काम के बल पर नहीं जीत पाते हैं 75 प्रतिशत उम्मीदवार - राज्यमंत्री कड़ू

75 percent candidates do not win on the strength of work - Bacchu kadu
काम के बल पर नहीं जीत पाते हैं 75 प्रतिशत उम्मीदवार - राज्यमंत्री कड़ू
काम के बल पर नहीं जीत पाते हैं 75 प्रतिशत उम्मीदवार - राज्यमंत्री कड़ू

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शालेय शिक्षा राज्यमंत्री बच्चू कड़ू का मानना है कि चुनाव के समय मतदाताओं का रुख साफ नहीं रहता है। छोटे छोटे कारणों या प्रलोभनों से मतदाताओं का रुख बदल जाता है। ऐसे में केवल राजनीतिज्ञों को ही दोष देते रहना ठीक नहीं है। मतदाताओं को जागृत करने की आवश्यकता है। कड़ू ने अफसोस जताते हुए कहा कि चुनाव व उम्मीदवार को लेकर चर्चा तो होती है लेकिन अब भी 75 प्रतिशत उम्मीदवार काम के भरोसे नहीं जीत पाते हैं। दल, नेता, पैसा, जाति सहित अन्य कई विषयों के साथ मतदाताओं का मत रातोंरात बदल जाता है। सोमवार को देशपांडे सभागृह में कमला नेहरु इंजीनियरिंग कालेज की ओर से आयोजित विदर्भ विद्यार्थी संसद कार्यक्रम में राज्यमंत्री कड़ू बोल रहे थे।

राजनीतिक विषयों पर विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कड़ू ने कहा कि मतदान का माहौल बदलने की आवश्यकता है। उन्होंने राजनीति में अलग शैली अपनायी है। निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर 4 बार विधानसभा चुनाव जीता है। नाना पाटेकर अभिनित फिल्म प्रहार से प्रेरित होकर उन्होंने प्रहार संगठन बनाया। इस संगठन के माध्यम से जनसमस्याओं को प्रमुखता के साथ उठाते रहते हैं। उनके विधानसभा क्षेत्र में उन्हें समर्थन मिल जाता है। लेकिन राजनीति में कई स्थानों पर मतदान का माहौल निराशा लाता है। मतदाता मतदान के पहली रात शराब, पैसा के प्रलोभन से निकल नहीं पाते हैं। नेता के प्रचार के बैनर पर  अपनी जाति के महापुरुष का फोटो देखकर लोग मतदान करते हैं।

यहां तक देखा जाता है कि उम्मीदवार के समर्थन में कितनी बड़ी जनसभा हुई। उसके लिए भीड़ आयी या नहीं। बड़े नेता कई बार भाइयो बहनों के संबोधन के साथ लोगों से आत्मीयता दिखाते है। वास्तव में उन्हें भाइयों बहनों के असल भाव से काेई संबंध नहीं रह पाता है। लोग बड़े नेताओं के समर्थक बनने लगते हैं। जबकि स्थानीय स्तर पर अपना प्रतिनिधि चुनने के लिए उम्मीदवार की योग्यता,व्यवहार , कार्यशैली को देखा जाना चाहिए। समाज बदल रहा है। राजनीति में भी बदलाव आ रहा है। लेकिन अब भी 75 प्रतिशत उम्मीदवार काम के बल पर नहीं जीत पाते हैं। 

Created On :   24 Feb 2020 8:34 PM IST

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