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92 कॉलोनाइजर अवैध घोषित...खरीदी बिक्री पर प्रतिबंध, होगी एफआईआर

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। बिना परमिशन विकसित हुई अवैध कॉलोनियों के खिलाफ नगर निगम अधिकारियों ने मंगलवार को बड़ी कार्रवाई की। शहर की 92 कॉलोनियों को अवैध घोषित करते हुए निगम द्वारा इन कॉलोनियों में मौजूद भूखंड और मकानोंं की खरीदी बिक्री को प्रतिबंधित कर दिया गया है। इन अवैध कॉलोनाइजरों की सूची पुलिस को भी भेजी गई है। जिनके खिलाफ अब प्रकरण पंजीबद्ध किया जाएगा।
पिछले दिनों शासन ने आदेश जारी करते हुए 31 दिसंबर 2016 के पहले विकसित हुई अवैध कॉलोनियोंं को वैध करने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद नगर निगम ने 48 दलों का गठन कर शहर में वैध और अवैध कालोनियों की सूची तैयार की। 92 कॉलोनाइजरों के नाम सूची में सामने आए हैं। जिन्होंने बिना किसी शासकीय प्रक्रिया को पूरा किए बगैर अवैध कॉलोनियों को विकसित किया। इन सभी अवैध कॉलोनियों को अवैध घोषित करते हुए निगम ने यहां भूखंड और मकानों की खरीदी बिक्री पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दी है। इन कॉलोनियों का नक्शा भी निगम से पास नहीं किया जाएगा। जिससे इन कॉलोनियों में मकान निर्माण की परमिशन भी निगम से जारी नहीं होगी। इन सभी कॉलोनाइजरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए पुलिस को प्रकरण भेज दिए गए हैं।
छह सालों से रुकी पड़ी थी कार्रवाई, बन गए आलीशान मकान
जिन 92 कॉलोनाइजरों को अवैध घोषित किया गया है। उसमें कई पॅाश कॉलोनियों की भी सूची शामिल है। जहां पर कई आलीशान मकान तन गए हैं, लेकिन इसके पहले निगम के अधिकारी यहां हाथ डालने से भी कतरा रहे थे। अब तक सिर्फ नोटिस की खानापूर्ति निगम द्वारा की जा रही थी। ये पहला मौका है जब इतनी बड़ी संख्या में कॉलोनाइजरों के खिलाफ कार्रवाई हुई है।
शहर के तीन मार्गों पर कटी सबसे ज्यादा अवैध कॉलोनी
शहर के तीन मार्ग अवैध कॉलोनाइजरों की पसंदीदा जगह बने हुए थे। निगम ने जो सूची तैयार की है। उसमें परासिया रोड के परतला, लोनिया करबल, खजरी रोड में आरटीओ ऑफिस क्षेत्र, कुकड़ा जगत, नागपुर रोड में चंदनगांव और इमलीखेड़ा के आसपास का क्षेत्र शामिल है। सबसे चांैकाने वाली बात यह है कि अब यहां धड़ल्ले से अवैध कॉलोनाइजर भूखंड की बिक्री कर रहे थे, लेकिन निगम के अफसर आंख मूंदे हुए थे।
नगरीय क्षेत्र में कार्रवाई, ग्रामीण का कब लगेगा नंबर?
निगम द्वारा तैयार की गई सूची में शहर के 48 वार्डों में मौजूद अवैध कॉलोनाइजरों को सूची में शामिल किया गया है। जबकि इससे ज्यादा संख्या शहर के आसपास के क्षेत्रों की है। ग्रामीण क्षेत्र होने के कारण यहां कार्रवाई का अधिकार अनुविभागीय अधिकारियों को है, लेकिन पटवारियों के चक्कर में इन कॉलोनियों की सूची कार्यालय तक पहुंच ही नहीं पाती है।
इनका कहना है...
- 92 अवैध कॉलोनियों को अवैध घोषित करते हुए यहां मकानों की खरीदी बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। पुलिस को प्रकरण पंजीबद्ध करने के लिए सूची पहुंचा दी गई है। जनता भी ऐसे अवैध कॉलोनाइजरों से सावधान रहे। अवैध कॉलोनी में प्लाट न लें।
-हिमांशु सिंह
कमिश्नर, नगर निगम
Created On :   29 March 2022 10:35 PM IST