एक युवा सोच का हुआ यूं असर की नागपुर में दौड़ पड़ी मेट्रो

A young man engaged in making beautiful metro by 3D visualization
एक युवा सोच का हुआ यूं असर की नागपुर में दौड़ पड़ी मेट्रो
एक युवा सोच का हुआ यूं असर की नागपुर में दौड़ पड़ी मेट्रो

चंद्रकांत चावरे, नागपुर। संतरनगरी में साकार हो रही मेट्रो रेल परियोजना के लिए सैंकड़ों विशेषज्ञ अपनी-अपनी सोच के माध्यम से इसे और बेहतर स्वरूप देने में लगे हैं। इन्हीं के बीच एक ऐसा युवक भी है जो अपने थ्री डी विजुलाइजेशन के माध्यम से मेट्रो को खूबसूरत बनाने में लगा है। 32 साल के अभिषेक आचार्य 2015 से मेट्रो से जुड़े हैं। 2015 में जब मेट्रो की अधिकृत घोषणा होने वाली थी और तीन दिन बाद प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी इसके लिए आने वाले थे। उस समय तक किसी को पता भी नहीं था कि मेट्रो कैसी होगी? जब वह दौड़ेगी तो शहर कैसा दिखेगा।

मेट्रो के डिब्बे कैसे होंगे? महामेट्रो ने इस काम के लिए अभिषेक को चुना। उसने भी इस चुनौती को स्वीकार किया। यह काम उसे मात्र 48 घंटे में करना था। इस दौरान उसे मेट्रो के पूरे रास्तों का अभ्यास, वीडियो शूटिंग आदि करने के बाद वहां से मेट्रो दौड़ाकर दिखानी थी। अभिषेक ने यह काम कर दिखाया। इसके बाद वह मेट्रो भवन, मेट्रो के डिब्बे आदि पर काम कर चुका है। ये सारे काम उसने थ्री डी विजुलाइजेशन के माध्यम से किए हैं। इसी के आधार पर मेट्रो रेल परियोजना की सुंदरता पर काम हो रहा है।

शहर में सबसे पहले दौड़ायी मेट्रो रेल
परियोजना को 29 जनवरी 2014 को राज्य सरकार और 20 अगस्त 2014 को केंद्र सरकार ने मंजूरी दी थी। 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका उद्घाटन किया था। इस कार्यक्रम में मेट्रो का प्रात्यक्षिक दिखाना आवश्यक था। तीन दिन बाद प्रधानमंत्री आने वाले थे। इसके लिए मेट्रो की कोई तैयारी नहीं थी। तब सोशल मीडिया के माध्यम से मेट्रो के अधिकारियों को अभिषेक आचार्य के बारे में पता चला। अभिषेक और मेट्रो के अधिकारियों के बीच बैठक के बाद उसे नागपुर में प्रस्तावित मेट्रो रेल परियोजना और उसके मार्ग के बारे में बताया गया। समय कम था। अभिषेक ने मेट्रो की टीम के साथ मेट्रो रेल मार्ग का दौरा किया।

शहर के प्रमुख चौराहों और मार्गों की वीडियो शूटिंग की। इसके बाद उन वीडियों के साथ मेट्रो रेल के पिलर, रेल ट्रैक, स्टेशन्स, प्लेटफॉर्म, पार्किंग, गार्डन, प्लेटफॉर्म में प्रवेश, टिकट केबिन्स, टिकट वेंडिंग मशीन, सुरक्षा व्यवस्था आदि मिलाकर थ्री डी स्ट्रक्चर के माध्यम से मेट्रो रेल दौड़ने का वीडियो तैयार किया। इसमें कुछ पुलिया, कुछ चौराहे जैसे आरबीआई चौक, शंकरनगर, संविधान चौक, हिंगणा टी प्वाइंट आदि का समावेश किया गया है। इसके लिए दिन-रात एक की गई। यह वीडियो देखने के बाद मेट्रो परियोजना के अधिकारियों ने खूब तारीफ की। अंतत: यही वीडियो प्रात्यक्षिक के तौर पर सभी को दिखाया गया। अब जो मेट्रो का काम हो रहा है, उसमें से अधिकतर इस वीडियो के आधार पर ही हो रहा है। यानि मेट्रो दौड़ने से पहले अभिषेक ने शहर में मेट्रो दौड़ा दी।

मेट्रो भवन का कलेवर किया तैयार
मेट्राे रेल का मुख्यालय दीक्षाभूमि के सामने तैयार हो रहा है। करीब 15 हजार वर्ग फीट जमीन पर 6 मंजिला इमारत का निर्माण किया जा रहा है। इस इमारत को कार्पोरेट लुक देने के लिए अभिषेक ने ही थ्री डी विजुलाइजेशन किया है। उन्होंने इस इमारत की क्या विशेषता होनी चाहिए? इसके लिए हर संभव प्रयास किया है। इस इमारत का बाहरी दृष्य कैसा हो? इमारत बनने के बाद कैसे दिखनी चाहिए? उसके भीतर जाने का प्रवेश द्वार कैसा हो? रंग-राेगन, टाइल्स, सिलिंग समेत यहां बिजली, पानी अौर सीवेज की व्यवस्था कैसी हो? सुरक्षा व्यवस्था, अधिकारियों के केबिन्स, ग्रीन मेट्रो का गार्डन, सभागार, पार्किंग आदि को अपनी कल्पना से साकार किया। इसका एक वीडियो बनाकर मेट्रो को दिया। अब यह मेट्रो भवन इसी तर्ज पर बनने लगा है। जल्द ही यह भवन अभिषेक की कल्पना के अनुसार नजर आएगा।

Created On :   29 July 2018 9:56 AM GMT

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