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3 लेयर मास्क 16 रुपए से अधिक बेच नहीं पाएंगे, रेलवे की 35 महिला कर्मियों ने बनाए 1000 मास्क
डिजिटल डेस्क, नागपुर। मार्केट में मास्क की कमी को देखते हुए आम नागरिकों की सहायता के लिए रेलवे की महिला कर्मचारियों ने घर में रह कर 1000 मास्क तैयार किए हैं। यह मास्क वर्क फ्राम होम अंतर्गत किया गया है।
मध्य रेल नागपुर मंडल में अधिकतर महिलाअों को वर्क फ्रॉम होम दिया गया है। साथ ही कई महिलाओं को छुट्टी दी गई है। रेलवे ने महिलाओं के इस समय का सदुपयोग करने के लिए मास्क बनाने का कार्य दिया है। इसमें मिनिस्ट्रियल, कमर्शियल क्लर्क, टिकट चेकिंग और इसीआरसी केडर्स की 35 महिलाओं ने पुन: उपयोग करने वाले कॉटन के मास्क बनाए हैं। कुल 3000 मास्क बनाए जाएंगे। यह मास्क रेलवे कर्मचारियों को ही वितरित किए जाएंगे।
3 लेयर मास्क 16 रुपए से अधिक बेच नहीं पाएंगे
केंद्र सरकार के आवश्यक वस्तु अधिनियम अंतर्गत 3 लेयर सर्जिकल मास्क की कीमत 16 रुपए निर्धारित की गई है। यह कीमत 30 जून 2020 तक लागू रहेगी। इससे ज्यादा कीमत वसूली न जाए, यह अधिसूचना केंद्र सरकार के राजपत्र में जारी की गई है। 3 लेयर सर्जिकल मास्क में मेल्ट ब्लोन नॉन वोवन फैब्रिक के अस्तर लगा होना चाहिए। यह मास्क 16 रुपए से अधिक कीमत पर नहीं बेचा जा सकता है।
सीएमपीडीआई ने अपने लैब में तैयार किया सैनिटाइजर
काेरोना के बढ़ते मामलों के कारण सैनिटाइजर और मास्क जैसी चीजों की मांग काफी बढ़ गई है। ऐसे में ये दोनों ही चीजें बाजार से गायब हैं। अस्पतालों को भी सैनिटाइजर की कमी से जूझना पड़ रहा है। ऐसे में सीएमपीडीआई ने अपने लैब में सैनिटाइजर तैयार किया है। नागपुर की लैब इंजार्च पूनम सिंह ने बताया कि संस्थान की लैब में अल्कोहल बेस्ड यह सैनिटाइजर डब्ल्यूएचओ की गाइड लाइन के अनुसार तैयार किया गया है। इसके लिए हेडक्वार्टर रांची में स्थानीय प्रशासन से इथाइल अल्कोहल खरीदने की अनुमति ली गई है। लैब में सैनिटाइजर बनाने के लिए पूरी तरह से सीएमपीडीआई के मानव संसाधन का उपयोग किया गया। संस्थान के सभी कार्यलयों में पूरी तरह से घरेलू सैनिटाइजर का उपयोग किया जा रहा है। जल्द ही अस्पतालों व अन्य पब्लिक प्लेस के लिए उपलब्ध कराने की योजना है।
Created On :   2 April 2020 2:22 PM IST