लापरवाही से दसवीं की परीक्षा नहीं दे पाएंगे 43 बच्चे

43 children will not be able to take tenth examination due to negligence
लापरवाही से दसवीं की परीक्षा नहीं दे पाएंगे 43 बच्चे
लापरवाही से दसवीं की परीक्षा नहीं दे पाएंगे 43 बच्चे

फीस जमा करने के बाद भी स्कूल ने नहीं करवाया पंजीयन, देर रात तक स्कूल में हंगामा करने के बाद पालकों ने थाने में की शिकायत
डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा / चौरई ।
नगर के यश मेमोरियल हाईस्कूल की लापरवाही से 43 बच्चे इस बार दसवीं की परीक्षा में नहीं बैठ पाएंगे। दरअसल इन बच्चों ने समय पर फीस और दस्तावेज जमा कर दिया था, लेकिन स्कूल द्वारा बच्चों का पंजीयन बोर्ड में करवाया ही नहीं गया। प्रवेश पत्र नहीं मिलने पर बच्चों और परिजनों ने हंगामा किया तो उन्हें पता चला की उनका पंजीयन ही नहीं किया गया है। जानकारी के मुताबिक नगर के चांद रोड में यश मेमोरियल अंग्रेजी हाईस्कूल का संचालन किया जाता है। यहां पर कक्षा दसवीं में 43 बच्चे पढ़ते हैं। शुक्रवार को छात्र-छात्राएं प्रवेश पत्र लेने के लिए गए तो उन्हें पता चला कि माध्यमिक शिक्षा मंडल में उनका पंजीयन ही नहीं हो पाया है। ऐसे में वे परीक्षा नहीं दे पाएंगे। इसके बाद नाराज परिजनों ने जमकर हंगामा मचाया। उन्होंने इस मामले में स्कूल प्रबंधन की शिकायत की, पालकों ने कहा कि स्कूल की लापरवाही से उनके बच्चों का कीमती एक साल बर्बाद हो रहा है। इस मामले में कार्रवाई करते हुए बच्चों को परीक्षा दिलवाई जाए।
चौरई पुलिस थाने में की शिकायत
छात्र-छात्राओं के पालकों ने शुक्रवार देर रात स्कूल प्रबंधन के खिलाफ नगर के पुलिस थाने में शिकायत की। उन्होने कहा कि उनसे धोखाधड़ी करते हुए 12- 12 हजार की राशि ली गई है, लेकिन अब बच्चे परीक्षा में नहीं बैठ पा रहे हैं। इस मामले में कार्रवाई की जाए।
घर पर परीक्षा की तैयारी कर रहे थे बच्चे
स्कूल में पढऩे वाले बच्चों ने बताया कि वे 3 मार्च से होने वाली परीक्षा की तैयारियों में लगे हुए थे। पहले पेपर के लिए वे पढ़ाई कर रहे थे। शुक्रवार तक प्रवेश पत्र नहीं मिला तो वे स्कूल पहुंचे। ऐसे में परीक्षा के ऐन दो दिन पहले परीक्षा में नहीं बैठने की जानकारी मिलने के बाद कई छात्राएं रोआंसी हो गई। 
छात्राओं ने बताया, हमसे ली फीस  
छात्रा सोफिया मंसूरी, श्रेया परिहार, कन्हैया पंचेश्वर, सेजल राय ने बताया कि उन्होंने कक्षा दसवीं की परीक्षा माध्यमिक शिक्षा मंडल से देने के लिए स्कूल संचालक के पास 12 - 12 हजार रु. फीस जमा की थी। बच्चों को स्कूल प्रबंधन ने 3 मार्च से शुरू होने कक्षा दसवीं की परीक्षा में शामिल करने के लिए कहा था।
संचालक का पता नहीं, मोबाइल भी बंद 
स्कूल संचालक से अब अभिभावकों ने संपर्क करना चाहा तो उनका मोबाइल बंद आ रहा था। बताया जा रहा है कि बोर्ड में अब भी पंजीयन की उम्मीद को लेकर स्कूल संचालक भोपाल रवाना हुए हैं। यहां पर प्रति व्यक्ति लेट फीस जमा की जाती है तो इन विद्यार्थियों को परीक्षा देने का मौका मिल सकता है। इसी उम्मीद से भोपाल जाने की खबर है। हालांकि इसमें आगे क्या होगा यह अभी तय नहीं हो पाया है। 
मंडल को लिख रहे पत्र, ताकि विद्यार्थी दे सकें परीक्षा: डीईओ 
स्कूल संचालक की गलती के कारण 43 विद्यार्थियों का पंजीयन नहीं हुआ है। इस मामले में हमारी ओर से पत्र बनाकर मंडल को भेजा जा रहा है और हमारी कोशिश है कि इन विद्यार्थियों का पंजीयन हो जाए, ताकि यह परीक्षा से वंचित नहीं रहें। संभवत: इन विद्यार्थियों का पंजीयन होने के बाद स्वध्यायी परीक्षार्थी बतौर परीक्षा देने का मौका मिल सकता है। शनिवार को इसके लिए प्रयास किए जाएंगे।
 

Created On :   29 Feb 2020 2:56 PM IST

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