बाघ के शिकार मामले में आरोपी पिता-पुत्र गिरफ्तार, करंट लगाकर मारा

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भंडारा बाघ के शिकार मामले में आरोपी पिता-पुत्र गिरफ्तार, करंट लगाकर मारा

डिजिटल डेस्क, भंडारा। बावनथड़ी प्रकल्प की नहर में बपेरा के पास मृत मिले बाघ का करंट लगाकर शिकार किया गया था। शिकार के बाद शिकारियों ने मृत बाघ को बैलगाड़ी में डालकर नहर के पानी में फेंक दिया था। इस प्रकरण में वन विभाग ने शनिवार को पांच आरोपियों को हिरासत में लिया था। उनमें से दो शिकारी पिता-पुत्र आरोपियों को शनिवार की रात्रि गिरफ्तार किया गया। उन्हें तुमसर के न्याय दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी न्यायालय में रविवार, 3 अप्रैल को हाजिर किया गया। वहां आरोपियों को पांच दिन की वन हिरासत में भेज दिया गया। 

आरोपियों में तुलशीराम दशरथ लिल्हारे तथा शशिकांत तुलशीराम लिल्हारे का समावेश है। 31 मार्च की शाम को तुमसर तहसील के बपेरा आंबागड परिसर के उसर्रा मार्ग पर नहर में ग्रामीणों को मृत बाघ दिखाया दिया था। शुरुआत में वन विभाग ने इस बाघ को अन्य बाघ से लड़ाई के दौरान घायल होकर मृत्यु होने की बात कही थी। पर शव विच्छेदन के दौरान डाॅक्टरों ने बाघ का शिकार होने की जानकारी दी थी। 

जब वन विभाग ने जांच शुरू की तो तुलशीराम दशरथ लिल्हारे के खेत में वन्यजीवों की खोपड़ियां, हड्‌डी, करंट लगाने की सामग्री मिली। वन विभाग के अधिकारियों ने यह सभी सामग्री जब्त की। 

पुलिस विभाग के डाग स्काॅट का सहारा लेकर प्रत्येक दिशा में जांच की गई। इस दौरान पता चला कि बाघ का खेत में करंट लगाकर शिकार किया गया। इसके बाद तुलशीराम ने अपने बेटे शशिकांत के साथ मिलकर बाघ का शव बैलगाड़ी पर लादकर उसे नहर में फेंका। जांच के दौरान शनिवार को बपेरा के कुल पांच लोगों को हिरासत में लिया गया था। उनमें से मुख्य आरोपी तुलशीराम दशरथ लिल्हारे तथा शशिकांत लिल्हारे को गिरफ्तार किया गया। न्यायालय ने आरोपियों को पांच दिन तक वन हिरासत में रखने के आदेश दिए है। मामले की जांच एसीएफ साकेत शेंडे, नाकाडोंगरी के वन परिक्षेत्र अधिकारी मनोज मोहिते, तुमसर के वन परिक्षेत्र अधिकारी गोविंद लुचे तथा उड़न दस्ता दल के वन परिक्षेत्र संजय मेंढे कर रहे हैं। 

कड़ी सजा दिलाने का करेंगे प्रयास 

बाघ जंगल का प्रमुख घटक है। अन्नश्रृंखला में बाघ प्रमुख जिम्मेदारी निभाता है। भारतीय वन्यजीव अधिनियम 1972 के अनुसार बाघ यह अनुसूची 1 में शामिल होकर सर्वोच्च संरक्षण दिया जाता है। बाघ का शिकार करने वालों को तीन से सात वर्ष की सजा का प्रावधान है। बपेरा के बाघ शिकार मामले में आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने वन विभाग प्रयास करेगा। जिले के किसानों से वन विभाग ने करंट लगाकर वन्यजीवों के शिकार का अमानवीय कृत्य रोकने का आह्वान उपवनसंरक्षक राहुल गवई ने किया है। 

दो माह में दो 

बाघ खो दिए

28 जनवरी 2022 को रूद्रा (बी2) नामक युवा बाघ पलाडी के पास मृत मिला था। जांच के दौरान पता चला कि बाघ का करंट लगाकर शिकार हुआ है। इस घटना को दो माह भी नहीं हुए कि भंडारा जिले ने एक और युवा बाघ खो दिया। वन विभाग वन्यजीव शिकार होने के पश्चात शिकारियों को पकड़ता है। ऐसे में शिकारी वन विभाग से एक कदम आगे है। 
 

Created On :   4 April 2022 1:55 PM GMT

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