भारत-बांग्लादेश सीमा पर बीएसएफ की मदद से 20 हजार गौवंश को जीवनदान

20 thousand cows on the India Bangladesh border with the help of BSF
भारत-बांग्लादेश सीमा पर बीएसएफ की मदद से 20 हजार गौवंश को जीवनदान
भारत-बांग्लादेश सीमा पर बीएसएफ की मदद से 20 हजार गौवंश को जीवनदान

डिजिटल डेस्क, मुंबई। गाय व गौवंश बचाने में जुटी ध्यान फाउंडेशन संस्था ने पिछले 6 माह के दौरान पश्चिम बंगाल में भारत-बांग्लादेश सीमा पर बीएसएफ द्वारा बचाए गए करीब 20 हजार गायों, बछड़ों व बैलों को अपने गौ शालाओं में शरण दी है। देश में गौवंश की हालत पर चिंता व्यक्त करते हुए फाउंडेशन के अध्यक्ष योगी अश्विनी महाराज ने कहा कि इस मामले में सरकार की भूमिका ठीक नहीं है।  

शनिवार को महानगर के इंडियन मर्चेंट चेम्बर (आईएमसी) में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि इस्लाम की धार्मिक पुस्तकों में गाय के मांस को जहर के समान बताया गया है। गौवंश को लेकर हमारे लिए मुकदमे लड़ने वाले हमारे वकील भी मुस्लिम समुदाय से आते हैं पर दुखद बात यह है कि इस देश में गायों को खत्म करने की साजिश हो रही है। देश में पशु माफिया सक्रिय हैं। योगी ने बताया कि पश्चिम बंगाल में भारत-बांग्लादेश सीमा पर नदी के माध्यम से गायों की तस्करी की जाती है। वहां तैनात बीएसएफ के जवान गायों की तस्करी रोकते हैं पर उन गायों की देखभाल के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। वहां की सरकार इस मामले में जरा भी सहयोग नहीं करती। ऐसे में यह जिम्मेदारी हमारी संस्था को उठानी पड़ी है। 

उन्होंने कहा कि फिलहाल संस्था की गौशालाओं में करीब 20 हजार पशु हैं। इनमें 99 फीसदी ऐसे जानवर हैं जो दूध नहीं देते। उन्होंने बताया कि बीएसएफ से जब ये गाय और गौवंश हमें मिलते हैं तो वे बुरी हालत में होते हैं। अधिकांश बुरी तरह घायल होते हैं। इन पशुओं का परिवहन बेहदक्रूरता पूर्ण होता है। उन्होंने दावा किया कि पशु तस्करी से आंतकियों को पैसे मुहैया कराए जा रहे हैं।    योगी ने बताया कि गायों के अलावा कुत्तों, बंदर व ऊंट के लिए भी आश्रय केंद्र खोले गए हैं। उन्होंने कहा कि गौवंश हत्या को लेकर बनाए गए कानूनों का पालन नहीं हो रहा है। गौवंश रक्षकों को अपराधी साबित किया जाता है। योगी ने कहा की निरह पशुओं को बचाने वाले अपराधी मानसिकता के कैसे हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि फिलहाल देश में केवल 20 फीसदी गौ व गौवंश बचा है।  

Created On :   25 Jan 2020 11:43 AM GMT

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