मिसाल : बेटे की मौत के बाद सास ने कराई विधवा बहू की शादी, आर्य समाज मंदिर में हुआ सामाजिक विवाह

A brave mother married her sons wife after the death of her son
मिसाल : बेटे की मौत के बाद सास ने कराई विधवा बहू की शादी, आर्य समाज मंदिर में हुआ सामाजिक विवाह
मिसाल : बेटे की मौत के बाद सास ने कराई विधवा बहू की शादी, आर्य समाज मंदिर में हुआ सामाजिक विवाह

डिजिटल डेस्क, छिन्दवाड़ा/चौरई। सामाजिक कुरीतियों को दरकिनार कर थांवरी के शर्मा परिवार की एक बुजुर्ग महिला ने एक साहसी कदम उठाया है। 15 साल पहले विधवा हुई एक महिला ने किसी तरह अपने दो बच्चों का भरण पोषण कर अपने बड़े बेटे का विवाह किया। विवाह के डेढ़ साल बाद बेटे का बीमारी से निधन हो गया। विधवा जीवन का दंश झेल चुकी बुजुर्ग सास ने गुरुवार को बहू का पुनर्विवाह कराया। छिंदवाडा के आर्य समाज भवन में हुई शादी में हजारों की संख्या में लोग सहभागी बने और इस नई पहल का स्वागत किया।

जानकारी के मुताबिक चौरई विकासखंड के सिमरिया निवासी रामशंकर शर्मा का 15 साल पहले निधन हो गया। उनकी पत्नी फूलकुमारी बाई ने अपने बड़े बेटे बब्लू का विवाह थांवरी निवासी रिक्की से कराया। शादी के डेढ़ साल बाद बब्लू का बीमारी के चलते निधन हो गया था। पति के निधन के बाद से रिक्की ससुराल में अकेली थी। ऐसे में उनकी सास फूलकुमारी बाई ने आगे बढ़कर रिक्की का पुनर्विवाह करवाने का निर्णय लिया। उन्होंने थांवरी निवासी सुधीर शर्मा से रिक्की का विवाह तय करवाया। सामाजिक बंधनों को तोड़कर गुरुवार को खुद फूलकुमारी बाई ने छिंदवाडा के आर्य समाज मंदिर में अपनी बहू का विवाह करवाया और उन्हें आर्शीवाद दिया।

बिलंदा के सुधीर ने अपनाया रिक्की को
विवाह के डेढ़ साल बाद ही पति का निधन होने से अकेली रह गई रिक्की से विवाह के लिए चौरई के बिलंदा निवासी सुधीर शर्मा सामने आए। उन्होंने समाज और परिवार के लोगों को समझाया और आदर्श उदाहरण प्रस्तुत किया। किसान सुधीर शर्मा ने कहा कि रिक्की के रूप में उन्हें जीवन साथी मिला हैं, उसके साथ नई जिंदगी शुरू करेंगे।

Created On :   23 Jun 2018 1:00 PM IST

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