10वीं के बाद स्टूडेंट्स में कामर्स को लेकर गजब का इंटरेस्ट,फाइन आर्ट भी फेवरेट

A Survey report - Students have great interest in Commerce and fine Arts
10वीं के बाद स्टूडेंट्स में कामर्स को लेकर गजब का इंटरेस्ट,फाइन आर्ट भी फेवरेट
10वीं के बाद स्टूडेंट्स में कामर्स को लेकर गजब का इंटरेस्ट,फाइन आर्ट भी फेवरेट

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सूचना तकनीकी व अंतरराष्ट्रीय स्तर की शिक्षा पाठ्यक्रमों की उपलब्धता के बाद भी विद्यार्थियों का परंपरागत शिक्षा पाठ्यक्रम में ही अधिक लगाव है। विद्यार्थी चाहते हैं कि कामर्स या फाइन आर्ट जैसे विषयों में पढ़ाई करके जल्द से जल्द कोई रोजगार पा लें। कामर्स को लेकर एक तरह से विद्यार्थियों में गजब का इंटरेस्ट है। बैंकिंग,वित्त सेवा या अन्य विभागों में जल्द रोजगार मिल जाने की उम्मीदें रहती है। फाइन आर्ट अर्थात चित्रकला को लेकर विद्यार्थियों में धारणा है कि रचनात्मक कार्यों के बल पर कारपोरेट क्षेत्र में भी अलग व विशेष भूमिका को रोजगार पाया जा सकता है। 

सरकार ने तैयार करायी रिपोर्ट 
राज्य सरकार ने पिछले दो वर्ष से राज्य में कलचाचणी उपक्रम अर्थात विद्यार्थियों की अभिरुचि जांच का अभियान चलाया। दसवीं कक्षा की परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों की शैक्षणिक अभिरुचि को जानने से उनके कैरियर निर्माण में सही दिशा मिलने की उद्देश्य इस अभिरुचि जांच अभियान में शामिल है। इस वर्ष दसवीं कक्षा की परीक्षा में शामिल 17,36,104 विद्यार्थियों की अभिरुचि की गई। शनिवार को इस कलचाचणी उपक्रम की रिपोर्ट सरकार ने जाहिर की। रिपोर्ट के अनुसार राज्य में 21 प्रतिशत विद्यार्थी वाणिज्य क्षेत्र में रुचि रखते पाये गए हैं। फाइन आर्ट क्षेत्र में 18 प्रतिशत, यूनिफार्मड सेवा 15 प्रतिशत, कृषि 13 प्रतिशत, हेल्थ साइंस 12 प्रतिशत, कला 11 प्रतिशत व तकनीकी क्षेत्र में 10 प्रतिशत विद्यार्थियों की रुचि पायी गई है। गौरतलब है कि पिछले वर्ष इस उपक्रम के तहत तैयार की गई रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आया था कि फाइन आर्ट में विद्यार्थियों की अभिरुचि सर्वाधिक है।  

शालेय स्तर पर विशेष मार्गदर्शन की व्यवस्था 
दसवीं कक्षा के बाद विद्यार्थियों के सामने अहम प्रश्न रहता है कि किस क्षेत्र में पढ़ाई आसान और रोजगारमूलक होगी। लिहाजा विद्यार्थियों की अभिरुचि जांच कर उन्हें उचित मार्गदर्शन करने का प्रयास सरकार के कलचाचणी उपक्रम के माध्यम से किया जाता है शालेय स्तर पर विद्यार्थियों के अभिभावकों के लिए मार्गदर्शन व्यवस्था की गई है जिसमें बताया जाता है कि उनके पाल्य को किस पाठ्यक्रम में पढ़ाई करने देना चाहिए। कौन सा पाठ्यक्रम पाल्यों के लिए उचित है। इस उपक्रम के तहत महाराष्ट्र विद्या प्राधिकरण ने 12 हजार शासकीय व शासकीय अनुदानित माध्यमिक विद्यालयों में एक मुख्याध्यापक व दो शिक्षक को प्रशिक्षण दिया है। इसके तहत करीब 41,607 शिक्षक प्रशिक्षित हुए हैं। जिला स्तर पर जिला शैक्षणिक व्यावसायिक विकास संस्था केंद्र के माध्यम से भी विद्यार्थियों को पोर्टल पर जानकारी मिलती है।  

जो पसंद है उसी विषय की भरपूर जानकारी 
सरकार ने विद्यार्थियों की अभिरुचि जांच के संबंध में रिपोर्ट को डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डाट महाकरियरमित्र डाट इन पर उपलब्ध कराया है। विद्यार्थी की जिस क्षेत्र में अभिरुचि है उस क्षेत्र के विषय में जानकारी देने वाले वीडियो देखें जा सकते हैं। विशेषज्ञों के मार्गदर्शक वीडियो भी पोर्टल पर उपलब्ध है।70 हजार से अधिक शासन मान्य पाठ्यक्रम की जानकारी दी गई है।  

ऐसी है अभिरुचि 
कामर्स-21 प्रतिशत
फाइन आर्ट-18 प्रतिशत
यूनिफार्मड सेवा- 15 प्रतिशत
एग्रीकल्चर- 13 प्रतिशत
हेल्थ साइंस- 12 प्रतिशत
आर्ट-11 प्रतिशत
तकनीकी-10 प्रतिशत 

विभागवार विद्यार्थियों की अभिरुचि का विश्लेषण 
विभाग- यूनिफार्मड-एग्रीकल्चर-आर्ट-फाइन आर्ट-हेल्थ साइंस-कामर्स-तकनीकी 
नागपुर- 11-10-09-18-11-26-15
अमरावती-16-09-11-17-10-24-12
औरंगाबाद-14-14-15-18-13-18-08
कोंकण-15-14-12-18-11-20-11
कोल्हापुर-13-13-15-15-14-22-08
लातूर-19-15-12-17-13-15-08
मुंबई-14-17-11-17-11-21-09
नाशिक-13-12-15-16-14-20-09
पुणे-15-12-06-23-12-22-09 

क्या कहते हैं जानकार 
शिक्षामंत्री विनोद तावड़े के मुताबिक विद्यार्थियों की पाठ्यक्रम में अभिरुचि को देखते हुए ही उसे आगे की कक्षाओं में पढ़ने दे। पालकों व अभिभावकों को विद्यार्थियाें के करियर निर्माण में सहायता करनी चाहिए। अभिरुचि के अनुरुप ही शैक्षणिक प्रवेश तय होने पर विद्यार्था अधिक उत्साह व लगन के साथ सफल हो सकते हैं। पाल्यों को ही तय करने दें कि वे आगे चलकर क्या करना चाहते हैं।

Created On :   13 May 2018 5:11 PM IST

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