नागपुर मनपा की तिजोरी में 900 करोड़, फिर भी विकास कार्य ठप

900 crore in the account of Nagpur Manpa, yet development work stopped
नागपुर मनपा की तिजोरी में 900 करोड़, फिर भी विकास कार्य ठप
नागपुर मनपा की तिजोरी में 900 करोड़, फिर भी विकास कार्य ठप

डिजिटल डेस्क, नागपुर. राज्य में विरोधी पार्टी की सरकार होने के बावजूद नागपुर महानगरपालिका को इस बार जीएसटी अनुदान बढ़कर मिला। अन्य अनुदान भी प्राप्त हुआ। करीब 900 करोड़ रुपए मनपा की तिजोरी में जमा हुए हैं। फिलहाल मनपा पर मंडरा रहा आर्थिक संकट दूर हो गया है। तिजोरी भरने के बावजूद शहर के सीमेंट रोड, चेंबर सहित अन्य आवश्यक काम अधूरे या बंद पड़े हैं, क्योंकि मनपा ठेकेदारों को पैसों का भुगतान नहीं हुआ है। 

प्रभारी अधिकारी का अनुचित व्यवहार

पिछले मार्च के बाद मनपा ठेकेदारों को बिल का भुगतान नहीं किया गया है। इसे लेकर ठेकेदारों ने मनपा में मुख्य लेखा व वित्त अधिकारी का प्रभार संभाल रहे हेमंत ठाकरे से मिलकर भुगतान करने का निवेदन किया, लेकिन ठेकेदार जब-जब उनसे मिलने गए, उनके रवैये से नाराज होकर वापस लौटे। गैरजिम्मेदार और असभ्य बर्ताव से ठेकेदारों में रोष है। इस व्यवहार की ठेकेदारों ने मनपा आयुक्त राधाकृष्णन बी. से भी लिखित शिकायत की है। ठेकेदार ही नहीं मनपा में विभाग के अन्य अधिकारी भी प्रभारी अधिकारी से असहज हैं। ये सप्ताह में सिर्फ एक दिन मनपा मुख्यालय के अपने केबिन में बैठते हैं। उनके पास अमरावती महानगरपालिका का भी प्रभार है। जिस कारण मनपा वित्त विभाग में फाइलों का ढेर लग गया है।

आंदोलन की चेतावनी

पैसा नहीं मिलने से शहर में अनेक काम अधूरे हैं या बंद पड़े हैं, जिससे नागरिकों की तकलीफें भी बढ़ती जा रही हैं। बकाया को लेकर ठेकेदार परेशान हैं। इस बीच मनपा को सरकार से 900 करोड़ अनुदान मिला है, जिसके बाद ठेकेदारों की उम्मीद जाग गई है।  लेकिन मुख्य व लेखा अधिकारी के व्यवहार से वे परेशान हैं। मनपा कॉन्ट्रैक्टर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय नायडू ने अपने बकाया को लेकर आंदोलन की चेतावनी दी है। 

150 करोड़ है बकाया

तत्कालीन आयुक्त तुकाराम मुंढे ने मार्च तक ठेकेदारों के बकाया का कुछ भुगतान किया था। इसके बाद लॉकडाउन की घोषणा हो गई और सारे काम बंद हो गए। लॉकडाउन के दौरान ठेकेदार संकट के दौर से गुजरे। अपने बकाया भुगतान को लेकर वे लगातार मनपा में मुख्य लेखा व वित्त अधिकारी के चक्कर लगाते रहे। इस बीच मोना ठाकुर को हटाकर उनकी जगह हेमंत ठाकरे को मुख्य लेखा व वित्त अधिकारी का प्रभार सौंपा गया। कुछ ठेकेदारों को अगस्त और सितंबर का कुछ भुगतान किया गया, लेकिन पुराना बकाया भुगतान नहीं किया गया है। यह अभी भी 150 करोड़ रुपए के करीब बकाया बताया जा रहा है। 

 

Created On :   11 Oct 2020 5:06 PM IST

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