एसीबी की कार्रवाई : कार्यकारी अभियंता पर आय से अधिक संपत्ति का मामला

ACBs action on Executive Engineer under Income Tax Act
एसीबी की कार्रवाई : कार्यकारी अभियंता पर आय से अधिक संपत्ति का मामला
एसीबी की कार्रवाई : कार्यकारी अभियंता पर आय से अधिक संपत्ति का मामला

डिजिटल डेस्क, नागपुर। ठाणे के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने पीडब्ल्यूडी के तत्कालीन अवर सचिव संजय सोलंकी और उनकी पत्नी विजया सोलंकी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज कराया है।  54 वर्षीय सोलंकी वर्तमान में नागपुर नगर रचना विभाग के कार्यान्वयन प्रकोष्ठ में कार्यकारी अभियंता के पद पर कार्यरत हैं। सोलंकी का नाम साल 2015 में  दिल्ली स्थित महाराष्ट्र सदन में हुए करोड़ों रुपए के घोटाले में सामने आया था। तभी से उनके खिलाफ एसीबी की जांच जारी थी। इस विषय को लेकर ठाणे एसीबी के अतिरिक्त अधीक्षक किसन गवली के अनुसार जांच में पाया गया है कि संजय सोलंकी ने  3 दिसंबर 1985 से वर्ष 2015 तक की कालावधि के दौरान सरकारी सेवा में रहते हुए 41 लाख 31 हजार 135 रुपए की आय से अधिक संपत्ति अर्जित की है। सोलंकी की पत्नी पर पति की संपत्ति को अर्जित करने में सहयोग करने का आरोप है। दोनों के खिलाफ ठाणे के वागले इस्टेट पुलिस स्टेशन में एसीबी कानून की धारा 13(1)(ब), 13 (2) तथा 12 के तहत मामला दर्ज किया गया है। अपराध संवाददाता| नागपुर. महाराजबाग के सामने दो बच्चों की मां ने प्रेमी द्वारा शादी से इनकार करने पर जहर गटक लिया। देर रात उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई है। घटना को लेकर संदेह भी व्यक्त किया जा रहा है। शनिवार को सीताबर्डी थाने में प्रकरण को आकस्मिक मृत्यु के तौर पर दर्ज किया गया है। मृतका आरती नितीन भगत 26 वर्ष वर्धा जिला, आर्वी की निवासी थी। वह विवाहित थी। उसे पांच और तीन वर्ष का एक पुत्र और पुत्री है। आरती अपनी शादी से खुश नहीं थी। वह अपने प्रेमी से शादी करना चाहती थी। इस कारण वह हमेशा नागपुर में अपने मामा के घर आकर रहती थी।नागपुर में आरती का प्रेमी भी रहता है। वर्तमान में करीब 8 दिन से वह मामा के यहां आई हुई थी। शुक्रवार को दिन में करीब 11.30 बजे वह महाराज गार्डन में अपने प्रेमी से मिलने आई थी। फोन कर प्रेमी को भी मिलने बुलाई थी। मुलाकात के दौरान उससे शादी की बात की, लेकिन प्रेमी ने शादी करने से इनकार कर दिया। इससे आहत आरती ने महाराजबाग गेट के सामने ही जहरीली दवा का सेवन कर लिया था। उसे बेहोशी की हालत में पड़ा हुआ पाकर सी ने इसकी सूचना पुलिस नियंत्रण कक्ष को दी। गंभीर हालत में आरती को मेडिकल अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां शुक्रवार और शनिवार की दरमियानी रात करीब ढाई बजे उपचार के दौरान आरती ने दम तोड़ दिया। जांच जारी है। 

फुटपाथ पर मिले व्यक्ति की मौत

इसके अलावा अंबाझरी थानांतर्गत शंकर नगर में विजय उपाध्याय 35 वर्ष नामक युवक फुटपाथ पर रहता था। शुक्रवार की दोपहर उसे बेहोशी की हालत में पाया गया था। उसे मेयो अस्पताल ले जाया गया, मगर बीच रास्ते में ही विजय ने दम तोड़ दिया। चिकित्सकों ने भी इसकी पुष्टि की है। घटना को लेकर संदेह भी व्यक्त िकया जा रहा है। 

