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400 रेजिडेंट डॉक्टर सस्पेंड, मेडिकल कॉलेजों में आंदोलन की तैयारी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर मेडिकल कॉलेज में निवासी डॉक्टरों का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस बीच लगभग 4 सौ निवासी डॉक्टरों को निष्कासित किए जाने की जानकारी है। इसके साथ ही राज्यभर में मेडिकल कॉलेजों में मामला गंभीर रूप ले सकता है। चिकित्सा शिक्षा मंत्री गिरीश महाजन एवं संचालक डॉ.प्रवीण शिंगारे के साथ महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (MARD) की मंगलवार को एक घंटे तक चली बैठक बेनतीजा साबित हुई। इतना ही नहीं रात में शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (मेडिकल) के निवासी चिकित्सकों को सुरक्षा मांगना महंगा पड़ गया और उन्हें निष्कासित कर दिया गया।
बात रखने का मौका नहीं दिया
मंगलवार को मंत्री, संचालक के साथ सेंट्रल मार्ड, मेडिकल मार्ड सहित राज्य के अन्य मेडिकल कॉलेजों के मार्ड प्रतिनिधियों की बैठक हुई। मेडिकल मार्ड अध्यक्ष डॉ.प्रदीप कास्वां ने बताया कि हमें बात रखने का मौका नहीं दिया गया। हैरानी तो इस बात की है कि उन्हें नागपुर मेडिकल की सही जानकारी ही नहीं थी। हम सामूहिक अवकाश पर 7 अक्टूबर से हैं, जबकि हमसे कहा गया कि आप लोग 4 अक्टूबर को अवकाश पर गए थे। उनका कहना है कि हम अचानक से सामूहिक अवकाश पर गए, जबकि सुरक्षाकर्मी हटने के 20 दिन बाद हमने यह निर्णय लिया। हमने पूर्व के पत्र भी दिखाए, लेकिन एक नहीं सुनी गई। देर रात बताया गया कि हमें निलंबित कर दिया गया है। इस बीच मेयो और यवतमाल शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय के निवासी डॉक्टरों ने भी सामूहिक अवकाश पर जाने का निर्णय लिया है।
डॉ.प्रवीण शिंगारे का कहना है कि हम 4 दिन तक चुप नहीं सकते हैं। इनके सामूहिक अवकाश पर जाने के कारण अस्पताल में हमारे मरीज मर रहे हैं और यह हम नहीं देख सकते। मार्ड के साथ हुई बैठक का कोई निष्कर्ष नहीं निकला तो हमने मेडिकल के करीब 400 निवासी चिकित्सकों को निलंबित कर दिया। महाराष्ट्र सुरक्षा बल (MSF) के सुरक्षाकर्मी अचानक से हड़ताल पर चले गए, उनकी जिम्मेदारी हम नहीं ले सकते हैं। हम उनको अन्य सुरक्षाकर्मी दे रहे हैं, लेकिन वह सुनने को तैयार नहीं हैं।
वहीं मेडिकल मार्ड अध्यक्ष डॉ.प्रदीप कास्वां ने कहा कि सालों पुरानी मांगों को नहीं माना गया और सुरक्षा हमारा अधिकार है, वह हम लेकर रहेंगे। हमें निष्कासित करने की धमकी पहले भी मिल चुकी है, लेकिन हम झुकने वाले नहीं हैं। हमारा आंदोलन जारी रहेगा। अब इस आंदोलन में राज्य भर के मेडिकल कॉलेज के निवासी चिकित्सक शामिल होंगे।
Created On :   11 Oct 2017 11:16 AM IST