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विदर्भ की 35 लघु सिंचाई योजनाओं पर फिरा पानी, निधि के अभाव अटका कार्य

डिजिटल डेस्क, नागपुर। विदर्भ सघन सिंचन विकास कार्यक्रम VIIDP के अंतर्गत विदर्भ में 35 सिंचाई योजनाओं पर पानी फिरा हुआ है। निधि के अभाव में इन योजनाओं पर कोई काम ही नहीं हो पाया। राज्य सरकार इस मामले में अधिक कुछ नहीं कर पायी। लोकलेखा समिति ने सिंचाई मामले पर अध्ययन रिपोर्ट में इन योजनाओं पर अमल नहीं होने का जिक्र किया है। साथ ही योजनाओं के विकास के लिए निर्धारित कार्यक्रम को चलाने की सिफारिश की है। कुछ दिनों पहले केंद्रीय जलसंसाधन विकास मंत्रालय ने महाराष्ट्र में सिंचाई योजनाओं के लिए राहत निधि की घोषणा की।
इस विभाग के मंत्री नितीन गडकरी ने विशेष प्राथमिकता के साथ विदर्भ व मराठवाड़ा के लघु सिंचाई प्रकल्पों को आर्थिक आधार देने की पहल की है। गडकरी ने अनौपचारिक चर्चा में यह भी कहा है कि विदर्भ ही नहीं महाराष्ट्र में सिंचाई क्षमता 40 प्रतिशत तक बढ़ाने के लक्ष्य को जल्द पाया जाएगा। लिहाजा विदर्भ में लघु व मध्यम सिंचाई प्रकल्पों को आवश्यकतानुरूप जल्द पूरा किया जाएगा। सिंचाई विभाग के अाधिकारिक सूत्र के अनुसार लघु सिंचाई प्रकल्पों की अड़चनें दूर करने के लिए केंद्र सरकार से ही अधिक मदद की आस है।
निधि मिली नहीं, लागत बढ़ती गई
गौरतलब है कि VIIDP अंतर्गत 929.55 करोड़ की लागत के 5962 काम पूरे करने का लक्ष्य रखा गया था। इसके लिए सरकार से 246.12 करोड़ की निधि की मांग की गई थी। उसमें से 233.72 करोड रुपए मिले। 2500 कामों पर इस निधि काे खर्च किया गया। शेष 3,462 काम शुरू ही नहीं हो पाए। इसी तरह 59 लघु सिंचाई प्रकल्पों में से 46.61 करोड़ की लागत के 36 प्रकल्प पूरे करने का निर्णय लिया गया। उन प्रकल्पों पर सितंबर 19.75 करोड़ रुपए खर्च हो पाए थे। 36 प्रकल्पों में से केवल एक प्रकल्प पूरा हो पाया। यह भी बात सामने आई कि जल सिंचाई की 3285 योजनाओं के लिए 595.39 करोड़ रुपए की शासकीय मंजूरी मिली। उसमें 331.15 करोड़ की लागत की 2500 योजनाओं की निविदा प्रक्रिया पूरी हुई। 1724 योजना पूरी हुई। 59 लघु सिंचाई के प्रकल्पों में से 36 प्रकल्प की निविदा प्रक्रिया ही पूरी हो पाई। निधि के अभाव में 35 प्रकल्पों का काम पूरा नहीं हो पाया।
केन्द्रीय मंत्री कहते हैं - माइक्रो स्टडी हुई है
VIIDP के अंतर्गत प्रकल्पों के लिए निधि की मांग सरकार से की गई, लेकिन प्रकल्पों की तुलना में निधि कम ही मिली। निधि के अभाव में कई काम बंद रहे। कई प्रकल्प आरंभ ही नहीं हो पाए। विभाग ने प्रकल्पों के कामों के डीपीआर मंजूर किए, लेकिन काम के लिए केंद सरकार से अधिक से अधिक निधि पाने में विभाग असफल रहा। केंद्रीय जलसंसाधन मंत्री नितीन गडकरी ने कहा है कि विदर्भ व मराठवाड़ा के लंबित लघु सिंचाई प्रकल्पों की माइक्रो स्टडी की गई है। जल्द पूरे होने वाले प्रकल्पों को विशेष प्राथमिकता के साथ निधि दी जाएगी।
Created On :   21 Aug 2018 3:35 PM IST