अभी तक नहीं सुलझ सका विभाग बंटवारे का पेंच, अहम विभाग न मिलने से कांग्रेस नाराज 

97 MLAs will climb the stairs of the Legislature for the first time
अभी तक नहीं सुलझ सका विभाग बंटवारे का पेंच, अहम विभाग न मिलने से कांग्रेस नाराज 
अभी तक नहीं सुलझ सका विभाग बंटवारे का पेंच, अहम विभाग न मिलने से कांग्रेस नाराज 

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य में उद्धव सरकार बने चौदह दिन बीत चुके हैं पर अभी तक शपथ लेने वाले 6 मंत्रियों के विभागों का बंटवारा न होने से महाराष्ट्र विकास आघाडी सरकार में तनाव बढ़ता जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक अभी तक आघाडी के घटक दलों शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस में विभागों के बंटवारे को लेकर सहमति नहीं बन पा रही है। इस बीच मंत्रिमंडल विस्तार नागपुर सत्र तक टल गया है। सूत्रों ने बताया कि उप मुख्यमंत्री पद और कांग्रेस की ओर से कुछ विभागों की मांग को लेकर पेंच फंसा है। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार शिवसेना संभवत: गृह और शहरी विकास विभाग अपने पास रखेगी जबकि गठबंधन में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी राकांपा को सिंचाई, आवास और वित्त विभाग मिलेगा। उनके मुताबिक कांग्रेस को राजस्व, ऊर्जा, शिक्षा और पीडब्लूडी मिल सकता है। नियमों के मुताबिक महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में अधिकतम 43 मंत्री हो सकते हैं।  बीते 24 अक्टूबर को चुनाव परिणाम आने के बाद भाजपा-शिवसेना गठबंधन टूटने के बाद अप्रत्याशित राजनीतिक परिस्थिति में गठबंधन बनाने के लिए एक साथ आई इन पार्टियों ने विभागों के बंटवारे को लेकर फंसे पेंच को दूर करने के लिए कई दौर की बातचीत की है। खबरों के मुताबिक राकांपा के नेता अजित पवार उप मुख्यमंत्री पद की मांग कर रहे हैं। राकांपा अध्यक्ष शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने बीते 23 नवंबर को अचानक भाजपा से हाथ मिला कर देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में सरकार बनाई थी। हालांकि देवेंद्र-अजित की यह सरकार 80 घंटे ही चल सकी थी। अजित ने हाल में कहा था कि पार्टी कार्यकर्ता चाहते हैं कि वह उप मुख्यमंत्री बनें। माना जा रहा है कि 21 दिसंबर को विधानमंडल के नागपुर अधिवेशन के बाद मंत्रिमंडल विस्तार होगा। इस बीच, एक अन्य वरिष्ठ कांग्रेस ने कहा कि अहम विभाग नहीं मिलने से पार्टी नाराज है। उन्होंने कहा-हमें आवास या उद्योग में से एक मिलना चाहिए। उन्होंने बताया कि अभी तक कांग्रेस नेतृत्व ने विभागों के बंटवारे को मंजूरी नहीं दी है। हालांकि तीनों दलों के नेता गठबंधन सरकार में तनाव से इंकार कर रहे हैं। 
 

97 विधायक पहली बार चढ़ेंगे विधानमंडल की सीढ़ियां

नई त्रिशंकु सरकार का पहला अधिवेशन नागपुर में 16 दिसंबर से शुरू होने जा रहा है। मजबूत विपक्ष का सामना करने जा रही त्रिशंकु सरकार पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतरने में जा रही है। पिछले दिनों तेजी से घटे राजनीतिक घटनाक्रम का अधिवेशन पर सीधा असर दिखने की संभावना है। इसे लेकर विदर्भ की जनता में उत्साह देखा जा रहा है। हालांकि जनता से ज्यादा इस बार विधायकों में दोगुना उत्साह देखने मिल रहा है। सरकार गठन के बाद पहली बार नागपुर में होने जा रहे अधिवेशन में 97 विधायक ऐसे हैं, जो पहली बार विधानमंडल की सीढ़ियां चढ़ेंगे। इसमें विदर्भ के 14 नए विधायक हैं। नागपुर पश्चिम, कामठी, उमरेड, बालापुर, दर्यापुर, मोर्शी, तुमसर, अर्जुनी-मोरगांव, गोंदिया, आमगांव, चंद्रपुर, वरोरा, पुसद, उमरखेड़ शामिल है। ये विधायक पहली बार विधानसभा चुनाव जीतकर विधानमंडल में पहुंचे हैं। 

गत दिनों मुंबई में हुए विशेष अधिवेशन में उन्हें शपथ दिलाई गई थी। इसके अलावा उन्हें बहुमत सिद्ध करने के लिए उपस्थित रहने के अलावा और कोई मौका नहीं मिल पाया। ऐसे में नागपुर में होने जा रहे अधिवेशन को लेकर उत्सुकता है। उन्हें उम्मीद है कि उन्हें अपने-अपने क्षेत्रों की समस्या रखने और बोलने का मौका मिलेगा। इसके लिए अभी से वे तैयारियों में जुट गए हैं। कुछ ने विधानमंडल के ग्रंथालय से भी सामग्री इकट्ठा कर संदर्भ जुटाने शुरू कर दिए हैं। कुछ अपने क्षेत्रों की समस्याओं को लेकर मसौदा बनाने में लगे हैं। इस उत्साह के बीच देखना दिलचस्प होगा कि कितने नए विधायक अपनी आवाज विधानसभा में बुलंद करते हैं। 
 

Created On :   11 Dec 2019 6:35 PM IST

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