गौरव के शव को ढाई घंटे में लगा दिया ठिकाने

उधर शेगांव पुलिस कस्टडी में नागपुर के युवक की संदिग्ध मृत्यु प्रकरण ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। चर्चा है कि, नागपुर के गौरव  गाढवे के शव को ढाई घंटे में ठिकाने लगाया गया था। चर्चा यह भी है कि, शेगांव पुलिस ने गौरव की बेदम पिटाई की थी, जिससे वह बेहोश हो गया और उसे मृत समझकर शेगांव से करीब 25 किलोमीटर दूर ले जाकर उसके शव को अकोला जिले के बालापुर की नदी में ठिकाने लगा दिया गया। उसकी पानी में डूबने से मौत हो गई। यह दर्शाने का भरसक प्रयास किया गया। हालांकि जब गौरव का शव मिला, तब उसके शरीर पर शर्ट, बनियान, बेल्ट व पैर में चप्पल नहीं थी। मृतक के परिजनों ने शंका जाहिर करते हुए कहा कि, वह पहले शेगांव आैर फिर वहां से भागकर अकोला जिले के बालापुर की नदी में आत्महत्या करने के लिए कैसे जा सकता है। इस प्रकरण में मृतक गौरव की मां रेखा गाढ़वे ने सीधे तौर पर शेगांव पुलिस की भूमिका पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्हें संदेह है कि, शेगांव पुलिस की कस्टडी में ही उसकी मौत हो गई थी, जिसे बाद में आत्महत्या का रूप दिया गया। रेखा ने शेगांव रेलवे स्टेशन व शेगांव शहर पुलिस स्टेशन पर लगे सीसीटीवी कैमरे की जांच किए जाने की मांग की है। वहीं दूसरी ओर शेगांव पुलिस का मानना है कि, गौरव मानसिक रुप से अस्वस्थ लग रहा था, वह नशे में हंगामा कर रहा था, इस दौरान शेगांव रेलवे पुलिस ने स्टेशन से उसे हिरासत में लेकर स्थानीय पुलिस के हवाले किया गया था। नागपुर में अपने बच्चे की प्रतीक्षा कर रही मां रेखा को 11 अप्रैल की तड़के करीब 4 बजे शेगांव पुलिस थाने से फोन आया था और तब उसकी गौरव से बातचीत कराई गई थी। उसने रेखा को बताया था कि, मां पुलिस ने मेरे साथ  मारपीट की है। उसके बाद फोन बंद कर दिया गया। उसके बाद गाढ़वे दंपति कुछ लोगों के साथ इमामवाड़ा थाने में पहुंचे थे। इमामवाड़ा पुलिस ने भी शेगांव पुलिस को फोन किया, लेकिन नंबर नहीं लग रहा था। उसके बाद गौरव के परिजनों को पुलिस ने शेगांव जाने की सलाह दी। उसके बाद विनोद गाढ़वे आैर रेखा गाढ़वे शेगांव थाने पहुंचे। शेगांव पुलिस से पूछताछ करने पर उन्होंने गौरव को पूछताछ के बाद छोड़ देने की जानकारी परिजनों को दी थी।  

शेगांव व इमामवाड़ा पुलिस की बढ़ सकती हैं मुश्किलें

बताया जा रहा है कि, ढाई घंटे बीत जाने पर भी शेगांव पुलिस थाने का फोन नहीं लग रहा था। इधर इमामवाड़ा पुलिस ने इस बारे में वरिष्ठों से रायशुमारी नहीं की। समय रहते उचित कदम उठाया जाता तो कदाचित गौरव की जान बच सकती थी। उसी प्रकार इमामवाड़ा थाने में गुमशुदा का प्रकरण दर्ज करने के बाद पुलिस शेगांव नहीं गई। इससे  शेगांव और इमामवाड़ा पुलिस की मुश्किलें बढ़ने का कयास लगाया जा रहा है।

 

Created On :   14 April 2019 1:12 PM GMT

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