रिपोर्ट जल्दी मिले इसलिए बनाई थी लैब, पर दो महीने से पहले नहीं मिलती

A lab Created, but report it is not available before 2 months
रिपोर्ट जल्दी मिले इसलिए बनाई थी लैब, पर दो महीने से पहले नहीं मिलती
रिपोर्ट जल्दी मिले इसलिए बनाई थी लैब, पर दो महीने से पहले नहीं मिलती

डिजिटल डेस्क, नागपुर। अन्न व औषधि प्रशासन (एफडीए) विभाग द्वारा शुरू की गई खुद की लैब सफेद हाथी बनकर रह गई है। जब्त किए गए सामानों की गुणवत्ता का पता चले, इसलिए विभाग ने करोड़ों रुपए खर्च करके खुद की लैब बनाई लेकिन यहां से दो महीने तक रिपोर्ट ही नहीं मिलती। एफडीए द्वारा जब्त सामानों के सैंपल (नमूने) जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे जाते है। दीपावली व त्यौहारों के समय एफडीए की कार्रवाई में तेजी आती है। त्यौहारी मौसम में तेल, खवा, मावा, मैदा, बेसन व डालडे की मांग अचानक बढ़ जाती है। उपभोक्ताओं द्वारा खरीदी जा रही खाद्यसामग्री अच्छी गुणवत्ता की हो, यह देखने की जिम्मेदारी एफडीए पर है। पहले सैंपल सरकारी प्रयोगशाला में भेजे जाते थे। यहां राज्य सरकार के सभी विभागों के सैंपलों की जांच होने से रिपोर्ट समय पर नहीं मिल पाती। समय पर रिपोर्ट नहीं मिलने से केस कमजोर होने का खतरा बना रहता है। अमूमन जांच रिपोर्ट 14 दिन में मिलनी चाहिए।
 

एफडीए की मांग पर सरकार ने करोड़ों की लागत से आेंकारनगर में अद्यावत प्रयोगशाला तो शुरू की, लेकिन यहां अभी तक जांच के लिए स्थायी फूड अनालिस्ट नहीं मिल सका है। मुंबई लैब में पदस्थ फूड एनालिस्ट अरविंद झलके यहां का अतिरिक्त कार्य देख रहे है। लैब बने 4 साल से ज्यादा का समय हो गया। भव्य-दिव्य लैब व यहां लगी अद्यावत मशीनों के बले पर इस लैब को एक्रिडिएशन प्रमाणपत्र मिल चुका है। एफडीए नागपुर व अमरावती विभाग से यहां जांच के लिए सैंपल (नमूने) भेजे जाते है। नागपुर विभाग (छह जिले) से पिछले दो महीने में करीब 100 सैंपल भेजे गए, लेकिन अभी तक जांच रिपोर्ट नहीं मिल सकी है। पिछले 15 दिनों में तेल, मैदा, बेसन, मावा, खवा समेत खाद्यसामग्री के 20 से ज्याजा सैंपल भेजे, लेकिन किसी की रिपोर्ट प्राप्त नहीं होने से दीपावली में उपभोक्ताआें द्वारा खाए खाद्यपदार्थों की गुणवत्ता पता नहीं चल सकी है।


जल्दी रिपोर्ट नहीं मिलने से जांच में परेशानी होती है

शरद कोलते, सहायक आयुक्त के मुताबिक प्रयोगशाला में स्थायी फूड एनालिस्ट नहीं है। स्थायी फूड एनालिस्ट देने की मांग विभाग की तरफ से की गई है। जांच रिपोर्ट मिलने में समय लग रहा है। एक महीने में भेजे गए सैंपलों की अभी तक रिपोर्ट नहीं मिली।  रिपोर्ट नहीं मिलने से संबंधित मामलों की जांच आगे बढ़ाने में परेशानी होती है। दीपावली के दौरान बिकी मिठाई व खाद्यसामग्री की रिपोर्ट नहीं आने से इसकी कालिटी पर बोलना ठीक नहीं है। 90 दिन का समय भी रिपोर्ट मिलने में लग जाता है।

Created On :   31 Oct 2019 9:42 PM IST

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