सिंगोड़ी में पकड़ाया 69 बोरी सॉइल कंडीशनर, घर-घर जाकर कर रहे थे बिक्री

69 sacks of soil conditioner caught in Singodi, were selling door-to-door
सिंगोड़ी में पकड़ाया 69 बोरी सॉइल कंडीशनर, घर-घर जाकर कर रहे थे बिक्री
69 sacks of soil conditioner caught in Singodi, were selling door-to-door सिंगोड़ी में पकड़ाया 69 बोरी सॉइल कंडीशनर, घर-घर जाकर कर रहे थे बिक्री

 
डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। खरीफ सीजन से पहले ग्रामीण क्षेत्र में अमानक खाद बिक्री शुरू हो गई है। मंगलवार को कृषि विभाग की टीम ने सिंगोड़ी के पास एकांत में बने गोदाम से 69 बोरी बायो फर्टिलाइजर और 47 पैकेट मल्टी माइक्रोन्यूट्रेंट मिक्चर बरामद किया हैं। जांच मेें पता चला कि भोपाल की एक कंपनी यहां कर्मचारियों को तैनात कर किसानों को सीधे खाद की बिक्री कर रही थी। कृषि अमले ने पंचनामा तैयार कर कंपनी के खिलाफ कार्रवाई शुरू की।
मिली जानकारी के अनुसार किसानों से कृषि विभाग के मैदानी अमले को सूचना मिली कि सिंगोड़ी में चौरई चौराहा पर किसी कंपनी द्वारा 1200 रुपए की दर से डीएपी और मल्टी माइक्रोन्यूट्रेंट बेचा जा रहा है। जिस स्थान से खाद की बिक्री की जा रही है वहां न तो कोई बोर्ड है न दुकान। यहां बने गोदाम में रहने वाले कुछ लोग किसानों को घर पर खाद की बोरियां पहुंचा रहे हैं। सूचना के आधार पर मंगलवार को कृषि विभाग के दल ने दबिश दी। जिसके बाद नकली खाद के कारोबार की कलई सामने आ गई।
25 दिन में 481 बोरी की बिक्री
गोदाम में मौजूद ब्रजमोहन पिता बलवीर और सत्यप्रकाश तिवारी ने बताया कि वे भोपाल की बायोफर्टिलाइजर कंपनी के प्रतिनिधि हैं। कंपनी ने 15 अप्रैल और 23 अप्रैल को दो वाहन से 550 बोरी खाद और 280 पैकेट मल्टी माइक्रोन्यूट्रेंट भेजा था। यह खाद बडेगांव, जटलापुर, राजाखोह, नेर, मानेगांव, बांदा, केवलारी, चन्हियाखुर्द, हिवरखेड़ी, गुरैया और बांकामुकासा में किसानों को घर-घर जाकर बेची गई। 1200 रुपए में एक बैग बायो फर्टिलाइजर और एक पैकेट मल्टी माइक्रोन्यूट्रेंट दिया गया। मंगलवार को गोदाम में महज 69 बोरी बायो फर्टिलाइजर और 47 पैकेट मल्टी माइक्रोन्यूट्रेंट शेष था।
न लाइसेंस न बिक्री की अनुमति
जांच दल में शामिल एसएडीओ एसएन लोखंडे ने बताया कि गोदाम में उपस्थित दोनों लोगों के पास बायो फर्टिलाइजर बिक्री की अनुमति और लाइसेंस उपलब्ध नहीं था। जैविक फर्टिलाइजर के भंडारण की अनुमति भी नहीं ली गई थी। यह कथित जैविक फर्टिलाइजर किसानों को डीएपी के नाम पर बेचा जा रहा था। एक तरीके से इस तरह खाद और अन्य सामग्री की बिक्री किसानों के साथ धोखाधड़ी है। गोदाम से खाद की बोरियां और अन्य सामग्री जब्त कर कंपनी के खिलाफ कार्रवाई का प्रतिवेदन तैयार किया जा रहा है।
इनका कहना है...
बिना लाइसेंस और बिना अनुमति जैविक फर्टिलाइजर बिक्री मामले में एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। किसानों को चाहिए कि वे लाइसेंस प्राप्त खाद विके्रताओं से खाद खरीदें। खाद का बिल अवश्य लें।
-जितेंद्र कुमार सिंह, उप संचालक कृषि

Created On :   10 May 2022 10:26 PM IST

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