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मुख्यालय में न रहना अधिकारियों व कर्मचारियों को पड़ा महंगा

डिजिटल डेस्क, नागपुर । सरकारी अस्पतालों में आने वाले लोगों को असुविधा न हो इसलिए सरकार ने स्वास्थ्य अधिकारियों और कर्मचारियों को मुख्यालय में रहने के नियम बनाए हैं लेकिन इस नियम की सख्ती के बावजूद शासन के आदेशों को नजरअंदाज करना 10 तहसील स्वास्थ्य अधिकारियों को महंगा पड़ा। उन्हें दिए जाने वाला अावास भत्ता (एचआरए) और व्यवसायरोधी भत्ता (एनपीए), जो निजी व्यवसाय नहीं करने के बदले में दिया जाता है, इसे रोक दिया गया है। जिला परिषद प्रशासन द्वारा सख्त कदम उठाने से मुख्यालय पर नहीं रहने वाले अधिकारी, कर्मचारियों की नींद उड़ गई है।
दूसरे शहरों से करते हैं ट्रैवलिंग
गौरतलब है कि कर्मचारियों को मुख्यालय पर रहना अनिवार्य है। इसके लिए उन्हें आवास भत्ता दिया जाता है। ग्रामीण क्षेत्र में सेवा करने वाले अधिकारी, कर्मचारी आवास भत्ता उठाते तो हैं, लेकिन मुख्यालय पर रहना पसंद नहीं करते। मुख्यालय से करीब िकसी शहर में रहकर जाना-आना करते हैं। ऐसे अधिकारियों, कर्मचारियों से सख्ती से निपटने के लिए जिप प्रशासन ने कदम उठाए हैं। स्वास्थ्य िवभाग से इसकी शुरुअात की गई है। जिले में 13 तहसील स्वास्थ्य अधिकारी हैं। इसमें से 10 का आवास भत्ता और व्यवसायरोधी भत्ता रोका गया है।
बार-बार समझाने के बावजूद अनदेखी
इन्हें बार-बार समझाने के बाद भी कोई फर्क नहीं पड़ा। ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा लड़खड़ाने की िशकायतें मिलने से जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने मुख्यालय पर नहीं रहने वाले तहसील स्वास्थ्य अधिकारियों की सूची जिला परिषद मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. कादंबरी बलकवड़े को सौंप दी। प्राप्त सूची पर बलकवड़े ने अक्टूबर 2017 से उनके भत्ते रोकने के आदेश जारी कर दिए। इस कार्रवाई से जिला परिषद के सभी िवभागों में खलबली मची हुई है। इस संदर्भ में जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. योगेंद्र सवाई ने कहा कि 10 टीएचओ के भत्ते रोके गए हैं। इनमें से 4 टीएचओ ने मुख्यालय में रहने का दावा िकया है। इसकी गट िवकास अधिकारी से जांच कराई जाएगी। दावा सही साबित होने पर उन्हें राहत दी जाएगी।
इनके खिलाफ हुई कार्रवाई
डॉ. प्रशांत वाघ (पारशिवनी)
डॉ. रोहन झाडे (सावनेर) डॉ. शशांक व्यवहारे (काटोल)
डॉ. सी. एस. नाईकवार (रामटेक)
डॉ. हरीश महंत (नरखेड़)
डॉ. सचिन हेमके (नागपुर ग्रामीण)
डॉ. मिलिंद सोमकुंवर (कलमेश्वर)
डॉ. एस. आर. निकम (कुही)
डॉ. नीलिमा तड़स ( मौदा)
डॉ. प्रवीण राऊत (भिवापुर)
Created On :   9 Dec 2017 4:20 PM IST