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रिश्वत ले रहे दो इंजीनियर और एक सहायक लेखा अधिकारी को लोकायुक्त ने दबोचा

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा । अवैध उगाही करने वाले जिले के दो इंजीनियर और एक सहायक लेखा अधिकारी के लिए मंगलवार का दिन भारी पड़ गया। तीनों रिश्वतखोरों को लोकायुक्त की टीम ने रंगे हाथों पकड़ लिया। सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के एवज में हितग्राहियों से अवैध वसूली करने वाले इन तीनों भ्रष्टाचारियों पर नजर गड़ाए बैठी लोकायुक्त की टीम ने एक साथ छापामार कार्रवाई की। लगभग एक ही टाइमिंग पर तीन टीमों की छापामार कार्रवाई ने पूरे जिले में हड़कंप मचा दी। लोकायुक्त की टीम ने बिछुआ में एक इंजीनियर व सहायक लेखा अधिकारी और जुन्नारदेव में इंजीनियर के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम 1988 की धारा 13, 1, डी, 13, 2 के तहत कार्रवाई की है।
पहला मामला : सरपंच पति से 30 हजार लेते इंजीनियर पकड़ाया
बिछुआ की ग्राम पंचायत चिचगांव के सरपंच पति सुखराम पिता सुब्बा नोरे से आंगनबाड़ी भवन के मूल्यांकन के एवज में बिछुआ जनपद पंचायत में पदस्थ मनरेगा के उपयंत्री दिनेश पिता गयाप्रसाद जोहरे (42) ने 45 हजार रुपए की डिमांड की थी। आखिरकार 30 हजार रुपए में सौदा तय हुआ। तीस हजार रुपए लेने उपयंत्री ईएलसी चौक छिंदवाड़ा पहुंचा था। रिश्वतखोर उपयंत्री को पकड़ने टीम चार घंटे तक ईएलसी चौक पर घात लगाए बैठे रही। जैसे ही उपयंत्री ईएलसी चौक पहुंचा और प्रार्थी सुखराम नोरे से रिश्वत के तीस हजार रुपए लिए। टीम ने उसे दबोच लिया। टीम ने उपयंत्री को गिरफ्तार कर वन विभाग के रेस्ट हाउस लाई जहां उसके खिलाफ कार्रवाई की गई।
दूसरा मामला : बिल बाउचर पास करने मांगी थी रिश्वत
दूसरा प्रकरण भी बिछुआ मनरेगा कार्यालय का है जहां पदस्थ सहायक लेखा अधिकारी ने 1 लाख 48 हजार रुपए के बिल बाउचर पास करने के एवज में चार हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। पीड़ित अरुण पिता सेवकराम चौधरी ने बताया कि उन्होंने मनरेगा के तहत पंचायतों में काम किया था। जिसके तहत 1 लाख 48 हजार रुपए का भुगतान बाकी था। सहायक लेखा अधिकारी दीपक पिता बीएल सोनगड़े ने बिल पास करने चार हजार रुपए की मांगे थे। यही राशि देने मंगलवार दोपहर अरुण कार्यालय पहुंचे थे। रिश्वत लेते लोकायुक्त की टीम ने दीपक सोनगड़े को दबोच लिया।
तीसरा मामला : 15 हजार रिश्वत लेते धराया सहायक अभियंता
मुख्यमंत्री अनुदान योजना के अंतर्गत खेत में ट्रांसफार्मर लगवाने के लिए 15 हजार रुपए की मांग करना जुन्नारदेव एमपीईबी में पदस्थ सहायक अभियंता के लिए महंगा पड़ गया। शिकायतकर्ता गनपत यदुवंशी ने लोकायुक्त में इस मामले की शिकायत की, जिसके बाद सोमवार को लोकायुक्त की टीम जुन्नारदेव पहुंची और टीम के अधिकारियों ने 15 हजार रुपए के नोटों में पावडर लगाया और गनपत को यह राशि सहायक अभियंता रविशंकर सिंह को देने की बात कही। गनपत ने जैसे ही दोपहर को लगभग ढाई बजे यह राशि सहायक यंत्री को दी लोकायुक्त टीम ने सहायक यंत्री को रंगे हाथों धर दबोचा।
Created On :   15 May 2018 8:19 PM IST