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सरकार का विपक्ष पर पलटवार, कर्जमाफी के लिए 2 हजार 415 करोड़ मंजूर

डिजिटल डेस्क, नागपुर। लगातार दो दिन से हंगामा कर विधान परिषद की कार्यवाही को ठप रखने में सफल विपक्ष के खिलाफ बुधवार को सरकार आक्रामक दिखी। विधानपरिषद के नेता और राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटील और संसदीय कार्यमंत्री गिरीश बापट ने विपक्ष पर सदन की कार्यवाही नहीं चलने देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव को सभापति के कक्ष में आयोजित बैठक में खारिज किया जा चुका है, लेकिन पांच-पांच मिनट का समय बोलने के लिए देने से बेवजह समय बर्बाद किया जा रहा है। उपसभापति माणिकराव ठाकरे की भूमिका को लेकर भी आपत्ति जताई। इसे नियमों का उल्लंघन बताते हुए सत्तापक्ष भाजपा-शिवसेना के सभी विधायक वेल में पहुंच गए, जहां विपक्ष के खिलाफ नारेबाजी की गई। विपक्ष ने भी वेल में पहुंचकर नारेबाजी की और कागजात फाड़कर हवा में उड़ाए। दोनों तरफ से नारेबाजी और हंगामे के कारण माहौल काफी तनावपूर्ण रहा। हंगामे के बीच दो बार आधा-आधा घंटे और एक बार 20 मिनट के लिए कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। हंगामा थमता न देख उपसभापति ने विधानपरिषद की कार्यवाही गुरुवार तक स्थगित कर दी।
कृषि संकट पर विधानसभा में बहस
विदर्भ और मराठवाड़ा में कृषि संकट के मामले पर विधानसभा में बहस आरंभ हो गई है। शुरुआत सत्तापक्ष की ओर से की गई है, लिहाजा वह विपक्ष को कृषि संकट के मामले पर कोसने का कोई मौका नहीं छोड़ रहा। इधर, विपक्ष ने भी मुद्दों के साथ सरकार पर प्रहार शुरू किया है। सत्तापक्ष की आेर से नियम 293 के तहत कृषि संकट मामले पर चर्चा का प्रस्ताव डॉ.अनिल बोंडे ने रखा। डॉ.बोंडे ने कहा कि 3 वर्ष में राज्य में कृषि सुधार कार्य फलित हुआ है। किसानों में उम्मीद जगी है। राकांपा व कांग्रेस पर तंज कसते हुए डॉ. बोंडे ने कहा विदर्भ में अाप कितना भी जोर लगा लो, कोई आपके बहकावे में नहीं आनेवाला। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के समय भी कर्जमाफी की गई थी। उस समय कर्जमाफी की प्रक्रिया को पूरा करने में काफी देर लग गई थी और उसका लाभ भी पश्चिम महाराष्ट्र को अधिक मिला था। डॉ. बोंडे ने आॅनलाइन कर्जमाफी आवेदन प्रक्रिया के लाभ भी गिनाए। गोसीखुर्द समेत अन्य सिंचाई परियोजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि विदर्भ व मराठवाड़ा को न्याय मिलते देख किसी का पेट नहीं दुखना चाहिए।
आॅनलाइन प्रक्रिया ने किया परेशान
कांग्रेस के उपनेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि सत्तापक्ष के दावे गुमराह करनेवाले हैं। कर्जमाफी के लिए आॅनलाइन प्रक्रिया ने किस तरह किसानों की परेशानी बढ़ाई, यह जानना हो तो गड़चिरोली, कोरची, मेलघाट, चिखलदरा के किसानाें की स्थिति देखना होगा। आज भी कई स्थानों पर इंटरनेट नहीं पहुंच पाया है। बुधवार देर रात तक कृषि संकट के मामले पर चर्चा चलती रही। गुरुवार को सरकार इस मामले में जवाब देगी। गुरुवार काे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुंबई में आनेवाले हैं। मुख्यमंत्री देेवेंद्र फडणवीस भी उनके साथ रहेंगे।
2 हजार 415 करोड़ रुपए मंजूर
विपक्ष के आंदोलन के बाद प्रदेश सरकार ने किसानों की कर्ज माफी में तेजी दिखाते हुए 2 हजार 415 करोड़ रुपए मंजूर किए है। इस राशि का इस्तेमाल किसानों की कर्जमाफी के लिए किया जाएगा। बुधवार को प्रदेश सरकार के सहकारिता विभाग की तरफ से इस संबंध में शासनादेश जारी किया गया। इससे पहले सरकार ने 12 हजार 585 करोड़ रुपए किसान माफी के लिए स्वीकृत किया था।
सभागृह का कामकाज चलने नहीं देंगे
नेता प्रतिपक्ष धनंजय मुंडे के मुताबिक विपक्ष किसानों के मुद्दे उपस्थित नहीं कर पाएं, इसे लेकर संसदीय कार्यमंत्री, दुग्धविकास मंत्री, कामगार मंत्री एक होकर प्रयास कर रहे हैं। ये सरकार किसानों को लेकर जब तक कोई निर्णय नहीं लेती है, तब तक सभागृह का कामकाज चलने नहीं देंगे।
Created On :   13 Dec 2017 11:18 PM IST