पुल के अधूरे निर्माण के कारण तीन गांवों के खेत पड़े हैं बंजर

डिजिटल डेस्क, वर्धा। जिले के तीन गांव में किसान परेशान हैं। यहां सिंचाई के लिए बन रहे पुल का काम अबतक पूरा नहीं हो सका, इस अधूरे निर्माण के कारण तीन साल से ढाई सौ एकड़ खेत बंजर पड़े हैं। वर्ष 2010 से अबतक तक इस आंजी घाट के किसानों को बांध के बैकवाटर के कारण नाले में जमा पानी से अपनी खेती करनी पड़ रही है। जो पांच से सात फीट तक है। किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए आर्वी तहसील में 2009 में सुकली बांध का निर्माण किया गया था। लेकिन इंजीनियरों की गलती के कारण बांध क्षेत्र के आजनगांव, पिंपलगांव और पानवाड़ी में करीब ढाई सौ एकड़ खेत खाली पड़े हुए हैंं।
तीन साल पहले पानवाड़ी में पुल का काम शुरू किया गया था, लेकिन सिंचाई विभाग की ढिलाई के कारण अब तक काम पूरा नहीं हो सका है। बता दें कि, किसानों को सिंचाई की व्यवस्था हो इसलिए सुकली-पिंपलगांव परिसर में डैम का निर्माण किया गया, जिसमें दो गांव का पुनर्वसन किया गया और आसपास के गांवों में बांध में पानी की आपूर्ति करनेवाले नाले पर पुल का निर्माण किया गया। खरांगणा मोरांगणा गांव से महज 10 किलोमीटर दूर पानवाड़ी गांव के किसानों को सुविधा देने के नाम पर किसानों की कृषि भूमि का अधिग्रहण कर लिया गया। खेत परिसर में जाने के लिए आंजी घाट पर पुल निर्माण किया गया था, लेकिन सिंचाई अधिकारियों की लापरवाही और ठेकेदार की वजह से पहली ही बारिश में पुल धराशायी हो गया।
इस संबंध में स्थानीय लोक प्रतिनिधि, ग्राम पंचायत, सिंचाई विभाग को बार-बार सूचना दी गई। इसी बात को ध्यान में रखते हुए वर्ष 2019 में ठेकेदार रेड्डी को पुल निर्माण का ठेका दिया गया था, जिसके चलते ठेकेदार ने दीवारें तो खड़ी कर दी लेकिन उन पर तारकोल नहीं डाला, इसलिए स्थिति जस की तस है। पुल के अभाव में तीन गांव के करीब ढाई सौ एकड़ जमीन खाली पड़ी हुई है।
परिवार चलाने के लिए करनी पड़ रही मजदूरी
कमलाकर भिवगड़े, पानवाडी, किसान के मुताबिक बरसात के दिनों में बैक वॉटर के कारण नाले में पांच से छह फीट पानी रहता है। खेत तक पहुंचने के लिए कोई दूसरा वैकल्पिक रास्ता नहीं होने के कारण खेत पिछले 12 साल से खाली पड़ा हुआ है। पानी कम होने पर रबी सीजन में फसल काटी जाती है। लेकिन इस साल यह संभव नहीं है और परिवार को मजदूरी पर घर चलाना पड़ रहा है।
ठेकेदार ने दूसरी कंपनी को दिया पुल निर्माण का काम
पुल का काम रेड्डी नाम के एक ठेकेदार को दिया गया था। ग्रामीणों की ओर से कहा गया कि ठेकेदार ने पुल का काम दूसरी कंपनी को दे दिया है। कहा गया है कि दीवार खड़ी करने का पैसा न मिलने पर ठेकेदार भाग गया।
दो महीने में पूरा हो जाएगा निर्माण
दसारी रेड्डी, ठेकेदार के मुताबिक पुल का काम हमारे द्वारा ही किया जा रहा है। पुल का काम अभी 80 फीसदी पूरा हुआ है। काम पूरा होने में करीब दो महीने और लगेंगे।
Created On :   13 Feb 2023 9:21 PM IST