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2.60 लाख की सरेराह गुस्ताखी : न्यूसेंस डिटेक्शन स्क्वॉड की कार्रवाई से हड़कंप

डिजिटल डेस्क, नागपुर। उपराजधानी में खुले में लघु-शंका करने या थूकने वाले सतर्क रहें। मनपा का न्यूसेंस डिटेक्शन स्क्वॉड की आप पर नजर है। जैसे ही खुले में लघु-शंका करते दिखेंगे, तुरंत आपकी फोटो निकालकर उसे रिकॉर्ड के तौर पर अपने पास रख लेंगे। बहस करने पर उसकी फोटो भी दिखाएंगे। थूकने वालों को भी रंगे हाथ पकड़ा जा रहा है। पिछले दो साल में खुले में लघु शंका करने वाले और थूकने वालों से 2 लाख 60 हजार रुपए का जुर्माना न्यूसेंस डिटेक्शन स्क्वॉड ने वसूल किया है। 1211 लोगों को खुले में लघु शंका तो 844 लोगों को थूकते रंगे हाथ पकड़ा है। यहीं नहीं खुले में कचरा फेंकने, गंदगी फैलाने, प्लास्टिक इस्तेमाल के खिलाफ कार्रवाई कर मनपा को दो साल में 2 करोड़ 51 लाख रुपए का राजस्व भी दिलाया है।
अब सुअर पकड़ने के भी काम में लगाया
स्क्वॉड की कामयाबी को देखते हुए अब उनसे सुअर पकड़ने का भी काम करवाया जा रहा है। पिछले दिनों सुअरों को पकड़ने चेन्नई से एक टीम बुलाई गई। उन्हें पुलिस संरक्षण भी दिया गया। पुलिस संरक्षण के बावजूद उन्हें सफलता नहीं मिली। कई जगह विवाद भी हुए। ऐसे में मनपा को सेना से सेवानिवृत्त जवानों को इस काम में लगाया गया। जवानों के संरक्षण में करीब 300 सुअर पकड़े गए। इसके अलावा उन्हें अवैध कनेक्शन काटने के दौरान, कंस्ट्रक्शन काम में पानी के इस्तेमाल पर नजर रखने, अतिक्रमण कार्रवाई में सुरक्षा देने आदि काम में लगाया जा रहा है। जिसकी इच्छा होती है, वह फोन कर न्यूसेंस स्क्वॉड के जवानों को साथ में चलने के लिए दबाव बनाता है। इन कामों से उनका नियमित काम प्रभावित हो रहा है। जिससे उनके कार्य में बाधा निर्माण हो रही है
2 साल के दौरान हुई कार्रवाई का असर
दो साल पहले न्यूसेंस डिटेक्शन स्क्वॉड (उपद्रव शोध पथक) का इस उद्देश्य के साथ गठन हुआ था कि शहर में सार्वजनिक स्थान, रास्ते या खुले में कचरा फेंकने, गंदगी फैलाने वाले या निर्माणकार्य सामग्री सड़कों पर रख जन-जीवन को प्रभावित करने वालों पर कार्रवाई की जा सके। इसके लिए सेना के सेवानिवृत्त जवानों को कॉन्ट्रैक्ट पर रखा गया। 87 पदों की मंजूरी है, लेकिन 41 पदों को भरा गया है। रोज सुबह 8 से दोपहर 4 बजे तक यह कमान संभाले रखते हैं। पिछले दो साल में 22 हजार 779 मामलों में मनपा को 2 करोड़ 51 लाख 81 हजार 700 रुपए का राजस्व वसूल कर दिया। सर्वाधिक कार्रवाई सड़क पर निर्माणकार्य सामग्री डालने के मामले में हुई। 6778 मामलों में 1.14 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया। प्लास्टिक बंदी के खिलाफ भी 826 मामलों में 41.36 लाख रुपए का जुर्माना वसूला। खासकर सड़क पर गंदी फैलाने या शादी का खाना लाकर डालने या अस्पताल द्वारा बायोवेस्ट फेंकने के मामले में भी न्यूसेंस डिटेक्शन स्क्वॉड की कार्रवाई चर्चा में रही। मजेदार कार्रवाई खुले में लघु शंका और थूकने वालों के खिलाफ रही। खुले में लघु शंका करने वालों से कई बार विवाद की भी नौबत आई। लघु शंका करने वाले सीधे मुकरते दिखे। ऐसे में उनकी फोटो दिखाकर उन्हें शांत किया गया। थूकने वालों के साथ भी इस तरह के मामले हुए।
ऐसा नहीं होना चाहिए
न्यूसेंस डिटेक्शन स्क्वॉड में सभी सेवानिवृत्त सेना के जवान होने से अनुशासन अधिक है। वे पूरी निष्ठा के साथ अपने काम को निभाने में जुटे हैं। ऐसे में अब उन्हें हर विभाग अपने साथ कार्रवाई में साथ चलने के लिए दबाव बना रहा है। जैसा चाहे, उसका वैसा इस्तेमाल किया जा रहा है। हश्र यह हो रहा है कि न्यूसेंस डिटेक्शन स्क्वॉड अपना मूल काम छोड़ शहर में सुअर पकड़ने, अवैध नल कनेक्शन धारकों के खिलाफ कार्रवाई सहित विविध कामों में जुट गया है। इस कारण स्क्वॉड का जिस उद्देश्य गठन किया गया था, वह प्रभावित हो रहा है।
दिक्कत यह भी
शहर की जनसंख्या करीब 30 लाख तक पहुंच गई है। इतने बड़े शहर में न्यूसेंस डिटेक्शन स्क्वॉड को सिर्फ 41 जवान दिए गए हैं, जबकि मंजूर पद 87 है। 41 जवानों के भरोसे संपूर्ण शहर में कार्रवाई की जा रही है। हाल में अन्य पदों को भरने की फाइल प्रशासन को भेजी गई है। जिसे मंजूरी मिलने की जानकारी है, लेकिन अब तक जवान नहीं मिले हैं।
Created On :   21 Aug 2019 6:18 PM IST