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मुआवजे की 42 में से 40 फाइलें नामंजूर, कोरोना से कई कर्मचारियों की जान भी गई
डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोरोनाकाल में मनपा कर्मचारियों ने अपनी जान पर खेल कर कोविड पीड़ितों की सेवा की। इसमें कई कर्मचारियों की जान भी चली गई। इनके परिजनों ने इन्हें कोरोना योद्धा मानते हुए मुआवजे की मांग की, लेकिन बड़े-बड़े दावे करने वाली सरकार से लेकर मनपा तक ने इन्हें मुआवजे के लिए अपात्र मानते हुए फाइलें नामंजूर कर दी हैं। मृतकों के परिजनों को कागजी प्रक्रिया पूर्ण करने के लिए 6 माह तक दौड़ाया गया और अंत में यह कहकर अपात्र घोषित कर दिया गया कि मृतक के परिजन लाभ पाने के हकदार नहीं हैं। मनपा के 42 मृत कर्मचारियों के परिजनों में सिर्फ 2 की फाइलें मंजूर हुई हैं, बाकि की फाइलें नामंजूर कर दी गई हैं।
50 लाख देने की घोषणा : सरकार ने कोरोनाकाल में सेवा देते हुए मृत व्यक्तियों के परिजनों को 50 लाख रुपए देने की घोषणा की है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना पैकेज बीमा योजना अंतर्गत यह राशि दी जाने वाली है। नागपुर मनपा के विविध विभागों के कर्मचारियों ने भी कोरोनाकाल में महामारी से संबंधित विविध सेवाएं दी हैं। इस दौरान मनपा के 10 जोन में 42 कर्मचारियों की मौत हुई है। इसमें सफाई कर्मचारी, शिक्षक, ड्राइवर, क्षेत्रीय कर्मचारी, अभियंता आदि का समावेश हैं। इन लोगों के परिजनों ने मनपा के माध्यम से सरकार से 50 लाख का मुआवजा पाने के लिए दस्तावेजों की प्रक्रिया पूरी की है, लेकिन केवल दो ही मृतकों के परिजनों को इस योजना के लाभ के लिए पात्र माना गया है। शेष 40 फाइलें नामंजूर कर दी गई हैं।
6 महीने तक हुए परेशान मनपा के जिन 42 कर्मचारियों की मौत हुई, उन सभी की फाइलें सरकार को भेज दी गई थीं, लेकिन अब पता चला है कि उनमें से 40 फाइलें नामंजूर कर दी गई हैं। स्टेट नोडल ऑफिसर ने इसकी जानकारी मनपा के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी को दी है। केवल दो फाइलें ही मंजूर हुई हैं। जो फाइलें नामंजूर हुई हैं, उनसे संबंधितों को 6 महीने तक एक-एक दस्तावेजों का जुगाड़ करने के लिए परेशान किया गया। यह फाइलें मुख्यालय से जोन कार्यालय तक घूमती रहीं। चार-चार बार लौटाई गई, तब जाकर पूरी हुई थीं। नामंजूर की गई फाइलों से संबंधित आवेदकों को अपात्र बताया गया है।
13 प्रकार के मांगे दस्तावेज : योजना का लाभ पाने के लिए संबंधित आवेदकों से 13 प्रकार के दस्तावेज मांगे गए थे। इसमें मृतक के परिजनों का आवेदन, पहचान पत्र, मृतक से संबंध का प्रमाण, कोविड टेस्ट रिपोर्ट, डेथ समरी, मृत्यु प्रमाणपत्र, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, रद्द किया गया चेक, पुलिस की एफआईआर, संबंधित स्वास्थ्य संगठन का प्रमाणपत्र, मनपा का प्रमाणपत्र, मरने के समय सेवा का ब्योरा, मेडिकल केस रिपोर्ट आदि शामिल हैं। मुख्यालय में जांच के बाद यह फाइलें सरकार को भेजी गई थीं, लेकिन नामंजूर होने से 40 मृत कर्मचारियों के परिजनों को योजना का लाभ नहीं मिल पाएगा।
सरकार के पास आवेदन किया गया था
डॉ. संजय चिलकर, मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी मनपा के मुताबिक कोरोनाकाल के दौरान 42 कर्मचारियों की मौत हुई थी। इन सभी के परिजनों को मुआवजा दिलाने के लिए सरकार को अावेदन किया गया था, लेकिन इनमें से केवल 2 फाइलों को ही मंजूरी मिली है। विविध कारणों से 40 कर्मचारियों के परिजनों को अपात्र बताया गया है। यह जानकारी स्टेट नोडल अधिकारी ने मनपा को दी है।
Created On :   11 Feb 2022 5:40 PM IST