- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- नागपुर
- /
- एडमिशन दिलाने के नाम पर ठगी,...
एडमिशन दिलाने के नाम पर ठगी, स्टूडेंट्स के मूल दस्तावेज लेकर आरोपी फरार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सक्करदरा थानांतर्गत एक कॉलेज में एडमिशन दिलाने के नाम पर 15 स्टूडेंट्स से करीब 1 लाख 55 हजार 500 रुपए की ठगी किए जाने का मामला सामने आया है। पुलिस ने पीड़ित स्टूडेंट पराग खेडकर की शिकायत पर नीलेश श्रीखंडे के खिलाफ मामला दर्ज किया है। नीलेश पर इससे पहले भी ठगी का मामला सक्करदरा थाने में दर्ज हो चुका है। आरोपी स्टूडेंट्स को सक्करदरा के एक कॉलेज का काउंसलर बनकर उनसे मिला और कॉलेज में एडमिशन दिलाने के नाम पर पैसे ऐंठ लिया। उसने इन स्टूडेंट्स के मूल दस्तावेज भी अपने पास रख लिया, जिससे इन स्टूडेंट्स का कॉलेज में प्रवेश नहीं होने के कारण उनका भविष्य अधर में लटक कर रह गया है।
थाने के उपनिरीक्षक धडे ने बताया कि वह इस मामले में कमला नेहरू कॉलेज के प्रबंधन विभाग से बातचीत करेंगे, जिससे स्टूडेंट्स का साल बर्बाद न हाे। गुलमोहर नगर हाउसिंग सोसाइटी भरतवाड़ा नागपुर निवासी पराग राजेश खेडकर नामक छात्र ने नीलेश के खिलाफ सक्करदरा थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया है। नीलेश ने पराग को अपना परिचय सक्करदरा के कमला नेहरू कॉलेज में काउंसलर होने के रूप में दिया।
उसने पराग से कहा कि वह इस कॉलेज में किसी काे एडमिशन दिला सकता है। उस पर स्टूडेंट्स को भरोसा हो गया। उसने पराग और अन्य 14 स्टूडेंट्स को कॉलेज में एडमिशन दिलाने के नाम पर उनसे 1 लाख 55 हजार 500 रुपए लिया, लेकिन किसी का भी एडमिशन नहीं दिलाया।
कॉलेज के बाहर करता था शिकार की तलाश
उपनिरीक्षक ने बताया कि नीलेश को नशे का शौक है। वह बेहद शातिर है। श्रीखंडे ने पराग और अन्य स्टूडेंट्स को कमला नेहरू कॉलेज के अंदर मिला था। वहां पर पराग और अन्य विद्यार्थी एडमिशन के लिए भटक रहे थे। सभी विद्यार्थी उसके झांसे में आ गए। उसने स्टूडेंट्स से उनकी आर्थिक स्थिति के अनुसार रकम हासिल कर उन्हें प्रवेश दिलाने के नाम पर उनके मूल दस्तावेज ले लिया और गायब हाे गया। आरोपी के बारे में काेई जानकारी नहीं मिलने पर थाने में शिकायत की। पुलिस ने आरोपी के घर से कुछ दस्तावेज बरामद किया है।
अजनी थाने में वाहनों की नीलामी का दिया था झांसा
उपनिरीक्षक ने बताया कि नीलेश पर इसके पहले भी धोखाधड़ि कर चुका है। आरोपी वर्ष 2017 में कुछ लोगों को अजनी थाने में लेकर गया। वहां लावारिश में मिले वाहनों की नीलामी होने की बात उनसे की। वह अजनी थाने में कई लोगों को वाहन ले जाकर दिखाया। उसने कुछ पुलिस कर्मियों से दिखावे के लिए बातचीत किया, जिससे उसके साथ गए लोगों को उस पर भरोसा हो गया। इस भरोसे वह कुछ लोगों ने नीलामी में वाहन मिलने का भरोसा होने पर उसे रकम दे दिया, लेकिन जब अजनी थाने में वाहनों की कोई नीलामी नहीं हुई तब मामला सक्करदरा थाने पहुंचा और आरोपी नीलेश की करतूत उजागर हो गई।
Created On :   10 Aug 2018 1:34 PM IST