राज्य में 97 फीसदी बुवाई पूरी, मंत्रिमंडल की बैठक में हुई समीक्षा 

97% sowing is complete in state - Review in Cabinet meeting
राज्य में 97 फीसदी बुवाई पूरी, मंत्रिमंडल की बैठक में हुई समीक्षा 
राज्य में 97 फीसदी बुवाई पूरी, मंत्रिमंडल की बैठक में हुई समीक्षा 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में गन्ने की फसल को छोड़कर 135.90 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ फसलों की बुवाई हुई है। अगस्त के आखिर तक 97 प्रतिशत बुवाई पूरी हो चुकी है। गन्ने की फसल को मिलाकर 137.63 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बुवाई हुई है। राज्य में कुल 149.74 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ फसल की बुवाई होती है। मंगलवार को प्रदेश सरकार की तरफ से यह जानकारी दी गई। इसके मुताबिक 32 लाख 71 हजार 105 हेक्टेयर क्षेत्र में अनाज, 20 लाख 52 हजार 641 हेक्टेयर क्षेत्र में दलहन और 41 लाख 64 हजार 444 हेक्टेयर पर तिलहन की बुआई हुई है। जबकि 41 लाख 02 हजार 207 हेक्टेयर पर कपास और 1 लाख 72 हजार 333 हेक्टेयर पर गन्ने की बुवाई की गई है। राज्य के 26 जिलों के 20 हजार 160 गांवों में कपास की बुवाई हुई है। इसमें से कई जगहों पर कपास की फसल पर गुलाबी बोंड इल्ली (सफेद इल्ली) का प्रभाव नजर आ रहा है। इसको रोकने के लिए सरकार की तरफ से उपाय किए जा रहे हैं।  बोंड इल्ली के नियंत्रण के लिए 8 करोड़ का प्रावधान किया गया है। जबकि कीड़ प्रबंधन के लिए अतिरिक्त 17 करोड़ रुपए दिए गए हैं। राज्य के कृषि विश्वविद्यालयों के सिफारिशों के अनुसार किसानों द्वारा खरीदे गए कीटनाशकों के लिए 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। 

मराठवाड़ा में सबसे कम पानी, नागपुर में बढ़ा जलस्तर  
राज्य के 3267 जलाशयों में 66.01 प्रतिशत जलसंचय है। इस साल लगातार बारिश नहीं होने के कारण मराठवाड़ा में 29.21 प्रतिशत पानी है। जबकि पिछले साल इस दौरान 45.42 प्रतिशत पानी जमा था। नागपुर विभाग में पिछले साल 33.10 प्रतिशत के मुकाबले फिलहाल 48.51 प्रतिशत पानी है। अमरावती विभाग में पिछले साल 26.37 प्रतिशत की तुलना में अभी  54.16 पानी है। नाशिक विभाग में 63.21 प्रतिशत जलसंचय है। बीते साल नाशिक में 71.71 पानी था। कोंकण विभाग में 93.07 प्रतिशत, पुणे विभाग में 87.28 प्रतिशत पानी उपलब्ध है। 

औरंगाबाद में सबसे अधिक टैंकर 
राज्य में 311 टैंकरों के माध्यम से 309 गांव और 322 बस्तियों में पीने का पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। इसमें औरंगाबाद में सबसे अधिक 149 गांवों में 158 टैंकरों से जलापूर्ति की जा रही है। जालना के 18 गांवों और 3 बस्तियों में 24 टैंकरों का इस्तेमाल करना पड़ रहा है। प्रदेश में महाराष्ट्र ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत 30 हजार 410 काम शुरू है। जिसमें 1 लाख 40 हजार 521 मजदूर काम कर रहे हैं। 

11 जिलों में 100 प्रतिशत से अधिक बारिश 
प्रदेश में 1 जून से 4 सितंबर के बीच लगभग 823 मिमी बारिश हुई है। यानी राज्य में औसत का 86.1 प्रतिशत बारिश हो चुकी है। पिछले साल इस दौरान 78.3 प्रतिशत वर्षा हुई थी। राज्य के 11 जिलों में 100 प्रतिशत से अधिक बारिश हुई है। इसमें ठाणे, रत्नागिरी, पालघर, पुणे, सातारा, सांगली, नांदेड़, हिंगोली, अकोला, वाशिम और गडचिरोली का समावेश है। 16 जिलों में 75 से 100 प्रतिशत के बीच बारिश हुई है। इनमें नागपुर, भंडारा, गोंदिया, चंद्रपुर, अहमदनगर, कोल्हापुर, जालना, लातूर, परभणी, बुलढाणा, अमरावती, यवतमाल, वर्धा, रायगड, सिंधुदुर्ग और धुलिया शामिल है। 50 से 75 प्रतिशत बारिश वाले 7 जिलों नाशिक, नंदूरबार, जलगांव, सोलापुर, औरंगाबाद, बीड़ और उस्मानाबाद का समावेश है। 

केंद्र ने उपलब्ध कराया 40 लाख मीट्रिक टन खाद
राज्य में खरीफ सत्र के लिए प्रदेश सरकार ने 43.50 लाख मीट्रिक टन खाद की मांग कि गई थी। केंद्र सरकार ने 40 लाख मीट्रिक टन खाद उपलब्ध कराया है। इसके अलावा केंद्र ने राज्य के लिए ज्यादा यूरिया खाद मंजूर किया है। खरीफ सत्र के लिए किसानों को 15.86 लाख (97 प्रतिशत) क्विंटल बीज की आपूर्ति की गई थी। 
 

Created On :   4 Sep 2018 3:05 PM GMT

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