रिवेल्वेशन की माँग की। स्टूडेंट्स का कहना था कि कोविड काल में स्टूडेंट्स ने अपनी जान जोखिम में डालकर सेवाएँ दीं, जिससे पढ़ाई बाधित हुई, लेकिन ऐसा नहीं हो सकता कि फेल होने वाले छात्र 1 या 2 नंबर से फेल हो जाएँ। पहले ही परीक्षा परिणाम देर से घोषित किया गया, ऊपर से अब  परीक्षा कॉपियों का मूल्यांकन ठीक से नहीं किया गया है। हंगामा कर रहे छात्रों ने कुलसचिव प्रभार बुधौलिया से मुलाकात की, जिसके बाद उन्होंने लिखित में शिकायत देने के लिए कहा। उन्होंने आश्वासन दिया कि विवि के नियमानुसार इस पर विचार किया जाएगा।
फरवरी में हुई थी परीक्षा 
 एमबीबीएस फस्र्ट प्रोफेशनल की परीक्षा इस साल फरवरी माह में हुई थी। प्रदेश के 17 मेडिकल कॉलेजों के 1800 स्टूडेंट्स परीक्षा में शामिल हुए थे। परीक्षा परिणामों में 625 छात्र फेल हुए हैं। 434 ऐसे छात्र हैं, जो एक या दो विषयों में फेल हुए हैं, वहीं 191 छात्र तीन विषयों में फेल हुए, इन्हें प्रथम वर्ष की पढ़ाई दोबारा करनी होगी। नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज से 8 छात्र फेल हुए हैं, वहीं 31 छात्र कम्पार्टमेंट वाले हैं।
स्टूडेंट्स पर अतिरिक्त दबाव 
 स्टूडेंट्स का कहना है कि विवि में उत्तर पुस्तिकाओं के पुनर्मूल्यांकन को रोक दिया गया है। विवि के पास स्थिति के अनुसार ग्रेस बढ़ाने की शक्ति भी है। विवि के निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार अब 4 महीने में दूसरी प्रोफेशनल परीक्षा देनी होगी, यह छात्रों पर अतिरिक्त शैक्षणिक दबाव डालेगा।
 

Created On :   4 Sept 2021 2:37 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story