विदेश की सैर करने वाले इन 30 जिप अधिकारियों ,कर्मचारियों पर गिरेगी गाज

30 officers and employees of jilapanchayat were in trouble for abroad tour
विदेश की सैर करने वाले इन 30 जिप अधिकारियों ,कर्मचारियों पर गिरेगी गाज
विदेश की सैर करने वाले इन 30 जिप अधिकारियों ,कर्मचारियों पर गिरेगी गाज

डिजिटल डेस्क, नागपुर। विदेश की सैर करने वाले जिला परिषद के 30 अधिकारी, कर्मचारियों पर गाज गिरने वाली है। बैंकाक की यात्रा पर विभाग को बिना बताए गए ये अधिकारी,कर्मचारी अपनी सेवा में विभाग के चपरासी भी ले गए हैं। दरअसल, सरकारी सेवा शर्तों के अनुसार छुट्टी के आवेदन पत्र में विदेश जाने से पहले विभाग प्रमुख को जाने का कारण और ठहरने के स्थान की जानकारी देने के साथ अनुमति लेना पड़ती है। लेकिन यहां ऐसा नहीं किया गया है। इससे यह विदेश यात्रा चर्चा का विषय बनी हुई है। वरिष्ठ अफसर इस यात्रा पर गए संबंधित कर्मचारियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई के लिए कई तरह की जानकारी गोपनीय स्तर से जुटा रहे हैं। 

सेवा-शर्तों का पालन जरूरी
सूत्रों के अनुसार विदेश सैर पर जाने वालों में जिप के निर्माण विभाग, वित्त विभाग तथा अन्य विभागों के अधिकारी, कर्मचारियों का समावेश है। इसमें निर्माणकार्य विभाग के सबसे अधिक अधिकारी, कर्मचारी शामिल हैं। निर्माणकार्य विभाग के एक जिम्मेदार अधिकारी के नेतृत्व में जिला परिषद के विविध विभागों तथा पंचायत समितियों में कार्यरत इंजीनियर, अकाउंटेंट, अधीक्षक, प्रशासनिक अधिकारी, क्लर्क तथा चपरासी सैर पर गए हैं।

हालांकि यह सरकारी दौरा नहीं है। निजी सैर में अपनी सेवा के लिए चपरासी को साथ ले जाने से जिला परिषद के गलियारों में यह चर्चा का विषय बना हुआ है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सेवा शर्तों के अनुसार निजी काम से भी विदेश जाना है, तो विभाग प्रमुख को जाने का कारण, उनके ठहरने का पता-ठिकाना आदि जानकारी दी जाती है। हैरत की बात है कि विदेश जाने वालों ने केवल अवकाश की अर्जी विभाग प्रमुखों को दी है। अर्जी में विदेश जाने के लिए अवकाश मंजूर करने का किसी ने भी उल्लेख नहीं किया है। इससे तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। 

प्रशासन को गुमराह किया
महाराष्ट्र सरकार सामान्य प्रशासन विभाग के 29 दिसंबर 2014 के परिपत्रक के अनुसार किसी भी सरकारी अधिकारी, कर्मचारी को विदेश के लिए विभाग प्रमुख से अवकाश मंजूर करवाना चाहिए। अवकाश की अर्जी में विदेश जाने का कारण स्पष्ट लिखा होना चाहिए। प्रशासन को गुमराह करना गलत है।

नियमों का उल्लंघन  
वित्तीय वर्ष समाप्त होने से जिनकी छुट्टियां बची हैं, उन्होंने छुट्टी के लिए अर्जी की। विभाग प्रमुख ने उनकी अर्जी मंजूर कर दी। अर्जी में किसी ने भी विदेश जाने का उल्लेख नहीं किया है। यदि अर्जी में इसका उल्लेख करते, तब भी नियमानुसार उन्हें मंजूरी दी जाती। अधिकारियों को छुट्टियां बिताने का उनका अपना अधिकार है, परंतु प्रशासन को गुमराह करना गलत है। इसमें नियम का उल्लंघन हुआ है, तो उनके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। 
(शरद डोनेकर, उपाध्यक्ष, जिला परिषद)
 

Created On :   26 April 2018 11:35 AM IST

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