पीपीपी बोली प्रक्रिया के तहत 6 एयरपोर्ट के लिए पोर्टल पर 68 रजिस्ट्रेशन प्राप्त हुए

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
पीपीपी बोली प्रक्रिया के तहत 6 एयरपोर्ट के लिए पोर्टल पर 68 रजिस्ट्रेशन प्राप्त हुए

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नागरिक उड्डयन मंत्रालय पीपीपी बोली प्रक्रिया के तहत 6 एयरपोर्ट के लिए पोर्टल पर 68 रजिस्ट्रेशन प्राप्त हुए एक समाचारपत्र ने 15 जनवरी 2021 को एक लेख प्रकाशित कर यह बताया था कि 2019 पीपीपी बोली प्रक्रिया में “अदानी को जिन 6 एयरपोर्ट की ज़िम्मेदारी मिली है, उस बोली प्रक्रिया के पूरा होने से पहले वित्त मंत्रालय और नीति आयोग ने इस पर अपनी आपत्ति जताई थी”, लेकिन सरकार ने इस आपत्ति को नज़रअंदाज़ कर दिया था। अख़बार में प्रकाशित यह लेख तथ्यात्मक रूप से गलत है, क्योंकि इस बोली प्रक्रिया को भारत सरकार के ई-टेंडरिंग पोर्टेल के माध्यम से प्रतियोगी और पारदर्शी तरीके से पूरा किया गया था। इस बोली प्रक्रिया के दौरान 6 एयरपोर्ट के लिए दुनियाभर से 25 कंपनियों ने पंजीकरण किया था और कुल 86 रजिस्ट्रेशन प्राप्त हुए थे। इनमें से 32 बोलियाँ 10 अलग-अलग कंपनियों से प्राप्त हुई थीं। चूंकि बोली प्रक्रिया को पारदर्शिता तरीके से पूरा किया गया था, ऐसे में बोली प्रक्रिया में भाग लेने वाली किसी भी कंपनी ने इस प्रक्रिया के खिलाफ कोई आपत्ति दर्ज नहीं कराई। यह भी उल्लेखनीय है कि बोली प्रक्रिया के दौरान जो भी कंपनी सफल होगी, उसके बारे में किसी को भी कोई जानकारी नहीं थी। निविदा दस्तावेज में निर्धारित बोली का पैमाना बोलीदाता द्वारा तय किया गया ’प्रति यात्री शुल्क’ था। जिस कंपनी की बोली प्रति यात्री शुल्क के संदर्भ में सबसे अधिक है, उसे सफल बोलीदाता घोषित किया जाएगा। तकनीकी रूप से योग्य बोलीदाताओं की वित्तीय बोली को खोलने के बाद, यह बताया गया था कि सभी 6 एयरपोर्ट के लिए अदाणी एंटरप्राइजेज़ लिमिटेड की बोली सबसे ज़्यादा है। प्रत्येक एयरपोर्ट की निविदा प्रक्रिया व्यक्तिगत आधार पर की गई थी, और जिस भी बोलीदाता की बोली सबसे ज़्यादा थी, उसे निविदा दस्तावेज़ के प्रावधानों के आधार पर सफल घोषित किया गया। समाचार पत्र में प्रकाशित यह बयान पूरी तरह से गलत है कि वित्त मंत्रालय और नीति आयोग ने 2019 में आयोजित एयरपोर्ट की बोली प्रक्रिया पर अपनी आपत्ति दर्ज की थी। इस लेख में तथ्यात्मक कमियां हैं। दरअसल नीति आयोग के सीईओ की अध्यक्षता में एक सचिवों का एक अधिकार प्राप्त समूह (ईजीओएस) बनाया गया था, जिसमें वित्त मंत्रालय के सचिव (आर्थिक मामले विभाग और व्यय विभाग) और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव को सदस्य के रूप में शामिल किया गया था। इस समूह को केन्द्रीय मंत्रीमंडल सार्वजनिक निजी भागीदारी मूल्यांकन समिति (पीपीपीएसी) के दायरे से बाहर आने वाले सभी मामलों पर निर्णय लेने की शक्ति प्रदान की थी। इसके अनुसार, ईजीओएस ने 17 नवंबर 2018 को आयोजित अपनी बैठक में पीपीपी के लेन-देन संबंधी नियमों और शर्तों पर विचार कर उन्हें निर्धारित किया। जिस पर पीपीपीएसी ने 11 दिसंबर 2018 को आयोजित अपनी बैठक में सहमति व्यक्त की। ईजीओएस ने विस्तृत चर्चा के बाद यह निर्णय लिया कि इस बोली प्रक्रिया के दौरान एक कंपनी को एक एयरपोर्ट के लिए बोली लगाने या उसे केवल एक एयरपोर्ट की ज़िम्मेदारी सौंपने जैसा कोई प्रतिबंध नहीं होगा, क्योंकि ये 6 एयरपोर्ट छोटे स्तर के एयरपोर्ट हैं, जिनपर कुछ यात्री ट्रैफिक केवल 9.5 फीसदी है, जिसे कोई एक कंपनी भी आसानी से संभाल सकती है। जबकि इसके विपरीत वर्ष 2006 में दिल्ली और मुंबई एयरपोर्ट को पीपीपी मॉडल पर दिया गया था। वहां यात्री ट्रैफिक करीब 45 फीसदी था, जिसे एक कंपनी के लिए संभालना मुश्किल था, इसलिए वहां एक कंपनी को एक एयरपोर्ट की बोली लगाने की अनुमति लगाने जैसा प्रतिबंध लगाना आवश्यक था। निजी एयरपोर्ट संचालकों द्वारा यात्रियों की बड़ी संख्या को संभालना एक महत्वपूर्ण पैमाना है और कंपनी के द्वारा संभाले जा रहे एयरपोर्ट की संख्या के हिसाब से यह एक महत्वपूर्ण बिन्दु है। ऐसे में ईजीओएस ने प्रतियोगिता को बढ़ाने और एयरपोर्ट का अनुभव रखने वाली कंपनियों के एकाधिकार को रोकने के उद्देश्य से पूर्व में दिए गए एयरपोर्ट की बोली प्रक्रिया में लगाए गए प्रतिबंध को इस बोली प्रक्रिया से बाहर करने का निर्णय लिया। जहाँ तक आर्थिक मामले विभाग (डीईए) और नीति आयोग की सिफारिशों को अनदेखा करने का सवाल है, तो यह ध्यान देने वाली बात है कि ईजीओएस और पीपीपीएसी दोनों ही समूहों में वित्त मंत्रालय (आर्थिक मामले विभाग और व्यय विभाग), नीति आयोग और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सदस्य शामिल होते हैं। ऐसे में यह स्पष्ट है कि वित्त मंत्रालय और नीति आयोग ने स्वयं ईजीओएस में बोली प्रक्रिया की रूपरेखा को अंतिम रूप दिया और बाद में पीपीपीएसी में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी।

Created On :   22 Jan 2021 2:27 PM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story