21 साल का अनूठा प्रेम, दाना चुगने आते हैं पक्षी, कंधे पर बैठ जाते हैं

21 years of irresistible love, birds come to pick the grain, sit on the shoulder
21 साल का अनूठा प्रेम, दाना चुगने आते हैं पक्षी, कंधे पर बैठ जाते हैं
अपनापन 21 साल का अनूठा प्रेम, दाना चुगने आते हैं पक्षी, कंधे पर बैठ जाते हैं

डिजिटल डेस्क, नागपुर. शहर के अंबाझरी उद्यान में रोजाना एक व्यक्ति के पास पक्षियों का जमावड़ा देख आप हैरान हो सकते हैं, लेकिन यह वर्षों पुराने संबंध का अनूठा नजारा होता है। 58 साल के सतपुरुष वानखेड़े जैसे ही वहां पहुंचते हैं, पक्षी उनके आस-पास मंडराने लगते हैं। कोई कंधे पर बैठ जाता है, तो कई सिर पर। बगैर कोई संवाद थैली से दाने निकालकर सतपुरुष वानखेड़े पक्षियों को बांटना आरंभ कर देते हैं। सुबह करीब दो घंटे तक पक्षियों के साथ उनके मुलाकात का यह नजारा रोज सुबह 8 से 10 बजे के बीच देखा जा सकता है। 21 साल से यह सिलसिला जारी है। तबीयत खराब होने पर सतपुरुष के पुत्र मयूर इस दायित्व को निभाते हैं। अब मयूर की भी पक्षियों से दोस्ती हो गई है। वाहनों की दुरूस्ती कर आजीविका चलाने वाले सतपुरुष वानखेड़े अपनी कमाई के एक हिस्से के रूप में 200 से 300 रुपए प्रतिदिन खर्च करते हैं।  

कैसे हुआ शुरू

अंबाझरी परिसर में रहने वाले सतपुरुष वानखेड़े बचपन से उद्यान में टहलने जाते थे। टहलने के बाद खुद के लिए चने और फल लेकर जाते थे। इसमें से कुछ हिस्सा पक्षियों को भी देते थे। बस यहीं से पक्षियों से दोस्ती का दौर आरंभ हो गया। अब सतपुरुष के पहुंचते ही गेट के पास पक्षियों का जमावड़ा लग जाता है। अपने थैले में से वे ज्वार, मक्का, गेहूं, चावल निकालकर पक्षियों को देते हैं। दाना चुगने के बाद पक्षी उद्यान में चले जाते हैं। भारद्वाज पक्षी, बुलबुल, सातभाई (एंग्रीबर्ड), कठफोड़वा, मैना समेत कई प्रकार की चिड़ियां इस दौरान उनके पास आती हैं। तीन स्थानों पर पक्षियों के क्रम के मुताबिक दाने सतपुरूष को देना होता है। गिलहरी के लिए सप्ताह में दो बार अखरोट भी देते हैं।   

लॉकडाउन में भी मिली सहायता

सतपुरुष वानखेड़े, मोटर मैकेनिक एवं पक्षी मित्र, अंबाझरी के मुताबिक पिछले 21 सालों से पक्षियों को दानों के वितरण करने का सौभाग्य मिल रहा है। पक्षियों को दाने खाते देखकर बेहद सुकून मिलता है। कोरोना संक्रमण में लॉकडाउन के दौरान आपदा प्रबंधन विभाग ने सहायता की। तत्कालीन पुलिस आयुक्त भूषण कुमार उपाध्याय को जानकारी मिली, तो उन्होंने कई संस्थाओं को दाना देने में सहायता करने भेजा था।

Created On :   21 Aug 2022 3:48 PM IST

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