यूनियन बैंक में फर्जी लेटर से 1 करोड़  40 लाख रुपए की सुरक्षा रकम निकालकर आरोपी फरार

A man did frauds of 1 crore 40 lac with fake latter in Union Bank
यूनियन बैंक में फर्जी लेटर से 1 करोड़  40 लाख रुपए की सुरक्षा रकम निकालकर आरोपी फरार
यूनियन बैंक में फर्जी लेटर से 1 करोड़  40 लाख रुपए की सुरक्षा रकम निकालकर आरोपी फरार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। यूनियन बैंक में रखी गारंटी की रकम वापस लेने के लिए अज्ञात आरोपी ने नेशनल हाईवे के संचालक का फर्जी हस्ताक्षर कर लेटर तैयार किया और करीब 1 करोड़  40 लाख रुपए का चूना लगा दिया। यह बात पता चलने पर प्रकल्प संचालक अभिजीत जिचकार ने अंबाझरी थाने में शिकायत की है। पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज किया है। 

लेटर भेजा
पुलिस के अनुसार अंबाझरी हिलटॉप, शुभंकर अपार्टमेंट में प्रकल्प संचालक पीयू-2, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण का कार्यालय है, जिसमें अभिजीत प्रह्लाद राव जिचकार गुरुदेव नगर, स‍क्करदरा निवासी प्रकल्प संचालक के पद पर कार्यरत हैं। कार्यालय द्वारा  मुंबई स्थित ओपेरा में यूनियन बैंक में करार के अनुसार सिक्योरिटी रकम जमा की गई थी। 20 जून 2016 को अज्ञात आरोपी ने अभिजीत जिचकार के नाम का फर्जी हस्ताक्षर कर पत्र तैयार किया और बैंक से सिक्योरिटी रकम वापस मिलने के लिए पत्र व्यवहार किया। इस बारे में बैंक ने प्रकल्प संचालक जिचकार से रकम देने के बाद पूछताछ की, तब उन्हें पता चला कि किसी अज्ञात आराेपी ने उनके नाम पर फर्जी हस्ताक्षर कर 1 करोड़ 40 लाख रुपए बैंक से निकाल लिए है। इस मामले में अंबाझरी थाने में शिकायत की गई थी।

आर्थिक अपराध शाखा पुलिस करेगी जांच 
अंबाझरी थानांतर्गत बैंक गारंटी को रद्द करने के लिए अज्ञात आरोपी ने प्रकल्प संचालक के नाम पर फर्जी हस्ताक्षर करके उस पत्र को बैंक के पास भेज दिया था। करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी से जुड़े इस मामले की जांच शहर की आर्थिक अपराध शाखा पुलिस विभाग को सौंपी जा सकती है। हालांकि अंबाझरी के थानेदार भीमराव खंदाले का कहना है कि इस बात की जांच की जाएगी कि आखिर फर्जी हस्ताक्षर करने वाला कौन है। उसने ऐसा क्यों किया। इस प्रकरण में प्रकल्प से जुड़े अन्य अधिकारियों, कर्मचारियों से भी पूछताछ की जाएगी। खंदाले के अनुसार जब कोई कंपनी बड़ा ठेका लेती है, तब उसे बैंक में अमानत राशि गारंटी के रूप में जमा करनी पड़ती है। जब संबंधित कार्य पूरा हो जाता है, तब संबंधित बैंक इस अमानत राशि को संबंधित कंपनी के पदाधिकारी को वापस कर देती है।  
 

Created On :   17 Aug 2018 11:05 AM IST

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