- गुजरात के सूरत में फुटपाथ पर सो रहे 18 लोगों को ट्रक ने कुचला, 13 की मौत
- ब्रिस्बेन टेस्टः शुभमन गिल का अर्धशतक, भारत का स्कोर 100 रन के पार
- सामना में शिवसेना का तंज- ED, CBI, आयकर विभाग को बताया बीजेपी का वर्कर
- दिल्ली: कोहरे के कारण देरी से चल रही हैं 16 ट्रेनें- नॉदर्न रेलवे
- एक लाख बाइकर्स किसान तिरंगा यात्रा में हो सकते हैं शामिल, मिली खुफिया जानकारी
दिल्ली की तरह महाराष्ट्र में बिजली बिल माफ चाहती है आप पार्टी, कहा- लॉकडाउन में कैसे भरेंगे बिल

डिजिटल डेस्क, मुंबई। दिल्ली में मुफ्त बिजली-पानी देने वाली आम आदमी पार्टी (आप) चाहती है कि कोरोना संकट के मद्देनजर महाराष्ट्र में बिजली बिल माफ किए जाएं। पार्टी पदाधिकारियों ने जिलाधिकारी व तहसीलदारों को ई-मेल भेजकर सरकार तक अपनी मांग अपनी पहुंचाई है। पार्टी ने लोगों से अपील की है कि वे बिजली माफी से संबंधित वीडियो बनाकर पार्टी को भेजे। आप ने कहा है कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार पिछले दो साल से 200 यूनिट बिजली मुफ्त दे रही है। यहीं काम यहां की सरकार क्यों नहीं कर सकती। महाराष्ट्र में सबसे महंगी बिजली है। कोरोना के कारण आम आदमी की हालत खराब है। सबकी आमदनी बंद है। ऐसी स्थिति में लोग बिजली बिल जमा करने के लिए कहां से पैसे लाएंगे। इसलिए दिल्ली की केजरीवाल सरकार की तर्ज पर महाराष्ट्र की महा विकास आघाडी सरकार को भी कोरोना काल में चार महीने के लिए 200 बिजली यूनिट माफ करना चाहिए। पार्टी को भरोसा है कि राज्य की ठाकरे सरकार उनकी मांगों पर जरूर ध्यान देगी और लोगों की मदद करते हुए कम से कम 4 महीने की बिजली बिल माफ करेगी।
भाजपा ने भी की बिजली, पानी, प्रॉपर्टी टैक्स माफ करने की मांग
भाजपा ने भी लॉकडाउन के दौरान बिजली, पानी और संपत्ति कर माफ करने की मांग की है। मुंबई मनपा में भाजपा के गुट नेता प्रभाकर शिंदे ने बीएमसी कमिश्नर और राज्य सरकार को पत्र लिखा है। मुंबई मनपा में 8 साल तक विरोधी पक्षनेता रहे मुंबई भाजपा के उपाध्यक्ष राजहंस सिंह ने इस मांग को फिर दोहराया है। उनका कहना है कि कोरोना संकट के कारण सभी काम-धंधे बंद हैं। ऐसे में लोग पानी, बिजली और संपत्ति कर कहा से भरेंगे।
कमेंट करें
कमेंट पढ़े


Sonukhan September 02nd, 2020 16:57 IST
नमस्ते सर हम बहुत परेसान है हम लोग lockdown मे गाव मे थे फिर भी बिजली बिल 22600 आया है कुछ करो सर खाने को पेसे नही है बिल कहा से भरे सर पिलीस सर मदत करो


Yashwant Ingale August 10th, 2020 08:23 IST
100 युनिट तक का बिजली बिल माफ होना चाहिए.
Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
जानिए भास्कर प्रॉपर्टी के बारे में:
भास्कर प्रॉपर्टी ऑनलाइन रियल एस्टेट स्पेस में तेजी से आगे बढ़ने वाली कंपनी हैं, जो आपके सपनों के घर की तलाश को आसान बनाती है। एक बेहतर अनुभव देने और आपको फर्जी लिस्टिंग और अंतहीन साइट विजिट से मुक्त कराने के मकसद से ही इस प्लेटफॉर्म को डेवलप किया गया है। हमारी बेहतरीन टीम की रिसर्च और मेहनत से हमने कई सारे प्रॉपर्टी से जुड़े रिकॉर्ड को इकट्ठा किया है। आपकी सुविधाओं को ध्यान में रखकर बनाए गए इस प्लेटफॉर्म से आपके समय की भी बचत होगी। यहां आपको सभी रेंज की प्रॉपर्टी लिस्टिंग मिलेगी, खास तौर पर जबलपुर की प्रॉपर्टीज से जुड़ी लिस्टिंग्स। ऐसे में अगर आप जबलपुर में प्रॉपर्टी खरीदने का प्लान बना रहे हैं और सही और सटीक जानकारी चाहते हैं तो भास्कर प्रॉपर्टी की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।
ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।