बोगस सर्टिफिकेट से नियुक्तियों का मामला: मौसम विभाग के सस्पेंड 27 कर्मचारियों ने ली कोर्ट की शरण

27 suspended staff of Meteorological Department reached High Court
बोगस सर्टिफिकेट से नियुक्तियों का मामला: मौसम विभाग के सस्पेंड 27 कर्मचारियों ने ली कोर्ट की शरण
बोगस सर्टिफिकेट से नियुक्तियों का मामला: मौसम विभाग के सस्पेंड 27 कर्मचारियों ने ली कोर्ट की शरण

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में मौसम विभाग से निलंबित 27 कर्मचारियों ने याचिका दायर कर राहत मांगी है। विभाग ने इनके जाति प्रमाण-पत्र में अनेक त्रुटियां पाने के बाद इन्हें चार्जशीट थमा कर निलंबन की कार्रवाई की थी। इसे याचिकाकर्ता विनायक नंदनवार व अन्य 26 ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है। मामले में याचिकाकर्ता का पक्ष सुनकर हाईकोर्ट ने प्रतिवादी सरकार और मौसम विभाग को नोटिस जारी कर चार सितंबर तक जवाब मांगा है। 

यह है मामला 
याचिकाकर्ता के अनुसार, उन्हें वर्ष 1971 से 1991 के कालावधि में प्रशासन ने उन्हें जाति प्रमाण-पत्र जारी किए थे। वर्ष 1982 से 1998 के बीच मौसम विभाग ने उन्हें एसटी श्रेणी से  विविध पदों पर नियुक्तियां दी। उस वक्त उनके प्रमाण-पत्र की पड़ताल भी की गई थी। वर्ष 2015 में आर्गेनाइजेशन फॉर राइट्स ऑफ ट्राइबल ने कोर्ट में याचिका दायर कर फर्जी जाति प्रमाण-पत्र के आधार पर आदिवासी श्रेणी में फर्जी नौकरियां प्राप्त करने का मुद्दा उठाया और ऐसे कर्मचारियों की जाति पड़ताल के लिए जाति वैधता पड़ताल समिति के पास दावे भेजने के आदेश जारी करने की प्रार्थना की। 

इस पर निलंबन का आदेश
21 जुलाई 2016 को नागपुर खंडपीठ ने सरकार को नोटिस जारी कर पूछा था कि इन 27 याचिकाकर्ताओं की जाति पड़ताल के दावे जाति वैधता पड़ताल समिति को क्यों नहीं भेजे जा रहे हैं। इसके बाद विभाग उपसंचालक ने काेर्ट में शपथ-पत्र पर कहा  कि वे इन  27 लोगों के दावे जाति पड़ताल समिति के पास भेजे रहे हैं। काफी समय तक जब ऐसा नहीं हुआ तो हाईकोर्ट में  आर्गेनाइजेशन फॉर राइट्स ऑफ ट्राइबल ने अवमानना याचिका दायर की। इसके बाद 16 जुलाई 2018 को विभाग ने इन्हें चार्जशीट थमाई और निलंबन का आदेश जारी कर दिया। 

पड़ताल का विरोध
याचिकाकर्ताओं ने अपनी याचिका में दोबारा जाति वैधता पड़ताल का विरोध किया है। साथ ही निलंबन और विभागीय कार्रवाई को रद्द करने की प्रार्थना भी हाईकोर्ट से की है। मामले में याचिकाकर्ता की ओर से एड.तुषार मंडलेकर और एड.रोहन मालवीय ने पक्ष रखा।  

Created On :   24 Aug 2018 8:23 AM GMT

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