हिंदी और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में 300 से अधिक ऑनलाइन कोर्स शुरू होंगे

300 online courses will started in Hindi and regional languages
हिंदी और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में 300 से अधिक ऑनलाइन कोर्स शुरू होंगे
हिंदी और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में 300 से अधिक ऑनलाइन कोर्स शुरू होंगे

डिजिटल डेस्क,  नागपुर।  राजभाषा हिंदी समेत उड़िया, तमिल और कन्नड़ जैसी क्षेत्रीय भाषाएं हाईटेक होने जा रही है। इन भाषाओं पर अब डिजिटाइजेशन का कलेवर चढ़ने जा रहा है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एचआरडी) ने हिंदी और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में 300 से अधिक ऑनलाइन कोर्स शुरू करने का निर्णय लिया है। मंत्रालय के डिजिटल पोर्टल "स्वयं" पर यह कोर्स उपलब्ध होंगे। इनमें क्लाउड कंप्यूटिंग, मैनेजमेंट अकाउंटिंग, डाटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम और एडवर्टाइज और पब्लिसिटी पर आधारित पाठ्यक्रमों का समावेश होगा। आईआईटी संस्थानों के प्रोफेसरों को पाठ्य्रकमों का प्रारूप तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है। एचआरडी मंत्रालय ने बीते कुछ समय से ऑनलाइन कोर्स को बढ़ावा दिया है। विद्यार्थियों को पारंपरिक पाठ्यक्रम के साथ उनके विषय का अतिरिक्त ज्ञान देना ही इस मुहिम का मुख्य उद्देश्य है। ये ऑनलाइन कोर्स मुख्य रूप से सर्टिफिकेट कोर्स होते हैं, जिससे विद्यार्थियों को भविष्य में फायदा मिलता है। मंत्रालय द्वारा भारतीय भाषाओं में शुरू किए जा रहे इन कोर्स को महाराष्ट्र समेत देश के अन्य राज्यों में प्रचलित बनाने की दिशा में विभाग कार्य कर रहा है। इसकी परीक्षा होगी। इसके बाद विद्यार्थियों को प्रमाणपत्र जारी किए जाएंगे। 

अधिकांश भाषा अंग्रेजी में है उपलब्ध: फिलहाल देश में अधिकांश ऑनलाइन कोर्स अंग्रेजी भाषा में उपलब्ध हैं। ऐसे में हिंदी भाषा में  ऑनलाइन कोर्स पढ़ने की इच्छा रखने वाले विद्यार्थियों के पास ज्यादा विकल्प मौजूद नहीं थे, लेकिन एचआरडी मंत्रालय की इस योजना के बाद युवाओं के लिए नए मौके उपलब्ध होंगे। जानकारी के अनुसार आगामी तीन माह में यह प्रोजेक्ट लांच किया जाएगा। बीते जुलाई में मंत्रालय ने "स्वयं" पोर्टल लांच किया था। ऑनलाइन कोर्स के इस प्रोजेक्ट से अब तक देशभर के करीब 76 विश्वविद्यालय जुड़े हैं।  
युवा होंगे आकर्षित 
मानव संसाधन विकास मंत्रालय का यह निर्णय स्वागत योग्य है। युवा वर्ग इससे हिंदी की ओर आकर्षित होगा। अगर हिंदी भाषा में पाठ्यक्रम शुरू किया जा रहा है तो निश्चित ही यह देवनागरी लिपि में होगा। इस निर्णय से हिंदी और देवनागरी लिपि दोनों का विकास होगा। साथ ही अन्य क्षेत्रीय भाषाओं के लिए भी यह फायदेमंद होगा। चूंकि यह ऑनलाइन कोर्स है तो कहा जा सकता है कि अब हिंदी  विश्वभाषा बनने की ओर अग्रसर है। 
- डॉ. प्रमोद शर्मा, विभाग प्रमुख, स्नातकोत्तर हिंदी विभाग, नागपुर विश्वविद्यालय 

Created On :   27 Dec 2017 2:01 PM IST

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