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...उस बाघिन को पकड़ने 200 फॉरेस्ट कर्मियों का डेरा

डिजिटल डेस्क, यवतमाल। क्षेत्र में आतंक मचाने वाली नरभक्षी बाघिन को पकड़ने के लिए फारेस्ट के 200 कर्मियों ने जंगल में डेरा जमा रखा है। बता दें कि नरभक्षी बाघिन ने अब तक 9 लोगों को अपना शिकार बनाया है। उसे पकड़ कर ले जाने के लिए गत कई माह से कोशिश जारी है। इस कार्य के लिए तकरीबन 200 कर्मचारी, ड्रोन कैमरे, स्निफर डॉग के साथ बड़ी फौज कार्यरत है। इसके अलावा देश के 5 सर्वोत्तम, अनुभवी शार्प शूटर भी आए हैं। उनके पास डबल बैनन गन है। रात में मादा बाघ अंधेरे में भी साफ दिखाई देगी, ऐसी दूरबीन भी है। साथ ही बाघ को ढूंढने के लिए दो स्निफर प्रजाति के डॉग भी लाए गए हैं।
अत्याधुनिक तकनीक से लैस है टीम
बाघिन पर नजर रखने के लिए ड्रोन कैमरा के साथ 60 ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं। इन कैमरों के सामने भैंस के 20 बछड़े बांधे गए हैं। ताकि शिकार के चक्कर में आकर बाघिन फंस जाए। शिकार के पास ही 15 फीट ऊंचे ऐसे 30 से ज्यादा मचान बनाए गए हैं। बाघ को बेहोशी का इंजेक्शन देकर दूसरे जंगल में ले जाने की कोशिश भी की जाएगी। नरभक्षी बाघ को नियत्रंण में करने के लिए रालेगांव तहसील में टीम जुटी हुई है। इस मिशन को टी-1 कोडवर्ड दिया गया है। जंगल क्षेत्र के आसपास रहने वाले लोगों , चरवाहे व किसानों को बाघ ने शिकार बनाया था। बाघिन को पकड़ने की जितनी कोशिश की जा रही है। उससे भी ज्यादा शातिर अंदाज में बाघिन वनविभाग को हर बार आसानी से चकमा देने में कामयाब हुई है। जिससे वनविभाग द्वारा नई-नई योजना बनाकर उसे पकडऩे का प्रयास तेज कर दिया है।
कानूनी दांवपेंच के बाद बाघ को मारना मुमकिन नहीं है, लेकिन उसे वहां से अन्य जगह स्थानांतरित करने का अवसर दिया गया है। इसीलिए नागपुर के महाराजबाग के एक नर बाघ का मलमूत्र भी लाया गया है। उसकी गंध से गोंदिया से लाए स्निफर डॉग के पथक को सुंघाकर नरभक्षी बाघ को ढूंढा जा रहा है। तमिलनाडु वनविभाग के अधिकारी डॉ. प्रयाग ने यह जानकारी दी है। लगभग 17 हजार हेक्टर क्षेत्र में बाघ घूम रहा है। जिससे उसे पकडऩा मुश्किल हो चुका है। कुछ स्थानों पर 600 मीटर लंबा और 10 फीट ऊंचा कंपाउंड भी लगाया गया है।

Created On :   18 Jan 2018 2:31 PM IST