हिजबुल के 4 गुर्गों को ठहराया दोषी, मिली दस साल के कठोर कारावास की सजा

4 Hizbul operatives convicted, sentenced to ten years rigorous imprisonment
हिजबुल के 4 गुर्गों को ठहराया दोषी, मिली दस साल के कठोर कारावास की सजा
जेकेएआरटी मामला हिजबुल के 4 गुर्गों को ठहराया दोषी, मिली दस साल के कठोर कारावास की सजा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली की एक विशेष एनआईए अदालत ने जम्मू कश्मीर प्रभावित राहत ट्रस्ट (जेकेएआरटी) मामले में हिजबुल मुजाहिदीन के दो गुर्गों को दोषी ठहराया है। उनमें से दो आरोपियों को 12 साल और दो अन्य को 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। मामले के अनुसार, एक गैर सरकारी संगठन की आड़ में एक आतंकवादी संगठन, जेकेएआरटी, भारत में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए पड़ोसी देशों से पैसा ले रहा था।

25 अक्टूबर, 2011 को इस संबंध में मामला दर्ज करने वाली जांच एजेंसी के अनुसार, यह देश में आतंकवादी गतिविधियों को आगे बढ़ाने में सक्रिय रूप से शामिल थे। इस फंड का इस्तेमाल केंद्र शासित प्रदेश में मृत हिजबुल आतंकवादियों के परिवारों के लिए भी किया गया था। विशेष अदालत ने चारों आरोपियों को धारा 120बी आईपीसी, 121ए आईपीसी और धारा 17, 18, 18ए, 18बी, 20, 38 और 40 गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत सजा सुनाई है।

चार में से, मोहम्मद शफी शाह और मुजफ्फर अहमद डार को 12 साल की सजा और 15,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। तालिब लाली और मुश्ताक अहमद लोन को 10 साल की सजा और उनपर 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। जांच के बाद इस मामले में कुल 12 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी। एनआईए ने कहा कि 4 को दोषी ठहराया गया है और सजा सुनाई गई है। बाकी 8 आरोपी हिजबुल के सक्रिय कैडर हैं, जो फरार हैं और वर्तमान में पाकिस्तान में रह रहे हैं।

आईएएनएस

Created On :   26 Oct 2021 10:30 AM GMT

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