देशभर के 40 लाख आईटीआई छात्र परीक्षा से वंचित, अंतिम रिजल्ट शीघ्र घोषित कराने की मांग

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देशभर के करीब 40 लाख आईटीआई छात्र सरकारी गलत नीतियों के कारण परीक्षा नहीं दे सके है। लिहाजा प्रैक्टिकल तथा इंजीनियरिंग ड्राइंग की परीक्षा के मार्क्स के आधार पर इन छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए अंतिम रिजल्ट शीघ्र घोषित करने सहित अन्य नौ मांगों को लेकर ऑल इंडिया आईटीआई स्टेंट्स तथा प्राइवेट आईटीआई संचालकों के संयुक्त संघ की ओर से मध्यप्रदेश के मुरैना से निकाली गई प्रादेशिक व राष्ट्रीय स्तर की पदयात्रा का सोमवार को दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन कर समापन किया। इन मांगों की गूंज सरकार के कानों तक पहुंचाने के लिए संगठन ने यहां प्रेस क्लब में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। संगठन के अध्यक्ष डॉ बी एस तोमर ने कहा कि पिछले नवंबर 2020 से अभी तक सत्र 2014 से 2017 तथा सत्र 2018 से 2020 का रिजल्ट पूर्ण रुप से घोषित नहीं हुआ है और परीक्षाएं 1 वर्ष से लंबित है। आलम यह है कि एक और दो साल का आईटीआई कोर्स चार साल में भी पूरा नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा कि करीब 70-80 फीसदी छात्रों की प्रैक्टिकल परीक्षा हो चुकी है, लेकिन रिजल्ट घोषित नहीं किया जा रहा है। यह हाल केवल निजी ही नहीं बल्कि सरकारी संस्थानों का भी है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के चलते 10वीं और 12वी के छात्रों की परीक्षा नहीं होते हुए भी रिजल्ट घोषित कर दिया गया है, लेकिन आईटीआई छात्रों के साथ ही नाइंसाफी की जा रही है।
तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपनी महत्वाकांक्षा योजना स्किल इंडिया की शुरुआत करते हुए आईआईटी नहीं बल्कि आईटीआई को सदी की जरूरत बताया था, लेकिन यहां आईटीआई को ही खत्म करने की कोशिश हो रही है। उन्होंने बताया कि संगठन की ओर से प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें मांग की गई है कि अंतहीन चल रही परीक्षा को शीघ्र खत्म कर लंबित सभी छात्रों का रिजल्ट घोषित किया जाए, 2021-23 में मौजूद प्राइवेट आईटीआई के लिए 4 ट्रेड की अनिवार्यता खत्म हो, परीक्षा शुल्क 75 रुपये से बढ़ाकर 375 रुपये कर दिया गया है जिसे तत्काल प्रभाव से खत्म किया जाए आदि शामिल है। चैम्बर ऑफ टेक्निकल इंस्टिट्यूशन के अध्यक्ष ने बताया कि ओडिशा हाईकोर्ट ने तीन महीने पहले 10-12वीं की तर्ज पर रिजल्ट घोषित करने का आदेश दिया है, लेकिन प्रशिक्षण महानिदेशालय ने अब तक इस पर अमल नहीं किया है।
Created On :   1 Nov 2021 9:43 PM IST