इन किसानों के लिए बन गया कानून, 4 लाख किसान बनेंगे भू-स्वामी

According to the new law farmers are going to become land owner
इन किसानों के लिए बन गया कानून, 4 लाख किसान बनेंगे भू-स्वामी
इन किसानों के लिए बन गया कानून, 4 लाख किसान बनेंगे भू-स्वामी

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  मध्य प्रांत से संयुक्त महाराष्ट्र में शामिल होने के बाद सिर्फ भूमिधारी रहे लगभग चार लाख नागरिक अब उस जमीन के मालिक बनेंगे। महाराष्ट्र जमीन महसूल संहिता (सुधार) और महाराष्ट्र जमीन महसूल (भूमिधारी का भोगवटदार वर्ग 1) में शामिल करने के लिए अनुमति देने से संबंधित विधेयक पटल पर रखा गया। राज्य सरकार के महा राजस्व अभियान अभियान अंतर्गत क्लिष्ट कानून में अटके 4 से 5 कानून में बदलाव करने का महत्वपूर्ण निर्णय राज्य सरकार ने लिया है। राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटील ने यह विधेयक रखा। इस विधेयक को एकमत से मंजूरी देते हुए अनेक सदस्यों ने महत्वपूर्ण सूचना की।

इसके अनुसार, कानून को विदर्भ तक सीमित न रखते हुए राज्य भर में लागू करने की सूचना भी की गई। इस दौरान राजस्व मंत्री पाटील ने स्पष्ट किया कि मध्य प्रांत की जमीन से संबंधित विषय होने से इसकी व्याप्ति विदर्भ तक सीमित होगी। इसके साथ ही विधेयक मंजूर कर लिया गया और मध्यप्रदेश से महाराष्ट्र प्रांत में शामिल होते समय विदर्भ में भूमिधारी  वर्ग-2 प्रवर्ग की जमीन भूमिस्वामी वर्ग-1 में शामिल हो गई।  

अपने-अपने ढंग से समर्थन
चर्चा में हिस्सा लेते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस के नेता अजित पवार ने एकनाथ खड़से के कार्यकाल में इस प्रकार का भोगवटदार-1 में बदलाव करने का निर्णय लेने की ओर ध्यान आकर्षित कर विधेयक का समर्थन किया। कांग्रेस के गोपाल अग्रवाल ने यह कानून करते समय नजूल की जमीन का भी विचार करने की सूचना की। पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने याद कराया कि 2012 में स्वर्ण राजस्व अभियान के दौरान यह प्रक्रिया शुरू की गई थी। राकांपा के शशिकांत शिंदे ने कहा कि कानून बनाते समय अधिकार तहसीलदार, उपविभागीय अधिकारी व तलाठियों को दिए गए हैं। इसके लिए समयावधि और शुल्क को लेकर खुलासा करें। भास्कर जाधव ने देवस्थान बाबत निर्णय लेने का निवेदन किया।

भाजपा के समीर कुणावार ने सिलिंग कानून में जमीन का निर्णय लेते समय देवस्थान की जगह वर्ग-2 में रखने, 1950 का कुल निकालकर सात-बारा मुख्त करने की सूचना की। पूर्व राजस्वमंत्री बालासाहब थोरात, पंडित अण्णा पाटील, कांग्रेस के विजय वडेट्टीवार, भाजपा के आशीष शेलार, कांग्रेस के जयकुमार गोरे, बच्चू कडू ने भी चर्चा में हिस्सा लिया। 

कोई आवेदन नहीं करना पड़ेगा
इस कानून अनुसार, जमीन बदलने के लिए किसी को आवेदन नहीं करना पड़ेगा। कोई शुल्क भी नहीं देना होगा। भोगवटदार वर्ग-1 प्रकार की जमीन का उल्लेख करते समय संपूर्ण गांव का उल्लेख किया जाएगा। इसके लिए अलग से आवेदन करने की जरूरत नहीं है। राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटील ने बताया कि जिला स्तर पर रिकार्ड में रखी गई यह जानकारी डिजिटल की जाएगी। इसका सटीक डाटा बेस तैयार किया जाएगा। उसे उपनिबंधक और नियोजन प्राधिकरण सहित जनता को जानकारी के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। विदर्भ के भूमिधारी वर्ग-2 प्रवर्ग की जमीन भूमि स्वामी वर्ग-1 में स्थानांतरित करने प्रभावी अमल किया जाएगा। इसके लिए विशेष मुहिम चलाने के लिए प्रयास किया जाएगा। 

Created On :   10 July 2018 4:39 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story