ट्रैफिक नियम की अनदेखी से दो साल में 2124 सड़क हादसे, 444 की मौत

2124 road accidents, 444 deaths in two years due to disregard of traffic rules
ट्रैफिक नियम की अनदेखी से दो साल में 2124 सड़क हादसे, 444 की मौत
ट्रैफिक नियम की अनदेखी से दो साल में 2124 सड़क हादसे, 444 की मौत

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  उपराजधानी में पिछले दो सालों में 2124 सड़क हादसे हुए, जिसमें 444 लोगों की मौत हुई। विशेषज्ञों के अनुसार यदि ट्रैफिक नियमों का पालन किया जाता, तो कम से कम 177 लोगों की जान बचाई जा सकती थी। यानी लगभग 40 प्रतिशत हादसे यातायात के नियमों की अनदेखी के कारण हुए हैं। 

इन हादसों ने कइयों को जिंदगी भर के लिए अपाहिज बनाकर कभी न भरने वाला जख्म दिया है। चालू वर्ष के पहले सप्ताह में ही आधा दर्जन से भी अधिक मौत के मामले सामने आ चुके हैं, हालांकि हादसों को रोकने के लिए यातायात विभाग द्वारा समय-समय पर जनजागृति अभियान चलाया जाता है, इसके बावजूद भी हालात सुधर नहीं रहे हैं। दैनिक भास्कर और जनआक्रोश यातायात नियमों के प्रति जागरूक करने का अभियान शुरू किया है।

आंकड़ों पर एक नजर
1 जनवरी से 31 दिसंबर 2019 के बीच शहर में कुल 1007 सड़क हादसे हुए, जिसमें 223 लोगों को जान गई। इसमें 42 महिलाएं शामिल हैं, जबकि 744 लोग जिंदगी भर के लिए अपाहिज हो गए। गत वर्ष 1 जनवरी से 31 दिसंबर 2018 में 1117 सड़क हादसे हुए, जिसमें 221 लोगों की जान गई और 896 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। सरकारी और निजी संपत्तियों का भी नुकसान हुआ। हादसों को गंभीरता से लेते हुए पुलिस आयुक्त डॉ. भूषणकुमार उपाध्याय और यातायात विभाग के उपायुक्त चिन्मय पंडित के मार्गदर्शन में समय-समय पर जनजागृति अभियान भी चलाए गए।

इन वाहनों से हुए हादसे
विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार दोपहिया वाहनों की वजह से 39, आॅटो रिक्शा से 60, ट्रक-ट्रेलर से 85, बसों से 20 और अन्य कारणों से 82 सड़क हादसे हुए। इन हादसों से बचने के लिए शहर पुलिस ने दोपहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट पहनना सख्ती से लागू िकया। इसका विरोध भी किया गया, लेकिन पुलिस हेलमेट सख्ती में सफल रही। अधिकांश लोग हेलमेट का इस्तेमाल करने लगे। इससे भले ही सड़क हादसे कुछ कम हुए हों, लेकिन दुर्घटना मंे मरने वालों की संख्या बढ़ रही है। 

50 से अधिक ब्लैक स्पॉट
कुछ दिनों पहले यातायात विभाग की ओर से सर्वे किया गया था। इस सर्वे में पाया गया है कि गत तीन वर्ष कुछ स्थानों पर सबसे ज्यादा जानलेवा हादसे हुए। इन स्थानों को ब्लैक स्पॉट के रूप में चिन्हित िकया गया। यातायात विभाग के प्रभारी एसीपी जयेश भंडारकर ने कुल 50 से ज्यादा ब्लैक स्पॉट होने की जानकारी दी। यहां हादसों को टालने का प्रयास िकया जा रहा है। एेसे स्पॉट पर यातायात पुलिस कर्मियों की संख्या बढ़ाई गई है। यातायात विभाग ने इन स्थानों पर विशेष निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं। 

नियमों का पालन करते तो 40 प्रतिशत हादसों में जान बच सकती थी
शहर में हुए अधिकांश सड़क हादसों में यदि यातायात के नियमों का पालन किया जाता तो कम से कम 40 प्रतिशत लोगों की जान बच सकती थी। शहर का तेजी से विकास हो रहा है। रोजगार की तलाश में लोग शहर आ रहे हैं। तेजी से शहर की जनसंख्या बढ़ रही है। इस कारण यातायात विभाग को और बल की जरूरत है। वर्तमान में विभाग में 676 लोग तैनात हैं। 
- चिन्मय पंडित, यातायात विभाग, नागपुर 

यातायात दूत की नियुक्ति से होगा सुधार
यातायात विभाग, यातायात दूत के रूप में कुछ नए लोगों की नियुक्ति करने वाला है, जो वालंटियर के रूप से विभाग के लिए काम करेंगे। यह सेवानिवृत्त पुलिस और सेना के लोग होंगे, जो पुलिस के साथ मिलकर शहर के यातायात को नियंत्रित करने का प्रयास करेंगे। 

Created On :   11 Jan 2020 8:37 AM GMT

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