गोसीखुर्द सिंचाई प्रकल्प में घोटाला, एसीबी की छानबीन में पर्दाफाश

A big scandal in Gosi Khurd Irrigation Project
गोसीखुर्द सिंचाई प्रकल्प में घोटाला, एसीबी की छानबीन में पर्दाफाश
गोसीखुर्द सिंचाई प्रकल्प में घोटाला, एसीबी की छानबीन में पर्दाफाश

डिजिटल डेस्क, नागपुर । विदर्भ के महत्वाकांक्षी गोसीखुर्द सिंचाई प्रकल्प में घपला उजागर होने से   सवालिया निशान उठने लगे हैं। इस प्रोजेक्ट के विविध कार्यों की निविदा प्रक्रिया में गड़बड़ी होने का मामला सदर थाने में दर्ज किया गया है। जिन आरोपी के खिलाफ यह प्रकरण दर्ज किए गए हैं, उसमें से कई अब उस जगह पर कार्यरत नहीं हैं। उनका अन्य जगह तबादला हो चुका है। यह प्रकरण कार्यकारी अभियंता, विभागीय लेखा अधिकारी, मे. एम जी भांगड़िया सहित  अन्य  कई  अधिकारियों के खिलाफ  दर्ज  किया  गया है।
भ्रष्टाचार निरोधक विभाग (एसीबी) की शिकायत पर सदर पुलिस द्वारा संबंधित प्रकरण दर्ज करते ही कई नेताओं और मंत्रियों के हाथ पैर फूलने लगे हैं। बता दें कि राज्य के गृह मंत्रालय विभाग के आदेश पर गोसीखुर्द सिंचाई प्रकल्प के नहर निर्माणकार्य में नियमों को ताक पर रख कर की गई गड़बड़ी को उजागर करने का आदेश एसीबी को दिया गया था। एसीबी की प्राथमिक जांच में  विदर्भ सिंचाई विकास महामंडल अंतर्गत गोसीखुर्द सिंचाई प्रकल्प के विविध कार्यों की निविदा प्रक्रिया में भारी गड़बड़ी पाई गई है।

अधिकारियों पर  रिश्वत मांगने का आरोप : एसीबी के सूत्रों के अनुसार जिन अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज िकया गया है। उन पर रिश्वत मांगने का आरोप है। इन सभी अधिकारियों के खिलाफ मिली शिकायतों की जांच में एसीबी के अधिकारी मिलिंद तोतरे, विजय माहुलकर, रमाकांत कोकाटे, प्रमोद चौधरी ने अहम भूमिका निभाई। 

पहले ही दर्ज हुआ मामला: करोड़ों रुपए के सिंचाई घोटाले में भ्रष्टाचार प्रतिबंधक ब्यूरो ने विदर्भ सिंचाई विकास मंडल (वीईडीसी) के नौ अधिकारियों तथा चार ठेकेदारों के विरुद्ध पहले ही मामला दर्ज किया था। इन अधिकारियों ने निविदा लागत अवैध रूप से बढ़ा कर वीईडीसी को 23 करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचाया और ठेकेदारों को गोलबंद होने में मदद की. एक अधिकारी के विरुद्ध यह दोनों मामले दाखिल किए गए । सबसे पहले गोसीखुर्द प्रकल्प के पेंढरी शाखा नहर और नेरला (पाघोरा) लिफ्ट इरिगेशन स्कीम में ठेकेदार अवैध रूप से फ़ायदा पहुंचाने के लिए वीईडीसी के पूर्व कार्यकारी संचालक देवेंद्र शिर्के सहित 5 अधिकारियों के विरुद्ध मामले दायर किए गए थे। इनमें से एक आरोपी संजय खोलापुरकर केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी का पूर्व सहयोगी रहा है।
 

Created On :   13 Dec 2017 4:58 AM GMT

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