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स्वर्ण योजना के नाम पर लोगों की जमा रकम डकारी, सराफा व्यवसायी पर मामला दर्ज
डिजिटल डेस्क, नागपुर। स्थानीय जूना कामठी पुलिस थाना अंतर्गत आने वाले रईसों की बस्ती मानी जाने वाली सोनार ओली परिसर में स्वर्ण योजना के नाम पर ग्राहकों को लाखों रुपए का चूना लगाने वाले संजय ज्वेलर्स के अजय फकीरचंद गुरव पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है। यह मामला करोड़ों में जाने की चर्चा है। पुलिस सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार सोनार ओली स्थित कुछ सर्राफा व्यवसायी स्वर्ण योजना जैसी स्कीम चला रहे हैं। योजना के तहत ग्राहक अपनी मेहनत की पाई-पाई जोड़कर इस योजना में लगाते हैं और स्कीम खत्म हो जाने के बाद आखिर में सर्राफा व्यवसायी के पास जमा की गई राशि में से अपनी इच्छा अनुसार सोने-चांदी के आभूषण खरीदने का लालच संजय ज्वेलर्स द्वारा दिया गया था।
कुछ ग्राहकों ने संजय ज्वेलर्स में 28 फरवरी 2018 से 2 मई 2019 तक हर माह पैसे भरे थे। यह राशि भरने के बाद एक माह की राशि अतिरिक्त देकर 12 महीने तक जमा किए गए पैसे वापस देने या फिर 12 महीने की राशि पर मेकिंग चार्ज न लेते हुए आभूषण बनाकर देने वाले थे। इसके अनुसार फरियादी सरोज नरेश चौकसे ने आरोपी सर्राफा व्यवसायी अजय गुरव के पास 2 लाख 39 हजार रुपए जमा किए थे। इनके साथ ही अन्य ग्राहक नीलम चौकसे, राजेश चौकसे, आरुश जैस्वाल, माधुरी उमाठे और रैकवार इन पांच ग्राहकों ने स्वर्ण योजना में शामिल होकर नकदी कुल 19 लाख 70 हजार 350 रुपए संजय ज्वेलर्स में जमा किए थे।
योजना के अनुसार कुल 22 लाख 9 हजार 350 रुपए की जमा राशि वापस लेने या आभूषण बनाकर देने की बात ग्राहकों द्वारा करने पर संजय ज्वेलर्स के अजय फकीरचंद गुरव ने इन ग्राहकों को टालमटोल जवाब देना शुरू कर दिया। काफी समय तक जब ग्राहकों को उनके पैसे या पैसे के बदले आभूषण नहीं मिले तो अपने साथ धोखा होने का एहसास होते ही फरियादी सरोज नरेश चौकसे व अन्य पांचों ग्राहकों ने बुधवार को कामठी के जूना पुलिस थाने में जाकर संजय ज्वेर्ल्स के संचालक अजय गुरव (48) सोनार ओली कामठी के खिलाफ शिकायत दर्ज की।
शिकायत के आधार पर पुलिस ने आरोपी अजय गुरव को हिरासत में लिया है। हिरासत में लेने के बाद उनकी तबीयत बिगड़ने के कारण उन्हें मेयो अस्पताल उपचार के लिए ले जाया गया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक पुलिस की देखरेख में उनका इलाज चल रहा है। इलाज पूरा होते ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। उनके खिलाफ धारा 450, चिटफंड अधिनियम 1982, धारा 76, महाराष्ट्र जमाकर्ता अधिनियम 199 की धारा 3 के तहत मामला दर्ज किया है। चर्चा यह भी है कि, अभी तो केवल 5 ग्राहकों ने सर्राफा व्यवसायी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। अभी और भी लोग बाकी हैं जिन्होंने इस योजना में अपना पैसा लगाया था। यह मामला करोड़ों का हो सकता है। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।
Created On :   13 Feb 2020 12:52 PM IST