नाबालिग के साथ रेप के आरोप में दो साल से जेल में बंद आरोपी को नहीं मिली जमानत

Accused not got bail in jailed for two years for raping a minor
नाबालिग के साथ रेप के आरोप में दो साल से जेल में बंद आरोपी को नहीं मिली जमानत
हाईकोर्ट नाबालिग के साथ रेप के आरोप में दो साल से जेल में बंद आरोपी को नहीं मिली जमानत

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने 15 वर्षीय लड़की के साथ दुष्कर्म करनेवाले आरोपी को जमानत देने से मना कर दिया है। दो साल से जेल में बंद आरोपी ने दावा किया था कि पीड़िता का एक प्रेमी है। पीडिता के साथ उसके संबंध थे। उसे झूठे मामले में फंसाया गया है। लिहाजा उसे जमानत जाए। इस पर न्यायमूर्ति भारती डागरे ने कहा कि पीडिता ने अपने बयान में कहा है कि वह एक लड़के को जानती है लेकिन किसी सबूत के अभाव में इससे यह अनुमान नहीं लगाया जा सकता है कि उसने लड़के साथ संबंध बनाए है। 

पीड़िता के मुताबिक वह अपनी दादी के साथ कांदिवली इलाके में स्थित फ्लैट में रहती थी। चूंकि दादी तीर्थयात्रा पर गई थी इसलिए रिश्तेदार होने के नाते आरोपी घर पर आया था। इस दौरान उसके साथ जबरन संबंध बनाए। आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 164 के तहत दिए गए बयान में भी पीड़िता ने आरोपी पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था। पीड़िता की शिकायत के आधार पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376(i),506 पाक्सो कानून की धारा 10 व 6 के तहत मामला दर्ज किया था। पीड़िता के मुताबिक अतीत में आरोपी ने उसे दो बार रात के समय अनुचित तरीके से स्पर्श किया था। दुष्कर्म के बाद जब पीड़िता के गले में चोट के निशान दिखे तो दादी ने उससे सवाल किए। इसके बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ। 

जमानत आवेदन पर सुनवाई के दौरान आरोपी के वकील ने दावा किया है कि मेडिकल रिपोर्ट में यौन हमले की जो बात कही गई है। उसके लिए पीड़िता का प्रेमी जिम्मेंदार है। मेरे मुवक्किल को झूठे मामले में फंसाया गया है। 

पीड़िता एक लड़के को जानती है इससे यह अंदाजा नहीं लगा सकते कि उसने उसके साथ संबंध बनाए मामले से जुड़े तथ्यों व प्रकरण से जुड़े तथ्यों पर गौर करने के बाद न्यायमूर्ति ने कहा कि पीड़िता एक लड़के को जानती थी महज इसके आधार पर किसी सबूत के अभाव में यह अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है कि उसने लड़के के साथ संबंध बनाए थे। न्यायमूर्ति ने कहा कि आरोपी गंभीर आरोपों का सामना कर रहा है। इसके अलावा आरोपी पीडिता के दादी का रिश्तेदार है इसलिए वह पीड़िता पर दबाव बनाकर अभियोजन पक्ष की राह में अवरोध पैदा कर सकता है। इस संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। लिहाजा उसके जमानत आवेदन को खारिज किया जाता है। 
 

Created On :   31 Aug 2022 8:48 PM IST

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