2017 में 280 किसानों से किया सुसाइड, न हालात सुधरे न दशा

280 farmers commited suicides in 2017 in nagpur district
2017 में 280 किसानों से किया सुसाइड, न हालात सुधरे न दशा
2017 में 280 किसानों से किया सुसाइड, न हालात सुधरे न दशा

डिजिटल डेस्क,नागपुर।  किसानों की कर्जमुक्ति की घोषणा और आर्थिक सहायता के सारे दावे किसान आत्महत्या के आंकड़ों को देखने के बाद खोखले साबित हो रहे हैं। सरकार एक ओर जहां कर्जमुक्त कर किसानों को आत्महत्या से बचाने का दावा कर रही है, वहीं किसान कर्जमुक्ति की घोषणा वाले वर्ष में अर्थात 2017 में 280 किसानों के आत्महत्या के मामले दर्ज किए गए हैं। किसान आत्महत्या मामले की जांच करने वाली समिति ने  आत्महत्या करने वाले किसान के परिवार को प्रति किसान 1 लाख रुपए सहायता निधि देने के लिए 139 मामलों को अपात्र घोषित कर दिया है। वहीं 104 किसान आत्महत्याओं को सहायता निधि के लिए पात्र ठहराया और 37 मामलों की जांच जारी है। 

2001 से 17 तक 3759 किसानों ने की खुदकुशी  
2001 से किसान आत्महत्या के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो पता चलता है कि 2017 तक संभाग में कुल 3759 किसानों ने आत्महत्याएं की हैं। इनमें से पात्र मामले 1906 व अपात्र 1816 मामले हैं। इसमें 37 मामलों की जांच की जा रही है। बता दें कि सरकार की ओर से 1 लाख रुपए की सहायता दी जाती है।

-2017 में नागपुर जिले में 43 मामले नागपुर जिले में 2017 में 43 किसान आत्महत्या के मामले मेंे से 12 मामले पात्र और 29 मामले अपात्र व 2 मामले जांच के दायरे में हैं। यहां 2002 से 2017 तक 701 मामलों में से 262 मामलों को पात्र, 437 अपात्र व 2 मामलों की जांच चल रही है। 

-गड़चिरोली जिले में सबसे कम  
 2003 से लेकर 2017 तक के रिकॉर्ड को देखा जाए तो गड़चिरोली जिले में किसान आत्महत्या के मामले केवल 76 देखने में आए हैं। वह भी इनमें से 35 पात्र पाए गए और 39 अपात्र। 2 किसान आत्महत्याओं के मामलों की जांच चल रही है। वर्ष 2017 में केवल 2 किसान आत्महत्या की रिपोर्ट हुई हैं। इसमें से दोनों मामलों की जांच चल रही है। 

-वर्धा : संभाग में सबसे ज्यादा किसान आत्महत्या वर्धा जिले में देखने में आई है। यहां 2017 में 110 किसान आत्महत्या के मामले में से 66 पात्र, 31 अपात्र व 13 मामलों की जांच चल रही है। 2001 से 2017 तक यहां 1553 किसान आत्महत्या मामलों में से 801 पात्र, 739 अपात्र व 13 मामले जांच के दायरे में है। 
-भंडारा : भंडारा जिले में 2017 में 26 मामलों में से 7 पात्र, 8 अपात्र, 11 मामलों की जांच चल रही है। वहीं 2003 से 2017 तक 494 मामलों में से 203 पात्र, 280 अपात्र व 11 जांच के मामले हैं। 
-गोंदिया : गोंदिया जिले में 2017 में 18 में से 6 पात्र व 11 अपात्र व 1 मामला जांच के दायरे में है। 2002 से 2017  तक 233 किसान आत्महत्या के मामले में से 131 पात्र, 101 अपात्र व 1 मामला जांच के दायरे में है। 
-चंद्रपुर : चंद्रपुर जिले में भी 2003 से 2017 तक कुल 702 किसान आत्महत्या मामले में से 447 पात्र व 220 अपात्र तथा 8 जांच के दायरे में है। इसमें से 2017 में 81 मामलों में से 48 पात्र, 25 अपात्र व 8 मामले जांच के दायरे में है। 
 

Created On :   24 Jan 2018 12:27 PM IST

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