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32 अधिकारियों पर गिर सकती है गाज, आय से अधिक संपत्तियों पर ACB की नजर

डिजिटल डेस्क,नागपुर। 20 विभागों के 32 अधिकारियों पर गाज गिर सकती है। आय से अधिक संपत्तियों पर एसीबी की नजर इन अधिकारियों पर है? रिश्वतखोरी को जड़ से खत्म करने में राज्य की एसीबी (एंटी करप्शन ब्यूरो) तमाम कोशिशों के बाद भी खत्म नहीं कर पा रही है। कुछ ऐसे सरकारी विभाग हैं, जहां पर रिश्वत के बिना कोई काम आगे नहीं बढ़ता है। रिश्वतखोरी सिर्फ सरकारी विभाग में ही नहीं, बल्कि गैर सरकारी व निजी विभागों में भी फैली हुई है। कुछ रिश्वतखोरों ने इतनी दौलत जमा कर ली है कि उसका हिसाब भी नहीं दे पा रहे हैं। एसीबी ने ऐसे विदर्भ के 20 विभागों के 32 अधिकारियों पर नजरें गड़ाई हुई हैं कि इनके पास आखिर इतनी दौलत कहां से आई।
बसे अधिक भ्रष्ट होते हैं ये कर्मी
सूत्रों के अनुसार राज्य में तीन वर्ष में एसीबी ने 2500 रिश्वतखोरों के खिलाफ कार्रवाई की। इन्होंने काम करने के बदले करीब 3 करोड़ रुपए हजम कर ली। एसीबी ने अलग-अलग शहरों में 1200 से अधिक ट्रैप किए। इस ट्रैप के दौरान यह बात सामने आई कि तृतीय श्रेणी के कर्मचारी सबसे अधिक रिश्वतखोर हैं। नागपुर परिक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले 6 जिलों में एसीबी ने तीन साल में 331 रिश्वतखोर अधिकारियों, कर्मचारियों को रिश्वत लेते हुए पकड़ा है। नागपुर, वर्धा, भंडारा, गड़चिरोली, चंद्रपुर और गोंदिया जिला नागपुर परिक्षेत्र में आता है। रिश्वतखोरी पर शिकंजा कसने के लिए एसीबी ने कई अभियान शुरू किए हैं, जिसमें शिकायतकर्ता को पहले पूरी तरह से जानकारी दी जाती है कि उसे क्या करना है। यह पूर्व तैयारी इसलिए कराई जाती है कि ताकि एसीबी का ट्रैप फेल न हो। नागपुर एसीबी ने अन्य 40 ऐसे मामले भी उजागर किए हैं, जो सरकारी, निजी व गैर सरकारी विभाग से नहीं जुड़े हैं।
40 करोड़ से अधिक की बेनामी संपत्ति
राज्य की एसीबी ने 8 परिक्षेत्र में 840 ट्रैप किया। इसमें प्रथम श्रेणी और द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों, कर्मचारियों ने करीब 70 लाख 85 हजार रुपए की रिश्वत ली। इसकी तुलना में तृतीय श्रेणी के अधिकारियों, कर्मचारियों की संख्या 1 हजार से अधिक है। इन्होंने करीब 1 करोड़ रुपए रिश्वत ली। चतुर्थ श्रेणी के 100 से अधिक कर्मचारी 5.50 लाख रुपए की रिश्वत लेते पकड़े गए। राज्य में 20 विभागों के 32 रिश्वतखोरों पर एसीबी का शिकंजा कस चुका है, जिनके पास आय से अधिक संपत्ति मिली है। इनके पास से 40 करोड़ से अधिक की बेनामी संपत्ति काे एसीबी ने जब्त किया है। मनपा, राजस्व, सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग, प्रादेशिक परिवहन विभाग व सार्वजनिक लोक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग, पंचायत समिति, उद्योग, ऊर्जा, कामगार विभाग, सहकार व पणन, कृषि, अन्न व औषधि व वन विभाग में रिश्वतखोरों की कमी नहीं है।
इस पर भी एक नजर
वर्ष 2016 में राज्य में 985 प्रकरणों में 1207 अधिकारी, कर्मचारियों पर मामले दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया गया। दिसंबर 2017 में 1100 से अधिक आरोपियों को रिश्वत के मामले में गिरफ्तार किया गया। वर्ष 2016 से 2017 के दरमियान 840 ट्रैप राज्य भर में किए गए। इसके अलावा अन्य भ्रष्टाचार के 40 मामले सहित 900 प्रकरण दर्ज किए गए। इसमें मुंबई परिक्षेत्र में 50, ठाणे परिक्षेत्र में 115, पुणे परिक्षेत्र में 184, नासिक परिक्षेत्र में 123, नागपुर परिक्षेत्र मेें 115, अमरावती परिक्षेत्र में 90, औरंगाबाद परिक्षेत्र में 129 और नांदेड़ परिक्षेत्र में 95 अपराध एसीबी ने दर्ज किए। राज्य के 37 विभागों के अधिकारियों, कर्मचारियों ने रिश्वत ली। इसमें सर्वाधिक 201 मामले राजस्व विभाग के थे। यही विभाग सरकार के लिए सबसे अधिक कमाई करता है। इसमें 271 अधिकारियों, कर्मचारियों पर ट्रैप लगाया गया। इन्होंने करीब 52 लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी। पुलिस विभाग इस मामले में दूसरे नंबर पर रहा। राज्य में 161 मामले पुलिस विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों के सामने आए, जिसमें 220 पुलिसकर्मी एसीबी के जाल में फंसे। इन पुलिस अधिकारियों, कर्मचारियों ने करीब 20 लाख रुपए की रिश्वत स्वीकार की।
जरूरी है डर
नागपुर परिक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले जिलों में रिश्वतखोरों में एसीबी को लेकर काफी डर है। यही कारण है िक इन पर एसीबी का शिकंजा कसा है। रिश्वत मांगने वालों के दिलों में एसीबी का डर होना ही चाहिए।
(पी. आर. पाटील, अधीक्षक, एसीबी, नागपुर परिक्षेत्र)
Created On :   4 Sept 2018 11:06 AM IST